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Alok Nath: आलोक नाथ को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, हरियाणा मार्केटिंग घोटाले में गिरफ्तारी पर रोक

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: हिमांशु सोनी Updated Tue, 16 Sep 2025 01:41 PM IST
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सार

SC Protects Alok Nath Arrest: अभिनेता आलोक नाथ को एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। हरियाणा मार्केटिंग स्कैम मामले में आलोक की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है।

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आलोक नाथ - फोटो : एक्स
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बॉलीवुड के ‘संस्कारी बाबूजी’ के नाम से पहचाने जाने वाले चर्चित अभिनेता आलोक नाथ इन दिनों एक बड़े विवाद में फंसे हुए हैं। हरियाणा में दर्ज एक कथित मार्केटिंग फ्रॉड केस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। हालांकि, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
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क्या है पूरा मामला?
मामला हरियाणा की एक मल्टी मार्केटिंग कंपनी और उससे जुड़े ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का है। यह सोसाइटी सितंबर 2016 से सक्रिय थी और कई राज्यों में अपनी शाखाएं खोल चुकी थी। संस्था ने जनता को आकर्षित करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट जैसी बचत योजनाओं की पेशकश की और निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और समय पर उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा।
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शुरुआती कुछ वर्षों तक भुगतान होता भी रहा, जिससे लोगों का विश्वास और गहरा गया। लेकिन शिकायत के अनुसार, साल 2023 में अचानक निवेशकों को परिपक्वता राशि (मच्योरिटी अमाउंट) मिलना बंद हो गया। सोसाइटी के अधिकारियों ने देरी को ‘सिस्टम अपग्रेडेशन’ का बहाना बनाकर टालना शुरू किया और धीरे-धीरे निवेशकों से पूरी तरह संपर्क तोड़ दिया।

अभिनेता क्यों फंसे मामले में?
इस धोखाधड़ी में 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े भी शामिल हैं। शिकायतकर्ता विपुल अंतिल का आरोप है कि दोनों अभिनेताओं ने इस सोसाइटी का बतौर ब्रांड एंबेसडर प्रचार किया था। उनका कहना है कि जब मशहूर हस्तियों ने इस संस्था का प्रचार किया तो लोगों ने इसे भरोसेमंद मानकर निवेश किया। पुलिस का कहना है कि अभी जांच जारी है और यह पता लगाया जाएगा कि इन दोनों सितारों की इसमें कितनी गहरी भूमिका रही।

सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही
मंगलवार को न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने हरियाणा पुलिस और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया और कहा कि अगली सुनवाई तक आलोक नाथ के खिलाफ कोई भी कठोर कदम न उठाया जाए। इससे पहले इसी मामले में अभिनेता श्रेयस तलपड़े को भी शीर्ष अदालत से राहत मिल चुकी है।

मामले की शिकायत और कानूनी धाराएं
एफआईआर 22 जनवरी 2024 को दर्ज की गई थी। इसमें भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 316(2), 318(2) और 318(4) के तहत गंभीर अपराधों का जिक्र है, जिनमें आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी प्रमुख हैं। शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि यह सोसाइटी एक मल्टी लेवल मार्केटिंग मॉडल पर काम करती थी। शुरुआती रिटर्न देकर उसने निवेशकों का विश्वास जीता और बाद में लाखों रुपये हड़प लिए।

गिरफ्तारी पर लगी रोक
फिलहाल आलोक नाथ को गिरफ्तारी से सुरक्षा मिल गई है, लेकिन जांच जारी है। कोर्ट के अगले आदेश तक उनकी भूमिका और जिम्मेदारी की तहकीकात होगी। अगर यह साबित होता है कि उन्होंने केवल प्रचार किया और धोखाधड़ी से अनजान थे, तो उन्हें राहत मिल सकती है। लेकिन अगर उनके खिलाफ ठोस सबूत मिले तो मामला उनके लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है।
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