Ayushmann Khurrana: ट्रेन में गाने से लेकर दोस्त के कमरे में रहने तक, जानें आयुष्मान के संघर्ष के किस्से
Ayushmann Khurrana Birthday: बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना का आज 41वां जन्मदिन है। इस मौके पर आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ीं कुछ दिलचस्प बातें।

विस्तार
आयुष्मान खुराना बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में से एक हैं जिन्होंने ‘कंटेंट’ और ‘कमिटमेंट’ से अपनी पहचान बनाई। आयुष्मान आज अपना 41वां जन्मदिन मना रहे हैं। चंडीगढ़ के साधारण परिवार से निकलकर बड़े पर्दे पर अपने अभिनय का दम दिखाना जाहिर है आसान नहीं रहा। आयुष्मान का अब तक का सफर संघर्ष, प्यार, इरादों और कई रोचक किस्सों से भरा रहा है। चलिए जानते हैं आयुष्मान के जीवन से जुड़े कुछ पहलुओं को।


निशांत से बने आयुष्मान
आयुष्मान का जन्म 14 सितंबर 1984 को चंडीगढ़ के एक पंजाबी-हिन्दू परिवार में हुआ। उनका नाम पहले निशांत खुराना था, पर जब वो तीन साल के थे तो माता-पिता पूनम और पी खुराना ने एक ज्योतिष की सलाह के बाद उनका नाम बदलकर आयुष्मान रख दिया। पिता पेशे से ज्योतिषी थे और परिवार का सामान्य-मध्यम आर्थिक बैकग्राउंड रहा। छोटा भाई अपारशक्ति खुराना भी बाद में फिल्म-टीवी में एक्टिव होकर अपने नाम का दम दिखाने लगे।
थिएटर से की अभिनय की शुरुआत
चंडीगढ़ में पले-बढ़े आयुष्मान की पढ़ाई-लिखाई भी वहीं हुई। वो पढ़ाई में होशियार माने जाते थे और कॉलेज के दिनों से ही थिएटर में सक्रिय रहे। डीएवी कॉलेज के थिएटर समूहों में काम किया, ‘आगाज’ और ‘मंचतंत्र’ जैसे ग्रुप्स से जुड़कर उन्होंने नाटकों में अभिनय किया। बचपन से उनकी रूचि गाने और कविता में भी रही। यही मंच अनुभव बाद में उनके प्रदर्शन और करियर के लिए बुनियाद साबित हुआ।

पढ़ाई में भी तेज थे आयुष्मान
आयुष्मान ने चंडीगढ़ से ग्रैजुएशन करने के बाद पंजाब विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन मास कम्युनिकेशन किया। कॉलेज के कार्यक्रमों में वह हमेशा सक्रिय रहे—बिट्स पिलानी, सेंट बेड्स शिमला और IIT बॉम्बे के मूड इंडिगो जैसे मंचों पर उन्होंने पुरस्कार भी जीते। थिएटर के दिनों में उन्होंने धर्मवीर भारती की कृति अंधा युग में अश्वत्थामा का किरदार निभाया और उसे लेकर राष्ट्रीय-स्तर पर सराहना भी मिली- यही रंग-मंच प्रशिक्षण उनकी बाद की फिल्मों के कई चरित्रों का आधार बना।
रोडीज से हुआ आयुष्मान का राइज
आयुष्मान की फिल्मी पहचान मिलने से पहले उनकी टीवी की दुनिया में अच्छी-खासी पैठ बन चुकी थी। उन्होंने एमटीवी रोडीज सीजन 2 जीतकर पहले बड़े पब्लिक प्रोफाइल हासिल की। इसके बाद वो रेडियो जॉकी के रूप में काम करने लगे और टीवी-होस्टिंग भी की। आयुष्मान ने 'इंडियाज गॉट टैलेंट', 'जस्ट डांस', 'एमटीवी रॉक ऑन' जैसे जैसे शोज की मेजबानी की। उसी दौर में उन्होंने टीवी सीरियल में भी किस्मत आजमाई।

संघर्ष से कभी नहीं किया परहेज
जब आयुष्मान मुंबई आए तो उनकी हालत आसान नहीं थी। उनका कहना रहा है कि उस समय उनके पास न सिर पर छत थी और न पैसे। एक दोस्त मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था और आयुष्मान ने कुछ महीनों तक उसी दोस्त के हॉस्टल-रूम में रहकर गुजर-बसर किया; उन्होंने खुलकर बताया कि कभी-कभी वह अपने आपको डॉक्टर बताकर हॉस्टल में टिके रहे। फिल्मों का भरोसा होने तक उन्होंने गाना भी शुरू कर दिया- कॉलेज फेस्ट, शादियां, पारिवारिक समारोह और ट्रेन के डिब्बों तक में गाकर वो छोटी-मोटी कमाई करते थे। कपिल शर्मा के शो में उन्होंने बताया कि वो और उनके दोस्त ट्रेन में गाकर पैसे कमाते थे, इतना कि टीसी भी कहता था कि आपके गाने की ट्रेन में डिमांड है।
आयुष्मान के बारे में एक और दिलचस्प बात ये है कि जब 2008 में उन्होंने अपनी बचपन की दोस्त ताहिरा कश्यप से शादी की, तब उनके बैंक-खाते में सिर्फ दस हजार रुपये थे। यह वो किस्सा है जिसे आयुष्मान ने बार-बार शेयर किया है।

आयुष्मान की प्रेम कहानी
आयुष्मान-ताहिरा की लव स्टोरी भी किसी फिल्म से कम नहीं। दोनों की मुलाकात 12वीं के बोर्ड की परीक्षा के समय हुई और कहा जाता है कि आयुष्मान ने 16 की उम्र में ताहिरा को दिल दे दिया। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई और 2008 में शादी के बंधन में बंध गए। शुरुआत से-ही उनका रिश्ता मीडिया में ‘फिल्मी-कहानी’ की तरह दिखा- बचपन का प्यार, जीवन की उथल-पुथल, फिर मिलन।
इंटरव्यू में आयुष्मान ने बताया कि रोडीज जीतने और टीवी होस्टिंग के वक्त जब उन्हें अचानक फेम मिला तब उन्होंने अपने रिश्ते में दूरी बना ली, कुछ समय के लिए दोनों अलग भी हो गए। करीब छह महीने बाद उन्हें एहसास हुआ कि ताहिरा के बिना रहना संभव नहीं और उन्होंने वापसी की। दोनों के दो बच्चे हैं- पहले एक बेटा और फिर 2014 में बेटी का जन्म।
विक्की डोनर से फिल्मी सफर शुरू
आयुष्मान ने बड़े पर्दे पर कदम 2012 में 'विक्की डोनर' से रखा। यामी गौतम के साथ उनकी जोड़ी और फिल्म की अनोखी कहानी दर्शकों को भा गई। उसके बाद उनकी फिल्मी राह में उतार-चढ़ाव भी आए, पर उन्होंने हमेशा ऐसे रोल चुने जो सामाजिक मुद्दों, ह्यूमर और संवेदनशीलता को साथ लेकर चलते हों।

फिल्म 'अंधाधुन' के लिए मिला नेशनल अवॉर्ड
फिल्म 'अंधाधुन' ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर नया मुकाम दिया। इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड (बेस्ट एक्टर) से नवाजा गया। इसके अलावा फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड और आईफा से भी सराहना मिली। विक्की डोनर के ‘पानी दा रंग’ ने उन्हें फिल्मफेयर (बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर) का पुरस्कार दिलाया। यही नहीं, आयुष्मान ने अपने करियर में कई बार बतौर गायक दर्शकों का दिल जीता है।
अभिनय के साथ-साथ लेखक भी
जब फिल्मों का चलन धीमा रहा, तब आयुष्मान ने अपने बैंड ‘आयुष्मान भवः’ के साथ कॉलेज-फेस्ट और शादियों में परफॉर्म कर जीवनयापन किया। उनके गानों की लंबी लिस्ट है जो काफी लोकप्रिय हुए। 'पानी दा रंग', 'साड्डी गली', 'मिट्टी दी खुश्बू', 'इक वारी', 'हारेया', 'नज्म नज्म', 'कान्हा', 'इक मुलाकात', 'अरे प्यार कर ले' जैसे गाने दर्शकों में लोकप्रिय रहे। साथ ही आयुष्मान कविता-लेखन में भी सक्रिय रहे। उनके द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की गईं उनकी कविताओं को काफी पसंद किया जाता है।

आयुष्मान की नेट वर्थ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयुष्मान आज प्रति फिल्म लगभग 10 करोड़ चार्ज करते हैं और उनकी कुल नेटवर्थ करीब 67 करोड़ बताई जाती है। यह वही शख्स है जिसने शादी के वक्त सिर्फ 10,000 वाला बैंक-बैलेंस होने की बात सार्वजनिक रूप से कहकर दिखाया कि संघर्ष से सफलता तक का सफर कैसे तय होता है।
चलिए अब आयुष्मान के कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में जानते हैं-
- आयुष्मान ने स्वीकार किया है कि फिल्मों के सफल न होने पर उन्होंने गाना गाकर परिवार का पालन-पोषण किया।
- पश्चिम एक्सप्रेस और पंजाब मेल जैसे ट्रेनों में उनके गाने लोकप्रिय थे और लोग खुश होकर पैसे देते थे।
- मुंबई में एक दोस्त के मेडिकल हॉस्टल में कुछ समय तक रहते हुए उन्होंने खुद को डॉक्टर बताकर वहां टिकने की बात भी बताई।
- सबसे पहला ब्रेक रिएलिटी शो एमटीवी रोडीज से मिला। ये उन्हें पहली पहचान दिलाने वाला मोमेंट था।
- पत्नी ताहिरा खुद लेखिका-फिल्ममेकर हैं और दोनों की जोड़ी पावर-कपल के रूप में जानी जाती है।