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Delhi: 550 साल पुरानी गुमटी शेख अली फिर बनेगी राजधानी की शान, 5 करोड़ रुपये से होगा कायाकल्प

आदित्य पाण्डेय, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विजय पुंडीर Updated Thu, 13 Nov 2025 10:53 AM IST
सार

पहली परियोजना में गुमटी शेख अली मकबरे के परिसर के नवीनीकरण, मरम्मत और सौंदर्यीकरण के लिए 4.31 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया है। इसमें सिविल और इलेक्ट्रिकल दोनों काम होंगे। निर्माण के काम पर 3.02 करोड़ और बिजली व सजावट पर 1.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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550-year-old Gumti Sheikh Ali will be renovated at a cost of Rs 5 crore
सौंदर्यीकरण के बाद कुछ ऐसे नजर आएगा गुमटी शेख अली मकबरा - फोटो : AI
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विस्तार
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लोधी काल का करीब 550 साल पुराना गुमटी शेख अली मकबरा पर्यटकों का नया डेस्टिनेशन पॉइंट बनेगा। दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम लिमिटेड (डीटीटीडीसी) इस पुराने स्मारक और उसके आसपास के क्षेत्र का कायाकल्प कर रहा है। करीब 5 करोड़ रुपये की दो बड़ी परियोजनाओं से इसकी रंगत बदलेगी। इसमें धरोहर की मरम्मत और आधुनिक रूप से सौंदर्यीकरण किया जाएगा। आसपास के पूरे परिसर को हरियाली और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।

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पहली परियोजना में गुमटी शेख अली मकबरे के परिसर के नवीनीकरण, मरम्मत और सौंदर्यीकरण के लिए 4.31 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया है। इसमें सिविल और इलेक्ट्रिकल दोनों काम होंगे। निर्माण के काम पर 3.02 करोड़ और बिजली व सजावट पर 1.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये काम दो महीने में पूरे होंगे। 14 नवंबर को इसके टेंडर भरे जाएंगे। दूसरी परियोजना में परिसर की हरियाली, लैंडस्केपिंग होगी। इसके लिए 69.99 लाख रुपये के टेंडर जारी हुए हैं। ये काम भी दो महीने में हो जाएगा। निर्माण करने वाली एजेंसी ही दो साल तक इसका रखरखाव करेगी। पौधों की सिंचाई, खाद पानी, खरपतवार और सूखे पौधों की जगह नए पौधे लगेंगे। दोनों काम डीटीटीडीसी के इंजीनियरिंग और हॉर्टिकल्चर विंग की देखरेख में पूरे होंगे। डिफेंस कॉलोनी का ये इलाका फिर से ऐतिहासिक महत्व हासिल करेगा। साथ ही, अपनी सुंदरता और हरियाली के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगा काम
यह क्षेत्र पुरातत्व विभाग का संरक्षित धरोहर स्थल है। इसके स्वरूप को बदलने का पूरा काम सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और निगरानी में चलेगा। री-डेवलपमेंट करने वाली एजेंसी यह सुनिश्चित करेगी कि काम के दौरान स्मारक की मूल संरचना को किसी तरह की क्षति न पहुंचे। सभी काम पुरातत्व विभाग की अनुमति से होंगे। 

विरासत पर्यटन योजना का बनेगा हिस्सा     
डीटीटीडीसी का कहना है कि परियोजना पूरी होने के बाद यह धरोहर दिल्ली की विरासत पर्यटन योजना का हिस्सा बनेगी। पर्यटकों के लिए नया आकर्षण स्थल होगी। इससे न सिर्फ क्षेत्र का सौंदर्य बढ़ेगा बल्कि राजधानी के पर्यावरण को भी एक नया जीवन मिलेगा।

लोधी काल की अष्टकोणीय प्राचीन इमारत
गुमटी शेख अली लोधी काल (1451-1526) की अष्टकोणीय एक प्राचीन इमारत है जिसमें धनुषाकार गुंबद वाली छत है। इसके आठों किनारों पर नुकीले मेहराब हैं। ये केवल एक तरफ खुला है। बाकी हिस्सा ईंटों से बंद है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इसे एक संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। यहां हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने के बाद दिल्ली सरकार इसका संरक्षण और रखरखाव करा रही है।

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