आईआईटी-एनआईटी में दाखिले की प्रक्रिया इस दिन से होगी शुरू, काउंसलिंग में लाने होंगे ये दस्तावेज
आईआईटी और एनआईटी में दाखिले के लिए 15 जून से रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। छात्र इसके लिए ज्वाइंट सीट अलोकेशन अथॉरिटी (जोसा) 2018 की वेबसाइट www.josaa.nic.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जेईई एडवांस की रैकिंग के आधार पर आईआईटी संस्थानों में दाखिला दिया जाएगा जबकि मेन के आधार पर एनआईटी, ट्रिपलआईटी, जीएफटीआई सहित अन्य कई संस्थानों में एडमिशन होंगे।
काउंसलिंग की प्रक्रिया सात राउंड तक चलेगी। 15 जून से 25 जून तक छात्र पहले राउंड के लिए रजिस्ट्रेशन एंड च्वाइस फिलिंग प्रॉसेस करेंगे। 27 जून को पहले राउंड के लिए सीट अलॉटमेंट सूची जारी होगी। इसके बाद 28 जून से दो जुलाई तक छात्रों को डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन और आवंटित संस्थान में रिपोर्टिंग करना होगा। आखिरी राउंड की काउंसलिंग तभी होगी जब सीटें खाली रहेंगी। इसकी पूरी प्रक्रिया 18 जुलाई को ही समाप्त कर दी जाएगी।
काउंसलिंग में लाने होंगे ये दस्तावेज
- प्रोविजनल सीट अलॉटमेंट लेटर
- 12वीं की मार्कशीट, सर्टिफिकेट।
- आवंटित सीट को स्वीकार करने के लिए ऑनलाइन जमा की गई शुल्क की रसीद
- फोटो युक्त पहचान पत्र
- हाईस्कूल की मार्कशीट
- मेडिकल सर्टिफिकेट
- आरक्षित वर्ग के छात्रों को कैटेगिरी सर्टिफिकेट
- दो पासपोर्ट साइज फोटो, जिसमें से एक जेईई मेन में आनलाइन आवेदन के दौरान प्रयोग किया गया हो।
सीट छोड़ी तो काउंसिलिंग से बाहर
देश के सभी इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले को होने जा रही संयुक्त काउंसिलिंग में अगर अभ्यर्थी ने सीट छोड़ी तो सीधे काउंसिलिंग से बाहर हो जाएंगे। जोसा ने संयुक्त काउंसिलिंग के नियम जारी कर दिए हैं। इसके तहत अभ्यर्थियों को सीट अलॉट होने के बाद फीस जमा करानी होगी। यह फीस बाद में एडमिशन फीस में एडजस्ट कर ली जाएगी।
15 जून से च्वाइस भरने वालों को प्रोविजनल सीट अलॉटमेंट लेटर मिलेगा। इस लेटर को डाउनलोड करने के बाद अभ्यर्थी को शुल्क जमा कराना होगा। शुल्क जमा कराने के बाद अगर अभ्यर्थी रिपोर्टिंग सेंटर पर उपस्थित हो गया तो उसका यह शुल्क वापस नहीं होगा। लेकिन सीट मिलने के बाद अगर वह रिपोर्टिंग सेंटर पर नहीं गया तो शुल्क लौटा दिया जाएगा। जोसा ने एनआईटी के 38 और आईआईटी के लिए 17 रिपोर्टिंग सेंटर देशभर में बनाए हैं। अभ्यर्थी को सीट अलॉट होने के बाद इन रिपोर्टिंग सेंटर पर जाकर अपने प्रमाण पत्र जमा कराने होंगे।
यह भी नियम तय किया गया है कि अगर किसी अभ्यर्थी ने सीट मिलने के बाद उसे रिजेक्ट कर दिया तो वह काउंसिलिंग की पूरी प्रक्रिया से बाहर हो जाएगा। काउंसिलिंग में बने रहने के लिए अभ्यर्थी को फ्री, फ्लॉट और स्लाइड का विकल्प दिया गया है। फ्रीज के तहत अभ्यर्थी किसी संस्थान में कोई सीट अलॉट होने के बाद उसे फ्रीज कर सकता है। इसके बाद अन्य चरणों की काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। फ्लॉट के तहत अभ्यर्थी सीट स्वीकार करने के बाद यह सुविधा मिलेगी कि वह अच्छी सीट मिलने पर इस सीट को छोड़ दे।
अगर अच्छी सीट न मिली तो इस सीट पर ही दाखिला लेगा। इस विकल्प को चुनने वालों को आगे के चरणों की इंजीनियरिंग काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका मिलेगा। स्लाइड के तहत अगर कोई अभ्यर्थी किसी संस्थान में सीट पा लेता है तो वह उसे स्लाइड कर सकता है। यानी उसी संस्थान में इस सीट से बेहतर सीट मिलने पर स्लाइड का लाभ मिलेगा। अगर बेहतर सीट न मिली तो उसी सीट पर कायम रहना होगा। इस विकल्प को चुनने वाले अभ्यर्थियों को भी आगामी राउंड की काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका मिलेगा।
यह होगा काउंसिलिंग शुल्क
सामान्य : 35,000 रुपये
एससी, एसटी, ओबीसी : 15,000 रुपये