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अमेरिका से 50 हरियाणवी डिपोर्ट: हाथ-पैर में डली बेड़ियां... बंदूक लिए खड़े थे अमेरिकी जवान; पीड़ितों की जुबानी

सोनू धुआ, अमर उजाला, कैथल Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 27 Oct 2025 02:33 PM IST
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सार

अमेरिका से डिपोर्ट हुए लोगों ने बताया कि हाथ-पैर में बेड़ियां डलीं थीं। अमेरिकी जवान बंदूक लिए खड़े थे। ये सभी जंगल, नदियां, रेगिस्तान और खतरनाक रास्तों से होकर डंकी रुट से छह महीने में अमेरिका पहुंचे थे।

Haryanvi deported from US Hands and feet were shackled American soldiers stood with guns drawn In people words
Haryanvi deported from US - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कैथल पुलिस अमेरिका से डिपोर्ट हुए लोगों को रविवार सुबह दिल्ली से लेकर कैथल पहुंची। युवकों के आने की सूचना के बाद उनके घरों में हताशा छा गई। डिपोर्ट होने वाले लोगों में अधिकतर युवा जमीन बेचकर अमेरिका में डॉलर कमाने की चाह में गए थे।


अब छह से सात महीने की जेल काटने के बाद खाली हाथ मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। नाम न छापने की शर्त पर कैथल शहर निवासी ने बताया कि अमेरिका से डिपोर्ट होकर आने वाले जहाज में अमेरिका सेना के जवान बंदूक लेकर सीटों के पास खड़े हुए थे।
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लोगों के हाथों व पांव में बेड़िया लगाई हुई थी। अमेरिकी जवान अंग्रेजी में लोगों को गालियां दे रहे थे। वह आप बीती बताते हुए भावुक हो गया। अमेरिका जाने के लिए अधिकतर युवाओं ने आधा एकड़ से दो एकड़ तक जमीन बेच दी थी या कर्ज लिया हुआ है। अब वह इस नुकसान की भरपाई कैसे कर पाएंगे। डिपोर्ट हुए लोगों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है।
 

आंकड़ों के मुताबिक, कैथल के कई गांवों के दो हजार के करीब युवा अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जा चुके हैं। फरवरी के महीने में भी 12 लोग कैथल के डिपोर्ट हुए थे।
 

डिपोर्ट होने वालों की संख्या 26 पहुंची
रविवार को 14 नए लोग आए हैं। इससे डिपोर्ट होने वालों की संख्या 26 पहुंच हो गई है। डिपोर्ट होने वाले लोगों ने बताया कि एक जहाज दो नवंबर को आएगा। अभी कुल 50 के करीब लोग जहाज से आए हैं। सभी लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड जांचकर परिजनों को सौंप दिया है। कैथल जिला में पिछले 101 दिनों में ठगी के 23 मामले आए हैं।
 

इन लोगों को किया गया अमेरिका से डिपोर्ट
कैथल के ये लोग हुए डिपोर्ट 

नरेश कुमार, कर्ण शर्मा, मुकेश, रितिक शर्मा, सुखबीर सिंह
अमित कुमार, अभिषेक कुमार, मोहित कुमार नाथवान
अशोक कुमार, आशीष, दमनप्रीत, प्रभात, सतनाम सिंह और डायमंड। 

करमाल के ये लोग हुए डिपोर्ट
हुसन, रजतपाल, जैसंदीप, तेजेंद्र पाल, हरीश, अंकुर सिंह
विक्रम, गुरजंत सिंह, सचिन मलिक, महेंद्र सिंह, मनीष कुमार
प्रियांशु चहल, देवेंद्र सिंह, सावन, तुषार और निखिल।
 

जींद के इन लोगों को किया डिपोर्ट 
अजय, लब्जोत, नवीन
कुरुक्षेत्र के ये लोग हुए डिपोर्ट
हैप्पी सैनी, प्रदीप कुमार, अमन कुमार, विक्रम सिंह और पारस शर्मा।
 

यमुनानगर के ये लोग हुए डिपोर्ट 
अभिषेक, सागर, सूर्य प्रताप और हर्ष। पानीपत-रोहतक के युवक भी शामिल पानीपत के साहिल भी करीब 50 लाख रुपये खर्च करके जुलाई 2024 में डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे थे। अब उन्हें भारत डिपोर्ट किया गया है। इसके साथ ही रोहतक के सन्नी को भी डिपोर्ट किया गया है।
 

अंबाला के ये लोग हुए डिपोर्ट
मुलाना से हरदेश, टपरी गांव निवासी साहिल, मुलाना निवासी तौशिक, नारायणगढ़ के गांव खानपुर लबाना निवासी गुरसेव, नम्गल के गांव जगौली निवासी हरजिंद्र सिंह शामिल हैं।
 

गुहला चीका निवासी डेढ़ साल जेल में रहा
डिपोर्ट होकर आए गुहला चीका ब्लॉक के निवासी के परिजन ने बताया कि उनके चाचा का लड़का व उसकी पत्नी करीब पौने दो साल पहले कनाडा गए थे। कनाडा से वे अमेरिका चले गए। वहां उन्हें जेल में बंद कर दिया। पत्नी जेल से बाहर निकल गई जबकि वह डेढ़ साल जेल में ही बंद रहा। रात को पुलिस का फोन आया था कि अमेरिका से भाई को लाया जा रहा है।
 

एक किला ढाई कनाल जमीन बेच गया था विदेश
अमेरिका से डिपोर्ट हुए एक युवक ने बताया कि नौ जनवरी 2024 को वह दिल्ली से ब्राजील गया था। 57 लाख रुपये एजेंट को दिए थे। रुपयों का इंतजाम करने के लिए एक किला ढाई कनाल जमीन बेचकर वह गया था। तभी से वह अमेरिका की जेल में पड़ा हुआ था। कुछ पैसे ब्याज पर लेकर दिए थे। पैनामा के जंगल से वह गया था। वह 14 महीने जेल काट कर वापस अपने जिला कैथल में आया है। जंगल, नदियां, रेगिस्तान और खतरनाक रास्तों से होकर चार से छह महीने में अमेरिका गया था।

युवाओं ने किसी एजेंट की शिकायत नहीं की
डीएसपी संदीप कुमार ने बताया कि फिलहाल इनमें से किसी भी युवा की ओर से किसी एजेंट के खिलाफ शिकायत नहीं दी गई है। अगर शिकायत मिलेगी तो उस पर कार्रवाई होगी। उनका कहना है कि महीनों की कैद और अत्याचार झेलने के बाद इनकी वापसी उन सभी युवाओं के लिए चेतावनी है जो बिना वैध प्रक्रिया के विदेश जाने का सपना देखते हैं। कानूनी प्रक्रिया से बाहर जाकर विदेश जाना न केवल अपराध है बल्कि जान का भी जोखिम है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि गलत तरीके से विदेश जाने के झांसे में न आएं और अपना वक्ता और पैसा बर्बाद न करें।
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