Fact Check: दिल्ली चुनाव में हारने का बाद भी ताहिर हुसैन का रैली करने का दावा गलत, पड़ताल में जानें सच्चाई
सोशल मीडिया पर AIMIM नेता ताहिर हुसैन के रोड शो का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि दिल्ली चुनाव में मिली हार के बावजूद ताहिर रैली निकाल रहे हैं। BOOM ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है।

विस्तार
सोशल मीडिया पर दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार रहे AIMIM नेता ताहिर हुसैन के रोड शो का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि दिल्ली चुनाव में मिली हार के बावजूद ताहिर रैली निकाल रहे हैं।
बूम ने इसकी पड़ताल की तो पाया कि ताहिर हुसैन की रैली का यह वीडियो चुनाव परिणाम के बाद का नहीं है।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की तरफ से दो प्रत्याशी उतारे थे। ओखला की सीट से शिफा उर रहमान को टिकट मिला था, वहीं मुस्तफाबाद से दिल्ली दंगे से जुड़े मामले में आरोपी ताहिर हुसैन मैदान में थे।
बता दें कि दिल्ली चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आ चुके हैं। मुस्तफाबाद की इस सीट से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने करीब पचासी हजार वोट से जीत हासिल की, वहीं ताहिर के हिस्से लगभग तैंतीस हजार वोट आए।
क्या है दावा
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स ताहिर के इस वीडियो को शेयर करते हुए कह रहे हैं कि हार कर भी ताहिर हुसैन जुलुस निकाल रहे हैं।
सुदर्शन न्यूज से जुड़े सागर कुमार ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, 'दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफ़ाबाद के लोगों ने 30 हजार वोट दिया है और ये हार कर भी जुलूस निकाल रहा है।'

पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: ताहिर हुसैन के रोड शो का यह वीडियो चुनाव प्रचार के दौरान का है
खबरों की तलाश करने पर हमने पाया कि दिल्ली दंगे से जुड़े मामले में ताहिर हुसैन जेल में हैं। ताहिर ने जेल से ही चुनाव लड़ा था और चुनाव प्रचार के लिए उन्हें 29 जनवरी से 3 फरवरी तक की सशर्त कस्टडी परोल मिली थी।
पहली नजर में वायरल दावा यहीं खारिज हो जाता है क्योंकि ताहिर हुसैन की परोल 3 फरवरी को खत्म हो गई थी, जबकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आए। ऐसे में उनके लिए बाहर किसी रैली को संबोधित करना संभव नहीं है।
वीडियो की पड़ताल के लिए हमने इसके कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। इसके जरिए हमें एक्स पर 𝐀𝐈𝐌𝐈𝐌 से जुड़े एक शख्स के हैंडल पर 6 फरवरी को पोस्ट किया गया यही वीडियो मिला, जिससे साफ था कि यह नतीजे आने से पहले का वीडियो है।

इस रैली से जुड़ी जानकारी के लिए हम ताहिर हुसैन के फेसबुक पर पहुंचे। यहां हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते विजुअल वाले कई वीडियो मिले. ये सभी वीडियो 3 फरवरी को पोस्ट किए गए थे। इसपर मौजूद जानकरी के मुताबिक ये वीडियो ताहिर हुसैन के मुस्तफाबाद रोड शो के हैं।
इन वीडियो में ताहिर हुसैन के पास खड़े वायरल वीडियो वाले वही सुरक्षाकर्मी देखे जा सकते हैं। इसके अलावा इसमें ताहिर की गाड़ी पर आगे की तरफ बैठा वह शख्स भी देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में भी उन्हीं समान कपड़ों में मौजूद है।

पुष्टि के लिए हमने वीडियो में दिख रही एक दुकान 'साजिद भाई चिकन वाले' से भी संपर्क किया। वीडियो में इस दुकान का बोर्ड और उसपर उनका नंबर मौजूद है। साजिद ने बूम के साथ हुई बातचीत में बताया, 'ताहिर हुसैन ने हमारे इलाके (मुस्तफाबाद) में 3 फरवरी को ये रैली की थी।'
एबीपी की 3 फरवरी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 3 फरवरी को जेल जाने से पहले ताहिर हुसैन ने मुस्तफाबाद इलाके में रोड शो निकाला था। इस रिपोर्ट में भी बताया गया कि उस दिन ताहिर की कस्टडी परोल का आखरी दिन था।
रिपोर्ट में ताहिर के एक बयान का भी जिक्र है जिसमें वह कहते हैं, "मेरा नाम ताहिर हुसैन है। मुझे 5 साल तक बेल नहीं मिली। अगर मेरा नाम ताराचंद होता तो बेल मिल जाती।"
इस रोड शो संबंधित लल्लनटॉप की वीडियो रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलते हुए विजुअल देखे जा सकते हैं। लल्लनटॉप के मुताबिक भी यह रैली 3 फरवरी को निकाली गई थी। इससे स्पष्ट है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किए गए ताहिर हुसैन के रोड शो के वीडियो को नतीजों के बाद का बताकर शेयर किया जा रहा है।
(This story was originally published by BOOM as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)