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शादी की दावत में मिला फिल्म का ऑफर, अमिताभ बच्चन की फिल्म में दद्दू के किरदार से मशहूर हुए ओम प्रकाश
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: सिराजुद्दीन
Updated Fri, 19 Dec 2025 08:23 AM IST
सार
Om Prakash Birth Anniversary: दद्दू और मुंशीलाल जैसे बेहतरीन किरदार निभाने वाले अभिनेता ओम प्रकाश की आज बर्थ एनिवर्सरी है। अभिनय के अलावा वह फिल्मों के निर्माता रहे हैं। इस मौके पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ अहम बातें।
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ओम प्रकाश
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ओम प्रकाश बॉलीवुड के ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने अपनी अदाकारी से लोगों को कभी हंसाया तो कभी रुलाया। उन्हें कैरेक्टर आर्टिस्ट के तौर पर भी याद किया जाता है। अपने करियर में उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। वह जो भी किरदार निभाते थे, उसमें पूरी तरह से ढल जाते थे। अभिनेता के अलावा वह निर्माता भी थे। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
12 साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू किया
19 दिसंबर 1919 को जम्मू में जन्मे ओम प्रकाश का पूरा नाम ओम प्रकाश बख्शी था। उनकी शुरुआती पढ़ाई लाहौर में हुई जो अब पाकिस्तान में है। बचपन से ही उन्हें कला में दिलचस्पी थी। वह लगभग 12 साल के थे, जब उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू की। साल 1937 में उन्होंने 'ऑल इंडिया रेडियो' में काम करना शुरू किया। उनके प्रोग्राम 'फतेहदीन' को काफी सराहना मिली।
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12 साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू किया
19 दिसंबर 1919 को जम्मू में जन्मे ओम प्रकाश का पूरा नाम ओम प्रकाश बख्शी था। उनकी शुरुआती पढ़ाई लाहौर में हुई जो अब पाकिस्तान में है। बचपन से ही उन्हें कला में दिलचस्पी थी। वह लगभग 12 साल के थे, जब उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेनी शुरू की। साल 1937 में उन्होंने 'ऑल इंडिया रेडियो' में काम करना शुरू किया। उनके प्रोग्राम 'फतेहदीन' को काफी सराहना मिली।
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धर्मेंद्र, ओम प्रकाश
- फोटो : सोशल मीडिया
शादी की दावत में मिला फिल्म का ऑफर
सिनेमा में आने की ओम प्रकाश की कहानी दिलचस्प है। वह अपने दोस्त की शादी में गए थे। वहां दलसुख पंचोली ने उन्हें देखा और लाहौर बुलाया। इसके बाद उन्हें फिल्म 'दासी' 1950 में काम करने का मौका दिया। यह उनकी पहली बोलती फिल्म थी।
इन फिल्मों में की बेहतरीन अदाकारी
'दासी' के बाद उन्हें कई बेहतरीन फिल्में मिलीं। उन्होंने हिंदी सिनेमा के कई बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया और अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उन्होंने 'जूली', 'पड़ोसन', 'दस लाख', 'बैराग', 'चुपके-चुपके', 'नमक हलाल', 'शराबी', 'खानदान', 'प्यार किए जा', 'चौकीदार', 'आंधी', 'लावारिस', 'लोफर' और 'जंजीर' जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म 'नौकर बीवी का' (1983) है।
यह खबर भी पढ़ें: शहरुख-काजोल से लेकर ऋतिक-प्रीति तक, बड़े पर्दे पर मशहूर इन कपल्स ने असल जिंदगी में एक-दूसरे को नहीं किया डेट
सिनेमा में आने की ओम प्रकाश की कहानी दिलचस्प है। वह अपने दोस्त की शादी में गए थे। वहां दलसुख पंचोली ने उन्हें देखा और लाहौर बुलाया। इसके बाद उन्हें फिल्म 'दासी' 1950 में काम करने का मौका दिया। यह उनकी पहली बोलती फिल्म थी।
इन फिल्मों में की बेहतरीन अदाकारी
'दासी' के बाद उन्हें कई बेहतरीन फिल्में मिलीं। उन्होंने हिंदी सिनेमा के कई बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया और अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उन्होंने 'जूली', 'पड़ोसन', 'दस लाख', 'बैराग', 'चुपके-चुपके', 'नमक हलाल', 'शराबी', 'खानदान', 'प्यार किए जा', 'चौकीदार', 'आंधी', 'लावारिस', 'लोफर' और 'जंजीर' जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म 'नौकर बीवी का' (1983) है।
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ओम प्रकाश, अमिताभ बच्चन
- फोटो : सोशल मीडिया
अमिताभ बच्चन के साथ की शानदार अदाकारी
ओम प्रकाश को सबसे ज्यादा पहचान अमिताभ बच्चन की दो फिल्मों से मिली। फिल्म 'नमक हलाल' में ओम प्रकाश ने दद्दू का किरदार निभाया। इस किरदार को आज भी याद किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने फिल्म 'शराबी' में मुंशीलाल का किरदार निभाया जिसे आज भी लोग सराहते हैं।
60 के दशक में प्रोड्यूस की फिल्में
ओम प्रकाश एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ-साथ एक बेहतरीन निर्माता भी थे। 60 के दशक में उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी बनाई। इसके तहत उन्होंने 'भैयाजी', 'चाचा जिंदाबाद', 'गेटवे ऑफ इंडिया' और 'संजोग जैसी फिल्में बनाईं। ओम प्रकाश ने फिल्म 'कन्हैया' का निर्माण किया था। इसमें राज कपूर और नूतन ने अभिनय किया था।
ओम प्रकाश को सबसे ज्यादा पहचान अमिताभ बच्चन की दो फिल्मों से मिली। फिल्म 'नमक हलाल' में ओम प्रकाश ने दद्दू का किरदार निभाया। इस किरदार को आज भी याद किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने फिल्म 'शराबी' में मुंशीलाल का किरदार निभाया जिसे आज भी लोग सराहते हैं।
60 के दशक में प्रोड्यूस की फिल्में
ओम प्रकाश एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ-साथ एक बेहतरीन निर्माता भी थे। 60 के दशक में उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी बनाई। इसके तहत उन्होंने 'भैयाजी', 'चाचा जिंदाबाद', 'गेटवे ऑफ इंडिया' और 'संजोग जैसी फिल्में बनाईं। ओम प्रकाश ने फिल्म 'कन्हैया' का निर्माण किया था। इसमें राज कपूर और नूतन ने अभिनय किया था।
ओम प्रकाश
- फोटो : सोशल मीडिया
दिलचस्प है लव लाइफ
ओम प्रकाश की लव लाइफ दिलचस्प लेकिन अधूरी है। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें एक सिख लड़की से प्यार हो गया था। हालांकि लड़की के घरवाले उनके खिलाफ थे क्योंकि वह हिंदू थे। उनकी मां लड़की के घर पर शादी का प्रस्ताव लेकर गई थीं लेकिन उनके घरवाले नहीं मानें। इसके बाद उन्होंने अलग होने का फैसला किया।
आखिरी वक्त
ओम प्रकाश अपने आखिरी वक्त में बीमार हो गए थे। दिल का दौरा पड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत ज्यादा खराब होने पर वह कोमा में चले गए थे। 21 फरवरी, 1998 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
ओम प्रकाश की लव लाइफ दिलचस्प लेकिन अधूरी है। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें एक सिख लड़की से प्यार हो गया था। हालांकि लड़की के घरवाले उनके खिलाफ थे क्योंकि वह हिंदू थे। उनकी मां लड़की के घर पर शादी का प्रस्ताव लेकर गई थीं लेकिन उनके घरवाले नहीं मानें। इसके बाद उन्होंने अलग होने का फैसला किया।
आखिरी वक्त
ओम प्रकाश अपने आखिरी वक्त में बीमार हो गए थे। दिल का दौरा पड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत ज्यादा खराब होने पर वह कोमा में चले गए थे। 21 फरवरी, 1998 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।