बसंती से लेकर सीता और गीता तक, हेमा मालिनी के 10 यादगार किरदार जिन्होंने उन्हें बनाया पर्दे की 'ड्रीम गर्ल'
Hema Malini Birthday: बॉलीवुड इंडस्ट्री की 'ड्रीम गर्ल' हेमा मालिनी का आज जन्मदिन है। इस मौके पर आपको उनके 10 यादगार किरदारों के बारे में बताते हैं।

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हेमा मालिनी- ये नाम भारतीय सिनेमा में सौंदर्य, शालीनता और अद्भुत अभिनय का पर्याय बन चुका है। दक्षिण भारत के एक साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने हिंदी फिल्मों की ‘ड्रीम गर्ल’ बनकर ऐसा मुकाम हासिल किया, जो आज भी प्रेरणा देता है। नृत्य, अभिनय, राजनीति और समाजसेवा — हर क्षेत्र में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। आज हेमा अपना 77 वां जन्मदिन मना रही हैं। इस मौके पर आइए जानते हैं उनके करियर के वो 10 किरदार जिन्होंने उन्हें अलग पहचान दिलाई।


'सपनों का सौदागर'
राज कपूर के साथ इस फिल्म से हेमा मालिनी ने बॉलीवुड में कदम रखा। ‘मेला’ नाम की इस साधारण सी लड़की के किरदार में उनकी सादगी और भोलेपन ने सबका दिल जीत लिया। फिल्म भले ही ज्यादा नहीं चली, लेकिन उनकी आंखों की मासूम अदाएं इंडस्ट्री को नया चेहरा दे गईं।

साल 1970 में देव आनंद के साथ इस फिल्म में हेमा मालिनी ने रहस्य और रोमांस से भरे किरदार को बखूबी जिया। ‘रेखा’ के रूप में उनकी स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें ग्लैमर का प्रतीक बना दिया। इस फिल्म को भले ही उस वक्त उतनी तारीफ नहीं मिली लेकिन आज ये फिल्म कल्ट क्लासिक फिल्मों में गिनी जाती हैं।
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1971 में शीला का साहसराजेश खन्ना के साथ इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसी विधवा का किरदार निभाया जो अपने बेटे के लिए समाज से लड़ती है। इस भूमिका में उन्होंने दिखाया कि वो सिर्फ सुंदर ही नहीं, बल्कि गहराई से सोचने वाली अदाकारा भी हैं।

साल 1972 में यह फिल्म उनके करियर की सबसे बड़ी हिट साबित हुई। सीता की कोमलता और गीता की चंचलता दोनों ही किरदारों में हेमा ने ऐसा फर्क पैदा किया कि दर्शक दंग रह गए। इस फिल्म में उनके साथ धर्मेंद्र और संजीव कुमार ने काम किया था।

‘बसंती’ बनकर हेमा मालिनी ने जो जादू चलाया, वो आज भी हिंदी सिनेमा की पहचान है। घोड़े पर सवार यह चुलबुली लड़की पूरी फिल्म में छा गई थी। इसके अलावा उन्हें लेकर वीरु का बोला हुआ डायलॉग 'बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना' भी आजतक याद किया जाता है।

साल 1977 में इस फिल्म ने उन्हें वो नाम दिया जिससे आज तक वो जानी जाती हैं। पांच अलग-अलग किरदारों में हेमा ने साबित कर दिया कि वह हर रूप में निखरती हैं। इस फिल्म ने हेमा को बेशुमार पॉपुलेरिटी और लोकप्रियता दी।

1982 में रिलीज हुई मशहूर फिल्म सत्ते पे सत्ता में हेमा मालिनी ने इंदु का किरदार निभाया था, जो एक नर्स है और सात जंगली भाइयों के जीवन में सभ्यता और स्नेह की नई रोशनी लेकर आती है। इस फिल्म में उनके साथ अमिताभ बच्चन मुख्य भूमिका में थे। यह किरदार हेमा मालिनी के अभिनय करियर के सबसे सहज और प्रभावशाली रोल्स में से एक माना जाता है।

साल 2003 में अमिताभ बच्चन के साथ इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसी पत्नी की भूमिका निभाई जो पति के साथ सम्मान और रिश्तों की गरिमा को बचाने के लिए संघर्ष करती है। उनका डायलॉग- 'हमने बच्चों को सब कुछ दिया, बस प्यार नहीं मिला'- दिल छू जाता है।

1979 में रिलीज हुई फिल्म मीरा में हेमा मालिनी ने 16वीं सदी की संत कवयित्री मीरा बाई का किरदार निभाया था और यह भूमिका उनके अभिनय करियर की सबसे आध्यात्मिक, भावनात्मक और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में से एक मानी जाती है। गुलजार के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने हेमा मालिनी को केवल एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक कलाकार के रूप में स्थापित किया।

1990 में आई सुपरहिट फिल्म जमाई राजा में हेमा मालिनी ने निभाया था दुर्गेश्वरी देवी का किरदार- एक सशक्त, सख्त और आत्मसम्मान से भरी महिला, जो अपने घर की मालिक होने के साथ-साथ अपने निर्णयों की भी रानी है। इस किरदार ने हेमा मालिनी के अभिनय का एक ऐसा रूप दिखाया जिसे दर्शकों ने पहले कभी इतने दृढ़ और प्रभावशाली अंदाज में नहीं देखा था।