Fact Check: भारत में बनी अंबेडकर की 450 फीट ऊंची प्रतिमा को चीन का बताकर किया जा रहा शेयर, पढ़ें पड़ताल
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जा रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि बीआर अंबेडकर की 450 फीट ऊंची प्रतिमा चीन में बन रही है। हमने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है।

विस्तार
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की जा रही है इस पोस्ट में डॉ. बीआर अंबेडकर की एक निर्माणाधीन प्रतिमा नजर आ रही है। इस पोस्ट को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि चीन में भीमराव अंबेडकर की 450 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा बनाई जा रही है। इसे दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे महंगी कांस्य प्रतिमा बताया जा रहा है।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है। हमारी पड़ताल में सामने आया है कि अंबेडकर की जिस मूर्ति को शेयर किया जा रहा है वह भारत की है। वायरल तस्वीर 2023 में निर्माणाधीन विजयवाड़ा की प्रतिमा की है, जिसका उद्घाटन जनवरी 2024 में हुआ। इस मूर्ति के केवल कुछ हिस्सों को चीन से आयात किया गया है न की पूरी मूर्ति को।
क्या है दावा
इस पोस्ट को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि चीन में भीमराव अंबेडकर की 450 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा बनाई जा रही है।
वर्ल्ड बुद्धिस्ट नेटवर्क नाम के एक फेसबुक अकाउंट ने इस पोस्ट को शेयर किया जिस पर लिखा है, “चीन में भारत रत्न डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 450 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित की जा रही है। यह दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे महंगी कांस्य प्रतिमा है। उस देश के राष्ट्रपतियों का धन्यवाद, यही बाबा साहब की महानता है।” पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
इस तरह के कई और दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इसके आर्काइव लिकं आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें द हिंदू की एक मीडिया रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल हो रही तस्वीर मौजूद थी। यहां इस तस्वीर को 2023 में प्रकाशित किया गया था। बताया गया था कि विजयवाड़ा के पीडब्ल्यूडी मैदान में अंबेडकर स्मृति वनम में काम करते मजदूर। शहर के स्वराज्य मैदान में बन रहा डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्मृति वनम (डॉ. बी.आर. अंबेडकर मेमोरियल पार्क), जिसमें विशेष आकर्षण के रूप में उनकी 125 फीट ऊंची प्रतिमा होगी। योजना के अनुसार, 38.02 मीटर ऊंची प्रतिमा को 24.7 मीटर ऊंचे (81 फुट) दो मंजिला मुख्य पेडस्टल भवन पर रखा जाएगा। पेडस्टल भवन 4.5 मीटर चौड़े स्तंभों से घिरा होगा। यह भवन 8,352 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा और 18.81 एकड़ के स्वराज्य मैदान के केंद्र में होगा।”
दूसरा हमें 2020 में मुंबई मीरर में छपी एक रिपोर्ट के मिली जिसमें बाबा साहेब की ही मूर्ति के निर्माण की रिपोर्ट थी। इसमें केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने स्पष्ट किया कि 450 फीट ऊंची कांस्य अंबेडकर प्रतिमा (जिसमें 350 फुट ऊंची प्रतिमा और 100 फुट का चबूतरा शामिल है) के कुछ हिस्से चीन से आयात किए जा रहे थे। इसमें चीन में बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण देरी हो रही थी।
वायरल हो रही तस्वीर से संबंधित एक और मीडिया रिपोर्ट देखने को मिली जिसे अगस्त 2023 में प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि “शहरी विकास एवं प्रशासन मंत्री ऑडिमुलपु सुरेश ने बताया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे, जिसका निर्माण शहर के स्वराज्य मैदान स्थित डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्मारक पार्क में 400 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा था।
चीन में अंबेडकर की प्रतिमा बनने के बारे में हमने कीवर्ड के माध्यम से सर्च किया। यहां हमें इससे संबंधित कोई भी मीडिया रिपोर्ट यी जानकारी नहीं मिली।
पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि भारत में बनी अंबडकर की मूर्ति की तस्वीर को चीन का बताकर शेयर करके झूठा दावा किया जा रहा है।