DU Admission 2025: डीयू के कॉलेजों में खाली सीटें भरने की कवायद फिर से होगी शुरू, ओपन मॉप-अप राउंड पर विचार
DU UG Admission: दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए स्नातक कार्यक्रमों में खाली सीटों को भरने की प्रक्रिया दोबारा शुरू होने जा रही है। कुलपति ने ईसी बैठक में ओपन मॉप-अप राउंड के आयोजन का सुझाव दिया है, जिसमें छात्र स्पॉट एडमिशन के माध्यम से सीधे कॉलेज में दाखिला ले सकेंगे।

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Delhi University Admission 2025: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए स्नातक कार्यक्रमों की खाली सीट भरने के लिए दोबारा से कवायद शुरू होगी। इस संबंध में शुक्रवार को डीयू कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में शून्य काल के दौरान कुछ कॉलेजों में खाली सीटों को लेकर कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने एक सुझाव दिया। उन्होंने इन खाली सीटों के लिए ओपन मॉप अप राउंड के आयोजन का विचार परिषद के सामने रखा।

9500 से ज्यादा सीट खाली
इसमें फिजिकल एडमिशन के माध्यम से छात्र स्पॉट एडमिशन द्वारा सीधे कॉलेज में दाखिला ले सकें। इस विषय पर ईसी सदस्यों ने नीति निर्धारित करने के लिए कुलपति को अधिकृत कर दिया है। स्नातक कार्यक्रम के लिए अलग-अलग कॉलेजों में 9500 से ज्यादा सीट खाली थी। सीट भरने के लिए मॉपअप राउंड चलाया गया। इसके बावजूद 69 में से 65 कॉलेज/विभाग में सीटें खाली हैं। हालांकि अभी मॉपअप राउंड जारी है उसके बावजूद बड़ी तादाद में सीटें खाली पड़ी है। ईसी की बैठक में सदस्यों ने सुझाव ऑनलाइन के साथ मौके पर दाखिला देने का सुझाव भी दिया।
कॉलेज में रिसर्च डिस्कशन रूम की होगी व्यवस्था
एनईपी 2020 के तहत शुरू हुए यूजी के चौथे वर्ष को लेकर कुलपति ने कहा कि प्रत्येक कॉलेज में रिसर्च डिस्कशन रूम और शिक्षकों के लिए भी कमरों की व्यवस्था की जाए। ईसीए और स्पोर्ट्स कोटा के तहत दाखिलों को लेकर सभी कॉलेजों के लिए स्पष्ट नीति का मुद्दा ईसी सदस्यों द्वारा उठाए जाने पर कुलपति ने कहा कि इसके लिए निर्धारित संयुक्त 5 फीसदी कोटा का प्रावधान सभी कॉलेजों के लिए है। इसमें 3:2 का प्रावधान कॉलेज अपने स्तर पर वहां उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार कर सकते हैं कि किसे तीन और किसे दो फीसदी देना है। ईसी सदस्यों ने नीति निर्धारण के लिए कुलपति को अधिकृत किया।
पीएचडी पाठ्यक्रम हेतु दिशानिर्देश पारित
डीयू ईसी की बैठक में पीएचडी पाठ्यक्रम हेतु दिशा निर्देश भी पारित किए गए। विश्वविद्यालय के सभी विभाग अपने-अपने विषयों में पीएचडी कार्यक्रम प्रदान करते हैं। यह देखा गया है कि विभिन्न विषयों में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम के स्वरूप में भिन्नताएं हैं। विभिन्न विषयों में पीएचडी पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने के लिए शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से प्रभावी होने हेतु कुछ दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं, जिन्हें डीयू ईसी द्वारा पारित कर दिया गया है। इनके तहत पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक कुल क्रेडिट 12 से 16 क्रेडिट तक होंगे।
न्यूनतम 12 क्रेडिट में शोध पद्धित और उन्नत शोध पद्धति के चार क्रेडिट होंगे। रिसर्च पब्लिकेशन एथिक्स के दो क्रेडिट, रिसर्च टूल्स के दो क्रेडिट और डिसिप्लिन स्पेसिफिक इलेक्टिव कोर्स के चार क्रेडिट होंगे। आवश्यकता पड़ने पर डीएसई से अतिरिक्त चार क्रेडिट प्राप्त किए जा सकते हैं।
सेंटर फॉर गुरुमुखी स्क्रिप्ट्स के लिए मिली मंजूरी
ईसी में सेंटर फॉर एडवांस्ड बुद्धिस्ट स्टडीज और सेंटर फॉर गुरुमुखी स्क्रिप्ट्स के लिए मंजूरी दी। इसके अलावा ईसी की बैठक में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने देश के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। उनके स्वागत में डीयू ईसी से प्रस्ताव पारित करके भेजा जाए। सभी ईसी सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया।