Fact Check: भारतीय सैनिक का रूस के युद्ध में फंसे होने के एआई वीडियो को असली बताकर किया जा रहा शेयर
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करके दावा किया जा रहा है कि रूस में हरियाणा को युवकों को रूस में युद्ध में धकेला जा रहा है।
विस्तार
सोशल मीडिया पर सैनिक की वर्दी पहने एक लड़के की वीडियो शेयर की जा रही है। इस वीडियो में वह कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि यहां बहुत लड़ाई हो रही है। मेरे साथ दस लोग थे जो मर गए हैं। मै अकेला ही बचा हूं। इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके सरकार तक पहुंचा दो। इस वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि भारत में पढ़ाई बहुत महंगी है , तो हरियाणा के बच्चे रूस चले गए। जहां युद्ध चल रहा है तो बच्चों को 10 दिन की ट्रेनिंग देकर युद्ध के मैदान में भेज दिया। अब कुछ युवाओं का पार्थिव शरीर घर पहुंच गए है ,कुछ लापता है एक युवा बचा हुआ है तो भारत सरकार से सहायता मांग रहा है ।देखना होगा सहायता पहुंचती है या फिर पार्थिव शरीर।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस दावे को झूठा पाया है। हमारी पड़ताल में सामने आया कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। पड़ताल में यह भी पता चला कि यह वीडियो असली नहीं है बल्कि एआई के माध्यम से बनाई गई है।
क्या है दावा
इस वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि हरियाणा के कुछ युवा रूस पहुंचे वहां उन्हें 10 दिन की ट्रेनिंग के बाद युद्ध के मैदान में भेज दिया गया। यहां 10 युवाओं की मौत हो गई।
Ashokdanoda (@ashokdanoda) नाम के एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को शेयर करके लिखा “भारत में पढ़ाई बहुत महंगी है , तो हरियाणा के बच्चे रूस चले गए। वहां युद्ध चल रहा है तो बच्चों को 10 दिन की ट्रेनिंग देकर युद्ध के मैदान में भेज दिया। अब कुछ युवाओं का पार्थिव शरीर घर पहुंच गए है ,कुछ लापता है एक युवा बचा हुआ है तो भारत सरकार से सहायता मांग रहा है। देखना होगा सहायता पहुंचती है या फिर पार्थिव शरीर। पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
इस तरह के कई और दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इसके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड की मदद से वीडियो से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट खोजने की कोशिश की। क्योंकि अगर रूस में भारतीय लोगों की मौत होती तो यह बहुत बड़ा मुद्द बनता लेकिन इस तरह की एक भी मीडियो रिपोर्ट हमें नहीं मिली जिसमें रूस में भारतीय लोगों के मरने की खबर दी गई हो।
हमें 29 अक्तूबर की एक रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया था कि हिसार जिले के गांव मदनहेड़ी निवासी 28 वर्षीय सोनू का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। सोनू मई 2024 में रशियन भाषा सीखने के लिए रूस गया था। वहां एजेंटों ने उसे धोखे से रूसी सेना में भर्ती करा दिया। कुछ दिन पहले परिजनों के मोबाइल फोन पर रूसी सेना के कमांडर का मैसेज आया था। जिसमें कहा गया कि यूक्रेन के ड्रोन हमले में सोनू की मौत हो गई है। बाद में उसका शव एयरलिफ्ट कर भारत भेजा गया।
लेकिन इस वीडियो को कहीं भी शेयर नहीं किया गया था। वीडियो में हमें हाथों के मुवमेंट और बोलने के तरीके से संदेह हुआ कि वीडियो को एआई की मदद से बनाया गया है। हमें एआई डिटेक्शन टूल के माध्यम से वीडियो को जांचने की कोशिश की। हमने वीडियो को एआई टूल हाइव मॉडरेशन टूल से जांचा। यहां से हमें पता चला कि वीडियो 99.9 प्रतिश एआई से बना हुआ है।
आगे हमने इस वीडियो को साइट इंजन पर सर्च किया। यह भी एक एआई डिटेक्शन टूल है। जो आपको वीडियो के एआई से बने होने और नहीं बने होने की जानकारी देता है। इस वीडियो का जांच करने पर हमें पता चला कि वीडियो 60 प्रतिशत एआई से बना हुआ है।
पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि वीडियो को एआई के माध्यम से बनाया गया है। इसे अक्तूबर में हरियाणा के एक लड़के की रूस में हुई मौत से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।