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Ambala News: कांग्रेस पार्षद बोले- अधिकारियों ने आपत्तियों को न गंभीरता से सुना न की तर्कसंगत चर्चा

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Sun, 21 Dec 2025 02:49 AM IST
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the officials did not listen to the objections seriously nor did they discuss them rationally.
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- दी चेतावनी- जरूरत पड़ी तो करेंगे संघर्ष, वार्डबंदी की आपत्तियों पर हुई सुनवाई
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संवाद न्यूज एजेंसी
अंबाला सिटी। नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से दी गई वार्डबंदी की आपत्तियों पर शनिवार को सुनवाई हुई। कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि सुनवाई के दौरान प्रशासनिक अधिकारी पहले से ही निर्णय लेकर आए थे। आपत्तियों को न तो गंभीरता से सुना गया और न उन पर कोई तर्कसंगत चर्चा की गई। पूरी प्रक्रिया से यह स्पष्ट प्रतीत हुआ कि अधिकारी भाजपा के दबाव में कार्य कर रहे हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया जा रहा है।
कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि इस प्रकार की जनविरोधी और अव्यवहारिक वार्डबंदी से महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांग और आम नागरिकों की सुरक्षा व सुविधा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। रेलवे लाइन के आर-पार बनाए गए वार्ड, जलभराव वाले अंडरब्रिज और अत्यधिक लंबे वार्ड न केवल प्रशासनिक दृष्टि से गलत हैं, बल्कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करते हैं। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि इस पक्षपातपूर्ण वार्ड परिसीमन को जल्द संशोधित नहीं किया गया और जनता की वास्तविक समस्याओं को नजरअंदाज किया गया तो कांग्रेस इसे जन आंदोलन और कानूनी मंचों पर मजबूती से उठाएगी।
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18 दिसंबर को कांग्रेस ने सौंपी थी आपत्तियां व सुझाव
नगर निगम चुनाव को लेकर जारी की गई वार्ड परिसीमन (वार्ड बंदी) अधिसूचना के संबंध में कांग्रेस पार्टी की ओर से बीते 18 दिसंबर को उपायुक्त अंबाला को आपत्तियां एवं सुझाव सौंपे गए थे। उक्त आपत्तियों की सुनवाई के लिए 19 दिसंबर रात को कांग्रेस पार्षदों को सुनवाई के लिए नोटिस दिए गए और उपायुक्त कार्यालय में कांग्रेस पार्षदों को बुलाया गया, लेकिन यह सुनवाई मात्र औपचारिकता बनकर रह गई।
न्यायालय और सड़क पर करेंगे संघर्ष : वर्मा
वार्ड- 10 पार्षद अधिवक्ता मिथुन वर्मा ने बताया कि उपायुक्त कार्यालय में जो तथाकथित सुनवाई हुई वह लोकतंत्र के नाम पर मजाक थी। अधिकारी जनता की बात सुनने नहीं, बल्कि भाजपा के इशारे पर पहले से तय फैसले को औपचारिक रूप से लागू करने आए थे। यह साफ दिखाई दे रहा था कि प्रशासन पर राजनीतिक दबाव है। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन को वार्डों के बीच में डालकर जनता को अपने ही पार्षद तक पहुंचने के लिए अंडरब्रिज, ओवरब्रिज और रेलवे ट्रैक पार करने को मजबूर किया जा रहा है। बारिश में जब अंडरब्रिज में 10 फुट तक पानी भर जाता है, तब तीन महीनों तक आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है। वर्मा ने कहा कि यह वार्डबंदी संविधान के अनुच्छेद-14 के विरुद्ध है। जरूरत पड़ी तो वह न्यायालय और सड़कों दोनों पर संघर्ष करेंगे।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को किया नजरअंदाज
पार्षद मेघा गोयल ने कहा कि इस सुनवाई से यह स्पष्ट हो गया कि प्रशासन जनता की सुविधा नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष की सुविधा देख रहा है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। ऐसी वार्ड बंदी लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। पार्षद राजिंद्र कौर ने कहा कि भाजपा केवल अपने राजनीतिक फायदे के बारे में सोच रही है। आम जनता को परेशान करना और उनकी आवाज दबाना इनकी नीति बन चुकी है। कांग्रेस इस अन्याय को कभी स्वीकार नहीं करेगी और जनता के हक के लिए हर स्तर पर लड़ेगी।
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