'तेरे बाऊ जी घर से निकाल देंगे', जब पहली बार ही-मैन ने मां के सामने जताई थी मुंबई आने की इच्छा तो मिला था जवाब
Dharmendra Death: अभिनेता धर्मेंद्र नहीं रहे। 24 नवंबर को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। मगर, उनके किस्से और अदाकारी सदा रहेंगी। ऐसा ही एक किस्सा है, जब उन्होंने अपनी मां के सामने बॉम्बे (मुंबई) आने की ख्वाहिश जताई थी। क्या जवाब मिला था? पढ़िए
विस्तार
धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में निधन हो गया। कल उनके अंतिम संस्कार में इंडस्ट्री के दिग्गज सितारे शामिल हुए। अपने पूरे करियर में धर्मेंद्र ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उन्होंने अभिनय की नई मिसाल पेश की। मगर, यह राह इतनी आसान नहीं थी। धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के एक गांव नासराली में हुआ था। उनका परिवार इसके सख्त खिलाफ था कि धर्मेंद्र एक्टर बनें और बॉम्बे आएं। एक बार धर्मेंद्र ने मां के सामने दिल की बात कही थी। इस पर मां ने तुरंत उनके मुंह पर हाथ रखकर चुप होने के लिए कह दिया था।
मां ने कहा था, 'तेरे बाऊजी तेरे साथ-साथ मुझे भी घर से निकाल देंगे'
एक बार एक इंटरव्यू में धर्मेंद्र ने अपनी जिंदगी से जुड़ी यादों का जिक्र करते हुए कहा था, 'घर में मैंने एक दफा मां से कहा, 'मैं बॉम्बे जाऊंगा मां'। मां ने तुरंत मेरे मुंह पर हाथ रखकर कहा, 'मत बोलो बेटे, तेरे बाऊजी तेरे साथ मुझे भी घर से निकाल देंगे'। फिर मां से रहा नहीं गया। उन्होंने देखा मेरे बेटे का मुंह छोटा सा हो गया। उन्होंने कहा, 'बेटे तुम अर्जी क्यों नहीं भेज देते हो? तुम अच्छे हो देखने में, वो बुला लेंगे तुम्हें'।
'मां की आवाज भगवान ने सुनी होगी'
धर्मेंद्र ने आगे कहा, 'मेरी मां की ये आवाज भी भगवान ने सुनी होगी। कुछ ही अर्से बाद फिल्मफेयर में फिल्म टैलेंट कॉन्टैस्ट के लिए एप्लीकेशन छप गईं'। अभिनेता धर्मेंद्र ने कहा कि उनके यहां से फ्रंटियर मेल मुंबई जाती थी रात के 11 बजे करीब। एक्टर ने कहा था, 'मैं कहता था फ्रंटियर माता मुझे बॉम्बे ले चल। ऊपर वाले ने सुना होगा। एक दिन उसी ट्रेन से मैं बॉम्बे पहुंचा और इस तरह सफर शुरू हुआ'।
‘दिल भी मेरा हम भी तेरे’ से किया था डेब्यू
धर्मेंद्र ने मां से जुड़ा एक अन्य किस्सा सुनाते हुए कहा था, 'हम छह भाई-बहन थे। तीन भाई, तीन बहनें। मुझसे बड़ा भाई संतोष था, जो दो साल की उम्र में गुजर गया। मैं पैदा हुआ और मां ननिहाल गईं तो मेरे नामा से कहने लगीं, बाऊजी संतोष ज्यादा खूबसूरत था। ये उतना खूबसूरत नहीं है'। बता दें कि धर्मेंद्र का पूरा नाम धर्मेंद्र केवल कृष्ण देओल था। पिता का नाम केवल कृष्ण और मां सतवंत कौर था। धर्मेंद्र का शुरुआती जीवन सानेहवाल गांव में ही गुजरा, सरकारी स्कूल से पढ़ाई-लिखाई हुई थी। इसी स्कूल के हेडमास्टर उनके पिता थे। धर्मेंद्र ने पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी हायर एजुकेशन पूरी की थी। फिल्मफेयर मैगजीन ने एक न्यू टैलेंट कॉम्पिटिशन करवाया जिसके विजेता धर्मेंद्र बने थे। इसके बाद अभिनय करने की चाहत लिए वह मुंबई चले आए थे। 1960 में फिल्म ‘दिल भी मेरा हम भी तेरे’ से धर्मेंद्र ने डेब्यू किया था। अपने करियर में उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म 'इक्कीस' है, जो 25 दिसंबर, 2025 को रिलीज होगी।
ही-मैन ने कहा था, 'काश पिता मेरे दोस्त होते'
धर्मेंद्र ने एक बार संतान और माता-पिता के रिश्ते पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि काश मेरे पिता मेरे दोस्त भी होते। एक्टर ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'सनी-बॉबी मुझसे ऐसे ही डरते हैं। मैं चाहता हूं मेरे पास बैठें। मैं सोचता हूं कि मेरे बाऊजी मेरे दोस्त भी होते तो कितना अच्छा होता है। वो कहते थे, 'तुम जल्दी आ जाया करो शूटिंग से मेरे पास थोड़ी देर बैठ जाया करो'। फिर मैं गले से लगाकर निकल जाया करता था। इस तरह कि वो लाड़ हमें भी लड़ा दो जो हमने किया है। हमारे अंदर भी एक बच्चा है। आज मुझे भी महसूस होता है वह हर मा-बाप के दिल में होता है, लेकिन हम अपना वो दर्द भी उन्हें नहीं देते'।
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