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कमाल के एक्टर ही नहीं, फैशन 'गाइड' भी थे देव आनंद; काले कपड़े पहनने पर लग गया था बैन? पढ़िए दिलचस्प किस्से

एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला Published by: ज्योति राघव Updated Wed, 03 Dec 2025 01:10 PM IST
सार

Dev Anand Death Anniversary: अपने दौर के दिग्गज अभिनेता देव आनंद की आज 03 दिसंबर को पुण्यतिथि है। अपने अभिनय और लुक्स से उन्होंने दर्शकों का खूब दिल जीता। इसके अलावा अपने सौम्य व्यवहार की वजह से भी वे लोगों के चहेते रहे। 

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Dev Anand Death Anniversary: Know about Jeet Guide Banarasi Babu Gangster actor life love story and marriage
देव आनंद - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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आज हिंदी सिनेमा के उस सुपरस्टार की डेथ एनिवर्सरी है, जिनके अभिनय और अंदाज के बारे में तो लोग बातें करते ही हैं, साथ ही उनकी दीवानगी के किस्सों पर भी खूब बातें हुआ करती हैं। हम बात कर रहे हैं देव आनंद साहब की। वही देव आनंद साहब, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन पर काले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। देव आनंद शानदार अभिनेता, प्रतिभाशाली निर्देशक और निर्माता थे। 60 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में रोमांस, स्टाइल और दिल को छूने वाले किरदार निभाने वाले देव आनंद यारों के यार थे। 

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Dev Anand Death Anniversary: Know about Jeet Guide Banarasi Babu Gangster actor life love story and marriage
देव आनंद - फोटो : सोशल मीडिया

65 रुपये की पगार पर की नौकरी
देव आनंद ने करीब छह दशक तक इंडस्ट्री पर राज किया। उनका जन्म 26 सितंबर 1923 को पंजाब के शंकरगढ़ में हुआ था। देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरिमल आनंद था, लेकिन उन्हें बॉलीवुड में सिर्फ देव आनंद के नाम से जाना गया। देव साहब के घर वाले उन्हें चीरू कहकर बुलाते थे। देव आनंद बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे। अंग्रेजी साहित्य में पढ़ाई करने के बाद 1940 की शुरुआत में देव आनंद एक्टर बनने का सपना लेकर मुंबई चले आए। यहां उन्होंने चर्चगेट पर मिलिट्री सेंसर के ऑफिस में 65 रुपये की पगार पर नौकरी की, इसके बाद उन्होंने एक अकाउंटिंग फर्म में 85 रुपये प्रति माह की नौकरी बतौर क्लर्क की। इसके बाद वह अपने बड़े भाई चेतन आनंद के साथ जुड़ गए और इंडियन पीपुल थिएटर एसोसिएशन (आईपीटीए) के सदस्य बन गए।

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1946 से शुरू हुआ अभिनय सफर
देव आनंद की पहली फिल्म 'हम एक हैं' (1946) थी। देव आनंद के बारे में कहा जाता है कि वह इतने हैंडसम थे कि उन्हें फिल्में भी यूं ही मिल जाया करती थीं। एक सांस में लंबी डायलॉग डिलीवरी और एक तरफ झुक कर चलने का उनका खास अंदाज लोगों को बहुत पसंद आता था। देव आनंद ने अपने करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। 1946 से 2011 तक देव आनंद ने सिनेमा की दुनिया में सक्रिय रहते हुए लगभग 19 फिल्मों का निर्देशन किया और अपनी 13 फिल्मों की कहानी खुद लिखी। बतौर अभिनेता देव आनंद की सबसे अधिक चर्चित फिल्में थीं 'गाइड', 'जिद्दी', 'काला पानी', 'हरे कृष्णा हरे रामा' और 'मुनीम जी। फिल्म गाइड आज भी दर्शकों को पसंद है। इस फिल्म के जरिए पहली बार लिव इन रिलेशनशिप को पर्दे पर दिखाया गया था। यह देव आनंद की पहली रंगीन फिल्म थी, जिसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिला। 

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देव आनंद-गुरु दत्त - फोटो : सोशल मीडिया

निभाया था गुरु दत्त से किया वादा
देव साहब को एक्टिंग और डायरेक्शन में महारत हासिल थी। वर्ष 1949 में उन्होंने नवकेतन फिल्म्स के नाम से अपनी प्रोडक्शन कंपनी की शुरू की। गुरु दत्त को ब्रेक देने का श्रेय भी देव साहब को ही दिया जाता है। इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा है। 1940 के आसपास की बात है। देव आनंद एक्टर बनने मुंबई आए थे। एक फिल्म के सिलसिले में उन्हें प्रभात स्टूडियो जाना था। उस इलाके में एक ही लॉन्ड्री थी, जहां देव आनंद अपने कपड़े धुलवाया करते थे। उस दिन जब वे लॉन्ड्री पहुंचे तो उनके कपड़े गायब थे। देव, दूसरे कपड़े पहनकर स्टूडियो पहुंचे। वहां जाकर देखा कि एक लड़के ने उनके वही कपड़े पहने थे, जो लॉन्ड्री से गायब हुए थे। वह उस लड़के के पास गए और कहा, 'यार, तुम्हारे कपड़े बहुत अच्छे लग रहे हैं, कहां से लिए?' लड़के ने जवाब दिया, 'मेरे नहीं है, लेकिन किसी को बताना मत, आज लॉन्ड्री वाले के यहां गया तो उसने मेरे कपड़े धोए नहीं थे, मुझे वहां ये कपड़े बढ़िया लगे, तो उठा लाया।' देव आनंद को लड़के की साफगोई उन्हें पसंद आई। यह लड़का कोई और नहीं गुरु दत्त साहब थे। यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हुई और तभी देव आनंद ने गुरु दत्त से वादा किया कि मैं जब भी अपनी पहली फिल्म बनाऊंगा, उसे तुम ही डायरेक्ट करोगे। जब देव आनंद ने अपने प्रोडक्शन की पहली फिल्म 'बाजी' बनाई तो उसके डायरेक्टर गुरु दत्त ही थे। 

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देव आनंद - फोटो : सोशल मीडिया

फैशन और स्टाइल आइकन थे देव आनंद
देव आनंद को उनके रोमांटिक रोल और जबर्दस्त स्टाइल के लिए जाना जाता था। उनकी चेक प्रिंटिड कैप का प्रभाव आने वाली पीढ़ी पर खूब पड़ा था। देव आनंद का लुक बेहद यूनिक था। अपने स्टाइल से वे लोगों के बीच फैशन 'गाइड' भी बन गए थे। ज्यादातर लोगों ने उनकी स्टाइल की कैप पहनना शुरू कर दी थीं और आज भी सिलसिला जारी है। उन्हें लेकर एक बात खूब कही जाती है कि फिल्म 'काला पानी' के बाद कोर्ट की तरफ से उनके काले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कथित तौर पर काले कपड़ों में वे इतने जंचते थे कि लोग फिदा हो जाते थे। खासकर युवतियां उन्हें  हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसे दावे भी किए गए कि यह सिर्फ अफवाह मात्र थी, मगर इतनी ज्यादा प्रचारित हुई कि इसे हकीकत माना जाने लगा। 

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देव आनंद - फोटो : सोशल मीडिया

फैंस की भीड़ के बीच कहा था- 'मैं शम्मी कपूर हूं'
देव आनंद से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा एक बार अभिनेत्री शायरा बानो ने साझा किया था। उन्होंने बताया था, "लेबनान के बालबेक में खंडहरों के बीच गाना शूट हो रहा था। वहां जुटी विदेशियों की भीड़ ने चिल्लाना शुरू कर दिया, 'शम्मी कपूर.. शम्मी कपूर' वहां 'जंगली' सुपरहिट थी और भीड़ ने देव साहब को शम्मी कपूर समझ लिया। कोई और होता तो शायद नाराज हो जाता, मगर देव आनंद ने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाया और जोर से बोले, 'हां... हां... हेलो! मैं शम्मी कपूर हूं। उस दिन समझ आया कि देव साहब का दिल कितना बड़ा है'।

अधूरी रह गई थी मोहब्बत
देव आनंद का पहला प्यार सुरों की रानी सुरैया थीं। फिल्म 'विद्या' की शूटिंग के दौरान जब वह पानी में डूब रही थीं तो देव साहब ने अपनी जान पर खेल कर उन्हें बचाया था। यहीं से इन दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई। फिल्म 'जीत' के सेट पर देव साहब ने सुरैया को 3000 रुपये की हीरे की अंगूठी के साथ प्रपोज भी किया। लेकिन सुरैया की नानी की वजह से ये रिश्ता कभी जुड़ नहीं सका। उन्हें यह रिश्ता इसलिए मंजूर नहीं था, क्योंकि देव आनंद हिंदू थे और सुरैया मुस्लिम। फिल्म टैक्सी ड्राइवर की शूटिंग के दौरान देव आनंद का दिल अपनी नई हीरोइन कल्पना कार्तिक पर आ गया। फिल्म की शूटिंग के दौरान ही एक दिन दोनों ने लंच ब्रेक में शादी कर ली। कल्पना आखिरी दम तक देव आनंद की पत्नी रहीं। 03 दिसंबर 2011 में देव आनंद ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। सदाबहार सुपरस्टार देव आनंद आज भले ही दुनिया में न हों, लेकिन अपनी बेहतरीन फिल्मों, अलग अंदाज और शानदार एक्टिंग के जरिए वो हमेशा लोगों के बीच जिंदा रहेंगे। 

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