10वीं बार नीतीश कुमार: नीतीश ने शपथ लेते ही बनाया ये रिकॉर्ड, कार्यकाल पूरा करते ही रचेंगे नया इतिहास
नीतीश कुमार बिहार के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने 10 बार सीएम पद की शपथ ली है। उनके नाम बिहार में सबसे लंबे समय पर सत्ता में रहने का रिकॉर्ड पहले से ही है। आइये जानते हैं देश में कितने सीएम नीतीश कुमार से भी ज्यादा वक्त तक मुख्यमंत्री रहे हैं। पांच साल के बाद यानी साल 2030 में नीतीश कार्यकाल पूरा करने पर कई दिग्गज नेताओं से आगे निकल जाएंगे...
विस्तार
बिहार में एनडीए को प्रचंड जीत मिलने के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। वह 19 वर्ष तक बिहार की सत्ता के शीर्ष पर रह चुके हैं। वह बिहार में सबसे लंबे समय तक सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री भी हैं। बिहार में अभी तक किसी भी मुख्यमंत्री का कार्यकाल इतना लंबा नहीं रहा है। देश के अब तक इतिहास को देखें तो सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वालों की सूची में नीतीश कुमार का नाम भी शामिल है। इसके साथ ही वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिसने नौ बार इस पद की शपथ ली है। अब उन्होंने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
देश के कितने मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल नीतीश से भी ज्यादा रहा?, जिन मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल नीतीश से ज्यादा रहा उन्होंने कितनी बार पद की शपथ ली?, बिहार में कितने मुख्यमंत्रियों ने एक से ज्यादा बार शपथ ली?, बिहार में सबसे ज्यादा कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री कौन हैं?, सबसे ज्यादा वक्त तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वालों की सूची कैसी है? आइये जानते हैं...
देश में कितने मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल नीतीश से भी ज्यादा रहा?
इस सूची में सबसे पहला नाम सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे पवन कुमार चामलिंग का आता है। वह 1994 से 2019 तक लगभग 24 वर्षों तक सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे। इन्होंने कुल पांच बार पद की शपथ ली। वह सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता हैं। इस सूची में दूसरा नाम नवीन पटनायक का आता है। वह बीजू जनता दल से 24 वर्ष 99 दिनों तक ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे। नवीन पटनायक ने पांच बार पद की शपथ ली थी।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु 1977 से 2000 तक लगभग 23 वर्ष बंगाल के रहे। उन्होंने ने भी पांच बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री गेगोंग अपांग हैं, जिनका पहला कार्यकाल 1980 से 1999 तक और फिर दूसरा कार्यकाल 2003 से 2007 रहा। उन्होंने कुल पांच बार पद की शपथ ली थी। लेकिन इस दौरान वह लगातार पार्टी बदलते रहे।
इसके बाद मिजोरम के लाल थनहवला का नाम है, जो तीन अलग-अलग कार्यकाल में मुख्यमंत्री रहे। वह कांग्रेस पार्टी से 1984 से 1986, 1989 से 1998 और 2008 से 2018 तक 22 वर्ष मुख्यमंत्री पद पर रहे। इसके बाद हिमाचल प्रदेश के वीरभद्र सिंह जो 21 वर्ष मुख्यमंत्री रहे, त्रिपुरा के माणिक सरकार जो 19 वर्ष से ज्यादा मुख्यमंत्री पद पर रहे।
इसके बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार का नाम आता है। जो 19 वर्षों से बिहार के सीएम हैं। उन्होंने कुल नौ बार सीएम पद की शपथ ली है। इस बार वह दसवीं बार पद की शपथ लेंगे। अगर वह 2030 तक सीएम पद पर बने रहते हैं तो वह सबसे लंबे समय तक सीएम रहने की इस सूची में टॉप तीन में शामिल हो जाएंगे।

बिहार में कितने मुख्यमंत्रियों ने एक से ज्यादा बार शपथ ली?
नीतीश कुमार को मिलाकर कुल बिहार के सात सीएम ऐसे हैं जिसने एक से ज्यादा बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इसमें सबसे पहला नाम बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण का है। पहली बार 1952 में जब पूरे देश में चुनाव हुए उसके बाद उन्होंने शपथ ली। इसके बाद 1957 में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
इसके बाद भोला पासवान शास्त्री का नाम है। शास्त्री जून 1968 और ठीक एक साल बाद जून 1969 में मुख्यमंत्री बने थे। भोला पासवान को एक और बार बिहार के सीएम की कुर्सी मिली। लेकिन तीन बार मुख्यमंत्री बनने के बावजूद वे कुल-मिलाकर भी एक साल तक भी इस पद पर नहीं रहे।
कर्पूरी ठाकुर भी दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। पद पर रहते हुए उन्होंने बिहार के लिए जो काम किए इसके कारण उन्हें जननायक की उपाधि दी गई। पहली बार वह दिसम्बर 1970 से जून 1971 तक 163 दिनों के लिए इस पद पर रहे। इसके बाद दूसरे कार्यकाल में जून 1977 से अप्रैल 1979 तक 1 साल 301 दिन तक पद पर रहे।
जगन्नाथ मिश्र बिहार के 14वें मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कुल तीन बार पद की शपथ ली। उनके तीनों कार्यकाल को मिलाकर पर पांच साल मुख्यमंत्री रहे।
लालू प्रसाद यादव ने कुल दो बार सीएम पद की शपथ ली। पहला कार्यकाल मार्च 1990 से मार्च 1995 तक रहा। दूसरा अप्रैल 1995 से जुलाई 1997 तक चला। 1996 में लालू का नाम चारा घोटाले में सामने आया। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
बिहार में अब तक सिर्फ एक महिला मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठी हैं। पति लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया गया। राबड़ी देवी ने तीन बार इस पद की शपथ ली। पहली बार 25 जुलाई 1997 से 11 फरवरी 1999 तक वह 1 साल, 201 दिन तक मुख्यमंत्री रहीं। 9 मार्च 1999 से 2 मार्च 2000 तक वह 359 दिन के लिए दूसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। उनका तीसरा और आखिरी कार्यकाल 11 मार्च 2000 से 6 मार्च 2005 तक रहा।
बिहार में सबसे लबें वक्त तक पद पर रहने वाले मुख्यमंत्री कौन हैं?
बिहार में ऐसे दो ही मुख्यमंत्री है जिनका कार्यकाल दस वर्ष से अधिक रहा हो। इसमें पहला नाम श्री कृष्ण सिंह और दूसरा नाम नीतीश कुमार का है।
नीतीश कुमार- अब तक नौ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके नीतीश कुमार अब तक के सबसे लंबे समय तक सीएम रहे हैं। 2005 में नीतीश कुमार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। उनके मुख्यमंत्री बने रहने का यह सिलसिला 2014 तक बरकरार रहा। इस समय पर आठ वर्षों से भी ज्यादा समय तक के लिए मुख्यमंत्री रहे। 2014 के आम चुनावों के पहले नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया। वह राजद और कांग्रेस के साथ चले गए।
2014 के आम चुनावों में पार्टी को हार मिली, इसके बाद नीतीश कुमार ने पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया गया। 2015 विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में वापसी की। 2015 से अब तक पिछले नौ वर्षों में नीतीश कुमार छह बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। 2015 में मांझी को हटाकर नीतीश मुख्यमंत्री बने। नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने फिर से इस पद की शपथ ली। 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद नीतीश ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया और एनडीए में वापस आ गए।
2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को जीत मिली। एक बार फिर नीतीश कुमार सीएम बने। अगस्त 2022 में, कुमार ने एनडीए छोड़ दिया और महागठबंधन में फिर से शामिल हो गए। जनवरी 2024 में, नीतीश कुमार ने एक बार फिर महागठबंधन छोड़ दिया और एनडीए में शामिल हो गए। कुल मिलाकर नीतीश इस पद पर 19 साल से ज्यादा वक्त तक रह चुके हैं।
श्री कृष्ण सिंह- बिहार के सबसे लंबे समय तक सीएम बनने वालों में नीतीश कुमार के बाद श्री कृष्ण सिंह का नाम आता है। वह एक ऐसे राजनेता थे जो आजादी के पहले से बिहार के प्रीमियर रहे। 1937 में, जब अंग्रेजों ने धीरे-धीरे राज्यों की सत्ता में भारतीयों को जगह देना शुरू किया तो बिहार में कांग्रेस सत्ता में आई। श्रीकृष्ण सिन्हा इस प्रांत के प्रीमियर बने। उन्होंने 20 जुलाई 1937 को पटना में, भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत, अपने कैबिनेट का गठन किया। कृष्ण सिन्हा ने 1937 से 1952 तक राज्य के प्रीमियर रहे। 1952 से 1961 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वह 1961 तक यानी वह नौ वर्ष बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहे।
सबसे ज्यादा वक्त तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वालों की सूची?
नीतीश कुमार को मिलाकर ऐसे चार मुख्यमंत्री है जो पांच वर्ष से ज्यादा समय के लिए बिहार मे मुख्यमंत्री पद पर रहे हैं। इसमें सबसे पहला नाम नीतीश कुमार का है जो पिछले 19 वर्षों से इस पद पर हैं। दूसरे नंबर पर श्री कृष्ण सिन्हा का नाम है जो देश के आजाद होने के बाद बिहार के पहले मुख्यमंत्री बने। वह 11 वर्षों तक सीएम पद पर रहे। उन्होंने दो बार पद की शपथ ली।
तीसरे नंबर पर राबड़ी देवी है। यह बिहार की अब तक की पहली और आखिरी महिला सीएम बनी थी। लालू प्रसाद यादव के 1997 में जेल जाने के बाद उन्हें बिहार का सीएम बनाया गया था। उन्होंने कुल तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तीनों कार्यकाल को मिलाकर वह कुल 7 वर्ष तक सीएम रहीं।
इसके बाद लालू प्रसाद यादव ऐसे सीएम थे जिन्होंने पांच वर्ष से ज्यादा बिहार की सत्ता पर राज किया। वह दो बार सीएम बनें। उन्होंने अपना पहला कार्यकाल मार्च 1990 से मार्च 1995 तक पूरा किया। लेकिन दूसरे कार्यकाल में अप्रैल 1995 से जुलाई 1997 तक केवल दो वर्षों के लिए पद पर रह सके। इसके बाद उन्हें चारा घोटाले में सजा हो गई थी।