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Fact Check: असम में आरक्षण के लिए निकाली गई रैली के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया जा शेयर

फैक्ट चेक डेस्क , अमर उजाला Published by: अस्मिता त्रिपाठी Updated Sat, 13 Sep 2025 05:29 PM IST
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सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि असम के लोगों ने बांग्लादेशियों के खिलाफ एक मार्च निकाला है। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है।

Video of Moran people's rally demanding inclusion in ST list is being shared with a misleading claim
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही उनके हाथ में जलती हुई मशालें नजर आ रही हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि असम में नागरिकों ने बांग्लादेशियों के खिलाफ एक मार्च निकाला है। 

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अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो असम का है। दरअसल असम के मोरन समुदाय के हजारों सदस्यों ने मार्गेरिटा की सड़कों पर एक विशाल विरोध रैली निकाली। उनकी मांग है कि उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल किया जाए। 

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क्या है दावा 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि असम के लोगों ने  बांग्लादेशियों के खिलाफ एक मार्च निकाला है। 
द एनालाइजर (@Indian_Analyzer) नाम के एक्स यूजर ने लिखा, ”असम में नागरिकों के एक समूह ने बांग्लादेशियों के खिलाफ एक मार्च निकाला। सभी असम सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामूहिक निष्कासन अभियान के समर्थन में नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।” पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।

पड़ताल 

इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें प्राग न्यूज नाम के फेसबुक यूजर के अकाउंट पर पूरा वीडियो मिला। यह वीडियो 4 सितंबर 2025 को साझा किया गया है। इस वीडियो में वायरल वीडियो का हिस्सा 25 सेकंड से और 1 मिनट तक देखा जा सकता है।



इसके बाद इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 6 सितंबर 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मोरन समुदाय के हजारों सदस्यों ने शनिवार 6 सितंबर कोमार्गेरिटा की सड़कों पर एक विशाल विरोध रैली निकाली। उन्होंने अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने और छठी अनुसूची के तहत स्वायत्तता की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराई। ऑल मोरन स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) के अध्यक्ष पुलिंद्र मोरन और महासचिव जयकांत मोरन के नेतृत्व में आयोजित इस रैली में मोरन समुदाय के विभिन्न संगठनों ने भाग लिया।

आगे की पड़ताल में ऑल मोरन स्टूडेंट्स यूनियन के फेसबुक अकाउंट पर वायरल वीडियो से मिलते जुलता वीडियो मिला। ये वीडियो 4 सितंबर 2025 को प्रकाशित हुआ है। पोस्ट में बताया गया है कि  देश में 1000 से ज्यादा मोरन लोग हैं। 

पड़ताल का नतीजा 

हमने अपनी पड़ताल में पाया कि असम में मोरन समुदाय के लोग खुद को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने के लिए रैली कर रहे हैं।

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