Assam: तेजपुर विश्वविद्यालय में कुलपति हटाने की मांग पर छह दिनों से शटडाउन, प्रो-वीसी नियुक्ति प्रस्ताव खारिज
Tezpur University: तेजपुर विश्वविद्यालय में कुलपति शंभु नाथ सिंह को हटाने की मांग को लेकर छात्रों का शटडाउन छठे दिन भी जारी रहा। स्टाफ ने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के प्रॉ-वीसी नियुक्ति सुझाव को भी ठुकरा दिया। आंदोलनकारी तत्काल कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।
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Tezpur University: असम के तेजपुर विश्वविद्यालय में कुलपति को हटाने की मांग को लेकर छात्रों का शटडाउन गुरुवार को छठे दिन भी जारी रहा। वहीं, विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा प्रॉ वाइस चांसलर नियुक्त करने के सुझाव को ठुकरा दिया है।
छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को लेकर सितंबर मध्य से विरोध जताते आ रहे हैं। 29 नवंबर से उन्होंने सभी शैक्षणिक गतिविधियों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया।
थोड़ी ढील, लेकिन विरोध जारी
एक संकाय सदस्य के अनुसार, पिछले तीन दिनों से सुबह कुछ घंटों के लिए विभागों में आपात कार्य और लंबित कार्यों के लिए शटडाउन में सीमित छूट दी गई है।
सीएम के सुझाव पर स्टाफ का कड़ा विरोध
बुधवार को मुख्यमंत्री सरमा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बात कर प्रॉ-वीसी की तत्काल नियुक्ति और कुलपति के खिलाफ निष्पक्ष जांच के सुझाव की बात कही थी।
इसके जवाब में तेजपुर विश्वविद्यालय संयुक्त फोरम (TUUF) ने देर शाम बयान जारी कर कहा, “प्रॉ-वीसी नियुक्त करना हमारी मांग नहीं है। हमारी लगातार व स्पष्ट मांग कार्यवाहक कुलपति की तत्काल नियुक्ति और वर्तमान वीसी का निलंबन है।”
फोरम ने यह भी दावा किया कि विश्वविद्यालय में 76 दिनों से उथल-पुथल जारी है और इस दौरान मुख्यमंत्री “चुप्पी साधे रहे”। TUUF का कहना है कि सीएम की अब की गई कार्रवाई राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा उठने के बाद हुई, जिससे उनकी नीयत पर सवाल उठता है।
कांग्रेस ने भी बोला हमला
असम कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने भी मुख्यमंत्री की आलोचना की। उन्होंने कहा, “कुलपति की विफलताओं को छिपाने के लिए प्रॉ-वीसी का सुझाव दिया जा रहा है। तेजपुर विश्वविद्यालय की साख को सर्वोपरि रखते हुए नए कुलपति की नियुक्ति होनी चाहिए।”
गोगोई ने पुराने समाचारों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि शंभु नाथ सिंह के पटना विश्वविद्यालय में वीसी रहते हुए भी वित्तीय अनियमितताओं की जांच हुई थी।
परीक्षाएं रद्द, वीसी कैंपस से दूर
शटडाउन के बीच एंड-टर्म परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं और अन्य गतिविधियां भी ठप हैं। शिक्षक संघ (TUTA) और नॉन-टीचिंग कर्मचारी संघ (TUNTEA) ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है। 22 सितंबर को छात्रों के साथ तीखी नोकझोंक के बाद कुलपति कैंपस से दूरी बनाए हुए हैं।