‘शायद अब सड़क पर जाकर पोस्टर नहीं लगाने पड़ेंगे’, ‘एक दीवाने की दीवानियत’ की सफलता पर बोले हर्षवर्धन राणे
Ek Deewane Ki Deewaniyat Team Interview: फिल्म ‘एक दीवाने की दीवानियत’ की टीम पहुंची अमर उजाला ऑफिस। फिल्म के हीरो हर्षवर्धन राणे, अभिनेत्री सोनम बाजवा और प्रोड्यूसर अंशुल गर्ग ने फिल्म से जुड़े किस्सों को किया साझा।
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हर्षवर्धन राणे की रोमांटिक फिल्म ‘एक दीवाने की दीवानियत’ इन दिनों सिनेमाघरों में बनी हुई है। फिल्म 9 दिनों में 52 करोड़ से ऊपर की कमाई कर चुकी है। फिल्म को लेकर लोगों में अभी भी उत्साह देखने को मिल रहा है। अब सफलता के बीच फिल्म की टीम ने अमर उजाला से खास बातचीत की। इस दौरान अभिनेता हर्षवर्धन राणे, अभिनेत्री सोनम बाजवा और निर्माता अंशुल गर्ग ने फिल्म से जुड़े अनुभवों को साझा किया।
‘सनम तेरी कसम’ को जब इतने साल बाद दर्शकों का प्यार मिला तो कैसा लगा?
हर्षवर्धन राणे: 'कई बार मंदिरों में जब प्रार्थना करते हैं तो कई साल निकल जाते हैं प्रार्थना करते हुए। जरूरी नहीं कि भगवान से हमने कुछ मांगा तो हमें तुरंत मिल जाए पर हमारा काम यह है कि हम शिद्दत से अपना काम करते रहें। वक्त लगा पर मेरी प्रार्थना का असर हुआ और लोग मुझे पहचानने लगे।'
आपने पंजाबी इंडस्ट्री में काफी काम किया। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आने में इतना वक्त क्यों लगा?
सोनम बाजवा: 'जीवन में हर चीज का सही वक्त होता है। मुझे पहले भी कुछ ऑफर आए थे पर मैं अपनी समझ से हां और न करती रही। हो सकता है कि भगवान ने मेरे बॉलीवुड करियर को शुरू करने के लिए यही साल चुना हो। अब जब हिंदी फिल्मों में आई हूं तो उम्मीद करती हूं कि आगे इसी तरह के अच्छे किरदार मिलते रहें।'
आपने जो इस फिल्म पर दांव लगाया वो हर्षवर्धन को देखकर लगाया या कहानी को देखकर?
अंशुल गर्ग: 'ये मिली-जुली सोच थी। मैंने ‘सनम तेरी कसम’ में हर्षवर्धन का काम देखा था। मुझे लगता है कि हर्षवर्धन कितने भी जोनर में काम कर लें पर रोमांंस इनकी सबसे बड़ी ताकत रहेगा। कुल मिलाकर मैंने स्क्रिप्ट, इंटरवल पॉइंट, गाने और हर्षवर्धन का नाम सुनकर तय कर लिया था कि इस फिल्म पर पैसे लगाऊंगा।'
आपको रोमांटिक किरदारों में टाइपकास्ट होने का डर नहीं लगता?
हर्षवर्धन राणे: 'एक ही तरह के किरदार करने में मुझे कोई दिक्कत नहीं है। रोमांस से बढ़कर मुझे जीवन में कुछ नहीं लगता। मुझे इस जोनर में मजा आता है।'
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यह किरदार आपने क्यों चुना और कितना मुश्किल था इसे निभाना?
सोनम बाजवा: 'मुझे यह किरदार निभाकर बड़ा मजा आया क्योंकि यहां मेरे पास करने के लिए काफी कुछ था। मुझे फिल्म में जो भी मौका मिला मैंने तहे दिल से उसे निभाया। किरदार मुश्किल था इसलिए इसे करने में ज्यादा मजा आया। मैं खुश थी कि मुझे ऐसा किरदार मिला जिसमें मैं वो सबकुछ कर पाई जो करना चाहती थी।'
फिल्म ने जब पहले दिन 10 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था तब आपने कैसा महसूस किया?
हर्षवर्धन राणे: 'सबसे पहले तो मुझे खुशी हुई कि अब मुझे सड़क पर जाकर पोस्टर नहीं लगाने पड़ेंगे। फिर अगले ही पल मैंने सोचा कि लोगों को सड़कों पर उतरकर ही धन्यवाद भी कहना चाहिए। मुझे लगता है कि मेरा जमीन से जुड़े रहना ही सबसे अच्छा है।'
बतौर प्रोड्यूसर जैसा आपने सोचा था, क्या दर्शकों से वैसा रिस्पॉन्स मिला?
अंशुल गर्ग: 'जैसे सोचा था उससे कई गुना बेहतर मिला। दिवाली पर हमने 200 करोड़ की फिल्म (थामा) के साथ टक्कर ली। खुशी है कि हम दोनों की ही फिल्मों ने बेहतर कमाई की। 10 दिन में हमारी 25 करोड़ की फिल्म ने 50 करोड़ से ज्यादा कमाई कर ली है और क्या चाहिए?'