Fact Check: एआई से बना है 1992 में हुसैन सागर झील में भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थापित करने का वीडियो
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो 1992 का है, जब हुसैन सागर झील में भगवान बुद्ध की मूर्ति को स्थापित किया गया था। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है।
विस्तार
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में भगवान बुद्ध की लंबी सी मूर्ति दिख रही है, जिसे नाव से लेकर जाया जा रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो 1992 की है, जब हैदराबाद के हुसैन सागर झील में भगवान बुद्ध की मूर्ति की स्थापित किया गया था।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो एआई से निर्मित है, जिसे असली वीडियो समझकर शेयर किया जा रहा है।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है यह वीडियो 1992 की है, जब हुसैन सागर झील में भगवान बुद्ध की मूर्ति की स्थापाना हुई थी।

इसके साथ ही एक पोस्ट में संजय जैन दीनदयाल (@sanjaydeendayal) नाम के एक्स यूजर ने लिखा है “ हैदराबाद इस वीडियो को हमारे साथ शेयर करने वाले दोस्त को बधाई, पुराने दिनों को याद करके एक अलग ही रोमांच होता है। 1992 में कई लोगों ने खुद ये नजरा देखा था... अपने उन दोस्तों को भी देखने का मौका दीजिए जिन्होंने इसे नहीं देखा है।” पोस्ट के लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।
इसी तरह के अन्य दावों के लिंक आप यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें bharathfx1 नाम के इंस्टाग्राम यूजर के अकाउंट पर वायरल वीडियो देखने को मिला। यह वीडियो 7 सितंबर 2025 को साझा किया गया है। इसके साथ ही बताया गया है “1992 में टैंक बंड में बुद्ध स्थापना के साथ हैदराबाद इतिहास का गवाह बना। 1992 में, हैदराबाद में दुनिया की सबसे ऊंची अखंड बुद्ध प्रतिमा हुसैन सागर झील के बीचों-बीच स्थापित की गई। एक बजरे पर लेटे रहने से लेकर... विशाल क्रेन द्वारा उठाए जाने तक... अंततः अभय मुद्रा में खड़े होने तक - यह इंजीनियरिंग से कहीं अधिक था, यह इतिहास था। यह रील उस अविस्मरणीय क्षण को पुनः जीवंत करती है, जैसा कि इसे लाइव देखने वाले लोगों की आंखों से देखा गया था। क्या आप इस प्रतिष्ठित दिन के साक्षी बनना पसंद करते? “इसके साथ ही लिखा है “नोट: इस रील में दिखाई गई तस्वीरें/वीडियो पूरी तरह से AI द्वारा जनरेट की गई हैं, हमारा इरादा किसी को ठेस पहुंचाना या नुकसान पहुंचाना नहीं है। यह केवल मनोरंजन के उद्देश्य से है।“
इसके बाद हमने वायरल वीडियो को हाइव एआई टूल से सर्च किया। इस दौरान टूल ने वायरल वीडियो को 99.9 फीसदी एआई से बने होने की जानकारी कही।
पड़ताल का नतीजा
हमने वायरल वीडियो को एआई से निर्मित पाया है।