Fact Check: फर्जी है मैसूर के बीएम हैबिटेट मॉल एस्केलेटर गिरने से कई लोगों की मौत होने का दावा, पढ़ें सच
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करके दावा किया जा रहा है कि मैसूर के बीएम हैबिटेट मॉल में एस्केलेटर गिरने से कई लोगों की मौत हो गई है। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है।

विस्तार
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक मॉल की सीढ़ी अचानक से गिरती हुई नजर आ रही है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो मैसूर के बीएम हैबिटेट मॉल का है, जहां एस्केलेटर गिरने से कई लोगों की मौत हो गई है।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो एआई से निर्मित है, जिसे असल बताकर शेयर किया जा रहा है।
क्या है दावा
एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि एक मॉल में अचानक से सीढ़ी गिरने के कारण कई लोगों की मौत हो गई है।
नरसिम्मन (@Narasim18037507) नाम के एक्स यूजर ने लिखा, “मैसूर के बीएम हैबिटेट मॉल में एस्केलेटर गिरने से कई लोगों की मौत।” पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने कीवर्ड की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 9 सितंबर 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मैसूर के एक चार मंजिला शॉपिंग मॉल से गिरने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई। इनमें से एक व्यक्ति ऊपरी मंजिल से विज्ञापन बोर्ड हटाते समय फिसल गया और दूसरे ने उसे बचाने की कोशिश की। हादसे का शिकार हुए हुंसूर तालुका के 30 वर्षीय तकनीशियन सुनील बीएम हैबिटेट मॉल में काम करते थे। उन्हें बचाने की कोशिश में जान गंवाने वाले दूसरे शख्स की पहचान मैसूर निवासी 25 वर्षीय चंद्रू के रूप में हुई है। पुलिस आयुक्त सीमा लाटकर ने उनकी मौत की पुष्टि की।
यहां से पता चलता है कि मैसूर के मॉल में हादसा हुआ है, लेकिन यह हादसा सीढ़ी के कारण से नहीं हुआ है।
आगे की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें Disaster Strucks नाम के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो मिला। यह वीडियो 10 जून 2025 को साझा किया गया है। पोस्ट में यूजर ने लिखा है “यह एआई से बना है, जो मेरे द्वारा बनाई गई है।”
इसके बाद हमने वीडियो को एआई से बने होने की जांच करने के लिए undetectable AI टूल पर सर्च किया। टूल ने वीडियो को एआई से बने होने की जानकारी दी। इसके साथ ही बताया कि वायरल वीडियो के वास्तिवक होने की संभावना सिर्फ 3% है।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को एआई निर्मित पाया है।