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तनिष्क की सफलता के तीन मूलमंत्र: ग्राहक अनुभव-उम्दा डिजाइन और भरोसा, कंपनी का लक्ष्य देश के हर कोने तक पहुंच

राहुल कांकरिया Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Mon, 10 Feb 2025 07:06 AM IST
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सार

जूलरी उद्योग में तनिष्क एक बड़ा नाम है। कंपनी सफल मुकाम पर कैसे पहुंची...इस पर पेश है तनिष्क के सीईओ अजय चावला से विशेष बातचीत
 

Tanishq CEO Ajoy Chawla shares success story Customer experience great design and trust three keys
अजय चावला, तनिष्क के सीईओ - फोटो : अमर उजाला
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आभूषण उद्योग में टाटा समूह की कंपनी तनिष्क एक बड़ा, सफल और भरोसेमंद नाम है। अपनी शानदार डिजाइन, बेहतर कस्टमर एक्सपीरियंस और नए कलेक्शन के मामले में कंपनी लीडरशिप पोजीशन में है। उसका लक्ष्य अपने लग्जरी कलेक्शन जोया और मिया को वैश्विक स्तर पर ले जाकर स्थापित करना है।   

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  • कंपनी अभी 270 शहरों में मौजूद है। आगे चलकर उसका लक्ष्य 300-350 शहरों तक पहुंचना है। कंपनी ने हाल ही में अयोध्या में स्टोर की शुरुआत की है।
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  • तनिष्क के साथ आज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 15,000 कारीगर जुड़े हैं। कंपनी सबसे ज्यादा सस्टेनेबल होने की दिशा में भी प्रयासरत है।

बतौर तनिष्क सीईओ आप महत्वपूर्ण सेगमेंट देख रहे हैं। इस ब्रांड को लेकर आपका विजन क्या है?
यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं टाटा ग्रुप में हूं। टाइटन जैसी कंपनी और आभूषण कैटेगरी में सर्विस कर पा रहा हूं। जहां तक मेरी पर्सनालिटी या वैल्यू से इस ब्रांड के मैच करने की बात है तो एक-दो चीजें महत्वपूर्ण हैं। देखिए, भरोसा और पारदर्शिता टाटा ग्रुप की पहचान है। यही मेरा भी सिद्धांत है। हमारे लिए दूसरी बड़ी चीज है...हमेशा तरक्की करते रहना। इसके लिए तनिष्क का सीईओ होने के नाते मेरा काम है...सर्वे करना और सीखते रहना। आज आभूषण मार्केट धीरे-धीरे ऑर्गेनाइज होता जा रहा है। बहुत सारी कंपनियां आ चुकी हैं। इसलिए, हमें मार्केट पर नजर रखने के साथ ग्राहकों से सीखना पड़ता है। उनके सामने ब्रांड की एक नई कहानी बतानी पड़ती है, जो उनके लिए प्रासंगिक हो। 


भारतीय आभूषण मार्केट की वर्तमान स्थिति के बारे में क्या सोचते हैं? पांच वर्षों में टाइटन जूलरी व्यवसाय को कैसे विकसित होते हुए देखते हैं?
जैसे-जैसे ग्राहकों की धारणा में बदलाव हो रहा है, मार्केट का ट्रेंड बदल रहा है, अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है...भारतीय आभूषण मार्केट में तरक्की के बेशुमार मौके उपलब्ध हैं। सरकार ने भी इस उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए नोटबंदी, जीएसटी और हॉलमार्किंग जैसे कई उपाय किए हैं। इसके अलावा, कोविड के कारण ग्राहकों की सोच में काफी बदलाव आया। उनका झुकाव ऐसे ब्रांड की ओर बढ़ा है, जो प्रमाणिक हो, भरोसमंद हो और सच्चाई की कहानी बयां करे। जहां तक ग्रोथ की बात है तो बाजार तो बढ़ ही रहा है। इसके साथ हमें भी बढ़ते रहना है। लेकिन, हमारे लिए सबसे जरूरी है कि ग्राहकों को भरोसा तनिष्क पर बना रहे। ग्राहकों को हमारे शोरूम और हमारी वेबसाइट पर जाने पर ऐसा लगना चाहिए कि तनिष्क न सिर्फ एक भरोसेमंद ब्रांड है, बल्कि अव्वल ब्रांड भी है।

भरोसे के अलावा कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए आप क्या रणनीति अपनाते हैं?
देखिए, भरोसा, एक्सीलेंस और डिजाइन हमारी प्राथमिकता है। तनिष्क ब्रांड के रूप में हम ग्राहकों को वही उत्पाद देने की कोशिश करते हैं, जिनकी डिजाइन लेटेस्ट हो। उम्दा डिजाइन, आभूषण की गुणवत्ता और फिनिशिंग ही तनिष्क की पहचान है, जिनके जरिये हम कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाते हैं। 

आपके विचार में प्रौद्योगिकी आभूषण उद्योग के भविष्य को कैसे आकार देगी? टाइटन का जूलरी व्यवसाय इसका लाभ कैसे उठाता है?
आज जूलरी डिजाइन से लेकर कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। उद्योग की तरह हम भी बेहतरीन कलेक्शन और शानदार डिजाइन पेश  करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहे हैं। लेकिन, तनिष्क के लिए सबसे जरूरी चीज है कि हम कस्टमर को ज्यादा सेलिब्रेट करते हैं। हम अपने विज्ञापनों में भी ऐसे सेलिब्रेटी और कंटेंट का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें देखकर ग्राहकों को लगता है कि तनिष्क ही एक ऐसा ब्रांड है, जो हमें वास्तव में बेहतर तरीके से समझता है और वे हमसे दिल से जुड़ जाते हैं।  

  • हम उन सभी कस्टमर को सेलिब्रेट करते हैं, जिनकी जरूरत पारंपरिक हो या आधुनिक, लेकिन सोच तरक्की पूर्ण हो। तनिष्क प्रोग्रेसिव सोच के साथ काम करता है और आगे बढ़ता है। 

आपने महिलाओं को पैसा जोड़कर सोने में निवेश करना सिखाया। इसका आइडिया कहां से आया?
हम गोल्डन हार्वेस्ट प्रोग्राम चलाते हैं, जिसका आइडिया साउथ से आया था। साउथ में एक सामान्य प्रैक्टिस है कि वहां लोग भविष्य की बचत के लिए सोने में निवेश करते हैं। बेटी पैदा होने के बाद उन्हें पता है कि उसकी शादी के समय बहुत सारे गहनों की जरूरत होगी। वे अब भी इन पुरानी परंपराओं के तहत अपनी बचत को सोने के रूप में जोड़ते हैं। नॉर्थ इंडिया में भी ऐसा चलन है। जहां तक आइडिया की बात है, तो कंपनी में हमारे एक पुराने एग्जिक्यूटिव हैं, जिनका इसके लिए एक बड़ा प्रोग्राम बनाने का विचार था। हमारे खुदरा कारोबार में गोल्डन हार्वेस्ट का अच्छा योगदान है। मैं ऐसे बहुत सारे कस्टमर को जानता हूं, जिन्होंने इस प्रोग्राम के जरिये काफी सोना इकट्ठा कर लिया है। गोल्डेन हार्वेस्ट के तहत ही कई अन्य प्रोग्राम भी शुरू किए गए हैं।

युवाओं को आगे बढ़ने के लिए कोई खास सलाह?

हर आदमी की अपनी एक पहचान होती है। उसको पहचानना और सेलिब्रेट करना जरूरी है। अपनी राह खुद बनाएं। सबकुछ सीखने और जानने  में दिलचस्पी रखें। यहीं से नवाचार का रास्ता निकलता है। -अजय चावला, तनिष्क के सीईओ

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