TN: रूसी सेना में जबरन भर्ती किए गए तमिलनाडु के छात्र को बचाने की मांग, MDMK सांसद की केंद्र सरकार से अपील
Tamil Nadu: रूस में एक भारतीय छात्र को कथित तौर पर जबरन सेना में भर्ती किया जा रहा है। यह जानकारी एमडीएमके (MDMK) सांसद दुरई वैको ने दी और केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और छात्र की जान बचाने की अपील की है।
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Tamil Nadu: तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के एक मेडिकल छात्र को कथित रूप से जबरन रूसी सेना में भर्ती किए जाने के मामले में एमडीएमके (MDMK) सांसद दुरई वैको ने केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और छात्र की जान बचाने की अपील की है।
नशीली दवा से जुड़े मामले में हिरासत में लिया गया था
दुरई वैको ने शुक्रवार को चेन्नई में प्रेस से बात करते हुए बताया कि कुड्डालोर जिले के श्रीमुष्णम के रहने वाला तीसरे वर्ष के मेडिकल छात्र किशोर सरवनन को रूसी पुलिस ने एक नशीली दवा से जुड़े मामले में हिरासत में लिया। यह मामला उन लोगों से जुड़ा था जो किशोर के साथ रह रहे थे, लेकिन किशोर का इसमें कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं था।
उन्होंने कहा, “किशोर पूरी तरह निर्दोष है और उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है, इसके बावजूद उसे जेल में डाला गया। उसने कई बार खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश की और उसके परिवार ने भी भारत सरकार से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली।”
छात्र को प्रताड़ित किया जा रहा
12 जुलाई को परिवार को किशोर का एक फोन आया, जिसमें उसने बताया कि उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, मानसिक रूप से यातना दी जा रही है और जबरन कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं।
सांसद दुरई वैको ने बताया कि किशोर को अब उसकी मर्जी के खिलाफ सैन्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है और जल्द ही उसे यूक्रेन में युद्ध के मोर्चे पर भेजा जा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर उसे युद्ध के लिए भेजा गया, तो वह शायद जीवित न लौटे।”
2 अगस्त को युद्ध के मोर्चे पर भेजा जाएगा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किशोर के माता-पिता सरवनन और भामा भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि अपने बेटे को रूस में पढ़ाई के लिए भेजने के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी थी। उन्होंन कहा, “अब हमारा बेटा जेल में है। हमें उसकी एक वॉइस मैसेज मिली है जिसमें कहा गया है कि उसे 2 अगस्त को युद्ध के मोर्चे पर भेजा जाएगा। हम दोनों सरकारों (भारत और रूस) से अपील करते हैं कि कृपया हमारे बेटे को बचाएं और उसे तमिलनाडु वापस लाएं।”