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दिल्ली: यमुना की सतह पर फिर तैरने लगी जहरीले झाग की मोटी परत, देखें वीडियो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार कुमार
Updated Sat, 07 Aug 2021 11:55 AM IST
सार
सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने के दावे लगातार करती रही है, लेकिन यमुना में कई जगह आए दिन पानी में जहरीले झाग देखे जा रहे हैं।
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यमुना में झाग
- फोटो : ANI
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विस्तार
सरकार के लाख दावों और कोशिशों के बावजूद भी दिल्ली में यमुना नदी साफ नहीं हो सकी। प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी में जहरीले झाग की मोटी परत तैरती दिखाई दी।
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#WATCH | A layer of toxic foam continues to float on the surface of Yamuna river in Delhi's Kalindi Kunj river pic.twitter.com/RpBzfx3epy
विज्ञापन— ANI (@ANI) August 7, 2021विज्ञापन
सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने के दावे लगातार करती रही है, लेकिन यमुना में कई जगह आए दिन पानी में जहरीले झाग देखे जा रहे हैं।
हालांकि, दिल्ली के मास्टर प्लान-2041 में पर्यावरण पर भी विशेष जोर दिया गया है। इसके तहत राजधानी में हरियाली की गुणवत्ता में सुधार के साथ यमुना प्रदूषण व पानी की बुनियादी जरूरतों पर भी जोर दिया गया है। साथ ही दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए साइकिल ट्रैक की भी आवश्यकता बताई गई है।
मास्टर प्लान के मुताबिक, दिल्ली को हरा भरा शहर बताया गया है, लेकिन यहां हरियाली का वितरण असमान है। दिल्ली के कई स्थानों पर हरियाली की गुणवत्ता में भी सुधार की आवश्यकता बताई गई है। भूगौलिक व मानवीय कारणों की वजह से दिल्ली वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण से ग्रसित है। इससे स्थानीय जैव विविधता के साथ-साथ इंसानों को भी खतरा है।
डीडीए ने मास्टर प्लान में दिल्ली में पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पानी के पुन: उपयोग पर जोर दिया है। मास्टर प्लान में कहा गया है कि पुन: उपयोग की कार्यनीति की कमी के कारण पानी बर्बाद होता है। इससे दिन-प्रतिदिन की बुनियादी जरूरतों पर भी प्रभाव पड़ता है। यही वजह है कि प्रति व्यक्ति पेयजल को 60 गैलन से कम कर 50 गैलन करने का प्रस्ताव दिया गया है और इसकी कमी को उपचारित पानी से पूरा करने का विचार है।