Rajya Sabha: भारत में पढ़ रहे 200 देशों के 72,218 विदेशी छात्र, भारतीय संस्थानों की रैंकिंग में भी आया उछाल
भारत में 200 देशों के 72,218 विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में 54 भारतीय संस्थानों को स्थान मिला, जो अब तक का सर्वोच्च प्रतिनिधित्व है। सरकार ने विश्व स्तरीय संस्थान योजना के तहत 8 सार्वजनिक IoE को 6,198.99 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
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सरकार ने बुधवार को राज्यसभा को बताया कि वर्तमान में लगभग 200 देशों के 72,218 विदेशी छात्र भारत में हैं। प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने यह भी बताया कि विश्व स्तरीय संस्थान योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 8 सार्वजनिक संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान (IoE) का दर्जा देने के लिए 6,198.99 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 54 भारतीय संस्थानों को मिली जगह
उन्होंने यह भी बताया कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (QS WUR) 2026 में 54 उच्च शिक्षा संस्थानों को स्थान मिला है, जबकि 2014-15 में जब भाजपा केंद्र में सत्ता में आई थी, तब केवल 11 संस्थानों को स्थान मिला था और अब 54 भारतीय संस्थानों को क्यूएस डब्ल्यूयूआर 2026 में स्थान मिला है। उन्होंने आगे कहा कि यह क्यूएस डब्ल्यूयूआर में भारत का अब तक का सर्वोच्च प्रतिनिधित्व है।
देश में 200 देशों के लगभग 72,218 छात्र
मजूमदार ने बताया कि भारत में लगभग 72,218 विदेशी छात्र हैं। ये 200 देशों से हैं और विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र विदेशी विश्वविद्यालयों और विदेशी छात्रों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है।
मजूमदार ने कहा कि मंत्रालय ने सार्वजनिक और निजी श्रेणी के 10 उच्च शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने के लिए विश्व स्तरीय संस्थान योजना शुरू की है, ताकि वे विश्व स्तरीय शिक्षण और अनुसंधान संस्थान के रूप में उभर सकें। अब तक 12 संस्थानों को IoE के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है। इनमें 8 सार्वजनिक श्रेणी के संस्थान और 4 निजी श्रेणी के संस्थान शामिल हैं।
उन्होंने बताया, "इस योजना के तहत केवल सार्वजनिक संस्थानों को ही धनराशि प्रदान की जाती है। योजना की शुरुआत से अब तक 8 सार्वजनिक संस्थानों के लिए लगभग 6,198.99 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।"
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दिया श्रेय
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020, उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में शिक्षा की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है, जिसमें गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे का प्रावधान, अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, उद्योग-अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा, "भारत सरकार द्वारा एनईपी-निर्देशित पहलों से क्यूएस डब्ल्यूयूआर सहित अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।"
इसमें कहा गया है कि क्यूएस डब्ल्यूयूआर में शामिल भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या पिछले पांच वर्षों में दोगुनी हो गई है, जो 2021 में 27 से बढ़कर नवीनतम रैंकिंग में 54 हो गई है।