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Exclusive: ‘सिर्फ मनोरंजन की फिल्में बनाऊं, तो कभी विवाद न हो’, अपनी विवादित फिल्मों पर बोले विवेक अग्निहोत्री
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: हिमांशु सोनी
Updated Mon, 01 Sep 2025 06:00 PM IST
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सार
Vivek Agnihotri-Pallavi Joshi Exclusive Interview: विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' 5 सितंबर को रिलीज होने जा रही है। उससे पहले फिल्म के डायरेक्टर और अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने अमर उजाला से कई मुद्दों पर बात की।

विवेक अग्निहोत्री- पल्लवी जोशी
- फोटो : एक्स
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विस्तार
डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' जल्द रिलीज होने वाली है। रिलीज से पहले फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ। इसके अलावा फिल्म काफी समय से कोई ना कोई वजह से सुर्खियों में भी बनी हुई है। विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी ने अमर उजाला से फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर बातचीत की। इस दौरान दोनों ने फिल्म से जुड़े कई मुद्दों पर बात की। यहां पढ़िए...

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'द बंगाल फाइल्स'
- फोटो : वीडियो ग्रैब
सवाल- 'द बंगाल फाइल्स' का आइडिया कहां से आया?
जवाब- देखिए, जब हमने 'द कश्मीर फाइल्स' बनाई थी, तब हमने सिर्फ एक फिल्म नहीं बनाई थी। हमने एक मूवमेंट शुरू किया था और उस मूवमेंट का नाम था – राइट टू ट्रुथ। हमारी टीम का मानना है कि हर भारतीय को यह हक है कि उसे सच पता चले और सच हमेशा किताबों में या अखबारों में नहीं लिखा होता। कभी-कभी सच को छिपा दिया जाता है, ताकि लोग उसे न जान सकें। 'द कश्मीर फाइल्स' बनाने के बाद, हमने तय किया कि अगली फिल्म बंगाल पर होनी चाहिए। क्योंकि बंगाल का इतिहास बहुत गहरा और जटिल है।
वहां पर राजनीतिक हिंसा, वैचारिक संघर्ष और सांस्कृतिक टकराव की लंबी परंपरा रही है और मैंने महसूस किया कि बंगाल की असली कहानी देश को बताई जानी चाहिए। क्योंकि वहां जो कुछ हुआ, उसकी चर्चा उतनी नहीं हुई जितनी होनी चाहिए थी। इसलिए मैंने 'द बंगाल फाइल्स' बनाने का फैसला किया। यह सिर्फ बंगाल की ही कहानी नहीं है, यह पूरे भारत की कहानी है। क्योंकि बंगाल ने भारत की राजनीति और समाज पर बहुत गहरा असर डाला है और यही चीज मैं इस फिल्म में लोगों तक पहुंचाना चाहता हूं।
जवाब- देखिए, जब हमने 'द कश्मीर फाइल्स' बनाई थी, तब हमने सिर्फ एक फिल्म नहीं बनाई थी। हमने एक मूवमेंट शुरू किया था और उस मूवमेंट का नाम था – राइट टू ट्रुथ। हमारी टीम का मानना है कि हर भारतीय को यह हक है कि उसे सच पता चले और सच हमेशा किताबों में या अखबारों में नहीं लिखा होता। कभी-कभी सच को छिपा दिया जाता है, ताकि लोग उसे न जान सकें। 'द कश्मीर फाइल्स' बनाने के बाद, हमने तय किया कि अगली फिल्म बंगाल पर होनी चाहिए। क्योंकि बंगाल का इतिहास बहुत गहरा और जटिल है।
वहां पर राजनीतिक हिंसा, वैचारिक संघर्ष और सांस्कृतिक टकराव की लंबी परंपरा रही है और मैंने महसूस किया कि बंगाल की असली कहानी देश को बताई जानी चाहिए। क्योंकि वहां जो कुछ हुआ, उसकी चर्चा उतनी नहीं हुई जितनी होनी चाहिए थी। इसलिए मैंने 'द बंगाल फाइल्स' बनाने का फैसला किया। यह सिर्फ बंगाल की ही कहानी नहीं है, यह पूरे भारत की कहानी है। क्योंकि बंगाल ने भारत की राजनीति और समाज पर बहुत गहरा असर डाला है और यही चीज मैं इस फिल्म में लोगों तक पहुंचाना चाहता हूं।
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पल्लवी जोशी और 'द बंगाल फाइल्स'
- फोटो : सोशल मीडिया
सवाल- 'द बंगाल फाइल्स' में क्या दर्शक आपसे 'द कश्मीर फाइल्स' से बेहतर की उम्मीद कर सकते हैं?
जवाब- देखिए, दर्शक हमेशा उम्मीद करते हैं और मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करती हूं। 'द बंगाल फाइल्स' में मेरा किरदार बिल्कुल अलग है। यह किरदार मुझे एक नई चुनौती देता है और मुझे लगता है कि दर्शक जब इसे देखेंगे तो चौंक जाएंगे क्योंकि यह रोल पहले किए गए मेरे सभी किरदारों से बिलकुल अलग है।
सवाल- जब आप 'द बंगाल फाइल्स' बना रहे थे, तो क्या आपको लगा था कि फिर से पिछली फिल्मों जैसा विवाद होगा?
जवाब- विवाद होना मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। विवाद तब होता है जब आप सच बोलते हैं। अगर मैं सिर्फ मनोरंजन की फिल्में बनाऊं, तो शायद कभी विवाद न हो। लेकिन जब आप सच्चाई पर उंगली रखते हैं, तो कई लोगों को तकलीफ होती है और वही लोग विवाद खड़ा करते हैं। लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि मैं जानता हूं कि मेरा मकसद सिर्फ सच को सामने लाना है और मुझे लगता है कि जनता भी यही चाहती है- सच जानना। तो चाहे विवाद हो या न हो, मैं अपनी राह से पीछे नहीं हटूंगा।
जवाब- देखिए, दर्शक हमेशा उम्मीद करते हैं और मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करती हूं। 'द बंगाल फाइल्स' में मेरा किरदार बिल्कुल अलग है। यह किरदार मुझे एक नई चुनौती देता है और मुझे लगता है कि दर्शक जब इसे देखेंगे तो चौंक जाएंगे क्योंकि यह रोल पहले किए गए मेरे सभी किरदारों से बिलकुल अलग है।
सवाल- जब आप 'द बंगाल फाइल्स' बना रहे थे, तो क्या आपको लगा था कि फिर से पिछली फिल्मों जैसा विवाद होगा?
जवाब- विवाद होना मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। विवाद तब होता है जब आप सच बोलते हैं। अगर मैं सिर्फ मनोरंजन की फिल्में बनाऊं, तो शायद कभी विवाद न हो। लेकिन जब आप सच्चाई पर उंगली रखते हैं, तो कई लोगों को तकलीफ होती है और वही लोग विवाद खड़ा करते हैं। लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि मैं जानता हूं कि मेरा मकसद सिर्फ सच को सामने लाना है और मुझे लगता है कि जनता भी यही चाहती है- सच जानना। तो चाहे विवाद हो या न हो, मैं अपनी राह से पीछे नहीं हटूंगा।

द बंगाल फाइल्स ट्रेलर
- फोटो : सोशल मीडिया
सवाल- आपको कभी लगता है कि विवाद आपकी फिल्मों को नुकसान पहुंचाता है?
जवाब- विवाद फिल्मों को नुकसान नहीं पहुंचाते। बल्कि कभी-कभी विवाद ही लोगों को फिल्म देखने थिएटर तक खींच लाते हैं। लेकिन मेरा उद्देश्य विवाद पैदा करना नहीं है। मेरा उद्देश्य सिर्फ सच दिखाना है। अब अगर सच से विवाद होता है, तो यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह इसका सामना करे।
सवाल- बतौर पत्नी और बतौर अभिनेत्री विवेक के विजन को आप कैसे देखती हैं?
जवाब- देखिए, पत्नी के तौर पर तो कई बार डर लगता है। क्योंकि सच बोलने की कीमत बहुत भारी होती है। लेकिन आर्टिस्ट के तौर पर मैं बहुत गर्व महसूस करती हूं कि वह बिना डरे सच कह रहे हैं। और जब आप उनके साथ खड़े होते हैं तो वह डर भी ताकत में बदल जाता है।
सवाल- विवेक आपने कहा था कि ट्रोल्स अब आपको परेशान नहीं करते। लेकिन क्या कभी उनकी बातें आपको चोट पहुंचाती हैं?
जवाब- पहले पहुंचती थी। लेकिन अब मैंने समझ लिया है कि जो सच बोलता है, उसे गालियां भी मिलती हैं और अगर मैं सच की वजह से गालियां खा रहा हूं, तो यह मेरे लिए सम्मान है।
जवाब- विवाद फिल्मों को नुकसान नहीं पहुंचाते। बल्कि कभी-कभी विवाद ही लोगों को फिल्म देखने थिएटर तक खींच लाते हैं। लेकिन मेरा उद्देश्य विवाद पैदा करना नहीं है। मेरा उद्देश्य सिर्फ सच दिखाना है। अब अगर सच से विवाद होता है, तो यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह इसका सामना करे।
सवाल- बतौर पत्नी और बतौर अभिनेत्री विवेक के विजन को आप कैसे देखती हैं?
जवाब- देखिए, पत्नी के तौर पर तो कई बार डर लगता है। क्योंकि सच बोलने की कीमत बहुत भारी होती है। लेकिन आर्टिस्ट के तौर पर मैं बहुत गर्व महसूस करती हूं कि वह बिना डरे सच कह रहे हैं। और जब आप उनके साथ खड़े होते हैं तो वह डर भी ताकत में बदल जाता है।
सवाल- विवेक आपने कहा था कि ट्रोल्स अब आपको परेशान नहीं करते। लेकिन क्या कभी उनकी बातें आपको चोट पहुंचाती हैं?
जवाब- पहले पहुंचती थी। लेकिन अब मैंने समझ लिया है कि जो सच बोलता है, उसे गालियां भी मिलती हैं और अगर मैं सच की वजह से गालियां खा रहा हूं, तो यह मेरे लिए सम्मान है।