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छठ महापर्व : खरना के साथ शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला उपवास
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Updated Mon, 27 Oct 2025 02:03 AM IST
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तोशाम रोड पर स्थित जूई नहर पर तैयार किया गया पूजा घाट।
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भिवानी। छठ महापर्व के दूसरे दिन जिलेभर में श्रद्धालुओं ने खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू किया।
घर-घर में महिलाओं ने खरना में पूरी व खीर का प्रसाद बनाया। उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण करने के बाद इसे घर व आस-पड़ोस के लोगों को वितरित भी किया। कई घरों में परिवार की महिलाओं ने मिलकर छठ मइया के गीत गाए।
सोमवार को उपवास रखने वाले श्रद्धालु परिवार सहित संध्याकाल में विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। खासकर पूर्वांचल के लोगों में विशेष उत्साह बना है। पर्व को लेकर शहर के घंटाघर व सराय चौपटा बाजारों में चहल-पहल से रौनक बनी हुई है। श्रद्धालु छठ मइया की पूजा के लिए दिनभर पूजन सामग्री की खरीदारी में व्यस्त है। वहीं, छठ महापर्व को लेकर पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं।
दरअसल, नहाय खाय से शनिवार को छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तोशाम रोड स्थित जूई नहर के समीप बने छठ मइया पूजा घाट को भी सजाया गया है।
यहां करीब तीन हजार प्रवासी परिवारों द्वारा छठ पूजा पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए जमघट लगेगा। घाट के आसपास सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम रहेंगे। नहर में भी पानी का बहाव बढ़ाया गया है, ताकि इसके अंदर खड़ी होकर महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य दे सकें।
बांकेबिहारी व किशोरीलाल ने बताया कि 27 अक्तूबर की शाम को जूई नहर घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 28 अक्तूबर को अल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ ही पर्व का समापन होगा। भिवानी के जूई नहर घाट पर छठ मइया पूजा के लिए कई मंढी बनाई गई हैं। जिनमें महिलाएं पूरे परिवार के साथ विधि-विधान और श्रद्धा के साथ इस पर्व को मनाने यहां आएंगी।
इस अवसर पर पूर्वांचल परिवार संघ की तरफ से मेले का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें महिलाएं और बच्चे जमकर खरीदारी कर सकेंगे। मेले की स्टॉलों के लिए भी जगह निर्धारित की गई हैं। जबकि घाट पर प्रवेश द्वार भी बनाया गया है।
घर-घर में महिलाओं ने खरना में पूरी व खीर का प्रसाद बनाया। उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण करने के बाद इसे घर व आस-पड़ोस के लोगों को वितरित भी किया। कई घरों में परिवार की महिलाओं ने मिलकर छठ मइया के गीत गाए।
सोमवार को उपवास रखने वाले श्रद्धालु परिवार सहित संध्याकाल में विभिन्न घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। खासकर पूर्वांचल के लोगों में विशेष उत्साह बना है। पर्व को लेकर शहर के घंटाघर व सराय चौपटा बाजारों में चहल-पहल से रौनक बनी हुई है। श्रद्धालु छठ मइया की पूजा के लिए दिनभर पूजन सामग्री की खरीदारी में व्यस्त है। वहीं, छठ महापर्व को लेकर पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं।
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दरअसल, नहाय खाय से शनिवार को छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तोशाम रोड स्थित जूई नहर के समीप बने छठ मइया पूजा घाट को भी सजाया गया है।
यहां करीब तीन हजार प्रवासी परिवारों द्वारा छठ पूजा पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए जमघट लगेगा। घाट के आसपास सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम रहेंगे। नहर में भी पानी का बहाव बढ़ाया गया है, ताकि इसके अंदर खड़ी होकर महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य दे सकें।
बांकेबिहारी व किशोरीलाल ने बताया कि 27 अक्तूबर की शाम को जूई नहर घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 28 अक्तूबर को अल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ ही पर्व का समापन होगा। भिवानी के जूई नहर घाट पर छठ मइया पूजा के लिए कई मंढी बनाई गई हैं। जिनमें महिलाएं पूरे परिवार के साथ विधि-विधान और श्रद्धा के साथ इस पर्व को मनाने यहां आएंगी।
इस अवसर पर पूर्वांचल परिवार संघ की तरफ से मेले का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें महिलाएं और बच्चे जमकर खरीदारी कर सकेंगे। मेले की स्टॉलों के लिए भी जगह निर्धारित की गई हैं। जबकि घाट पर प्रवेश द्वार भी बनाया गया है।