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हरियाणा में व्यवस्था को लगी ठंड: भिवानी के 150 सरकारी स्कूलों में टूटे खिड़की-दरवाजे, सर्द हवाएं झेल रहे बच्चे
संजय वर्मा, भिवानी (हरियाणा)
Published by: नवीन दलाल
Updated Fri, 19 Dec 2025 10:26 AM IST
सार
बवानीखेड़ा के वीर शहीद गुलाब सिंह पीएमश्री राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को स्वच्छता और मॉडल स्कूल श्रेणी में राज्य स्तर पर तीन पुरस्कार मिल चुके हैं। बावजूद इसके यहां अब भी बालिकाओं की कक्षाएं खुले में लग रही हैं।
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शहर के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रार्थना सभा के दौरान जमीन पर बैठे विद्या
- फोटो : संवाद
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विस्तार
कड़ाके की ठंड और घनी धुंध के बीच जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों से खुले में गतिविधियां कराई जा रही हैं। शिक्षा विभाग के स्पष्ट आदेशों के बावजूद न तो कक्षाओं में ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम हैं और न ही आधारभूत सुविधाओं की स्थिति संतोषजनक है। ठिठुरते बच्चों का कांपता बदन व्यवस्था की बदहाली की गवाही दे रहा है। वीरवार को स्कूलों की पड़ताल की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
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जिले के करीब 150 सरकारी स्कूलों (98 प्राइमरी और 52 अपर प्राइमरी) में खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान टूटे पड़े हैं। कई स्कूलों में खिड़कियों के शीशे और जालियां गायब हैं, जिससे सर्द हवाएं सीधे बच्चों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रही हैं। हालात यह है कि कई स्कूलों की छतों में दरारें आ चुकी हैं और फर्श भी जगह-जगह से टूटे हैं। सुबह की प्रार्थना अब भी खुले मैदान में कराई जा रही है, जहां ठंड में जमीन पर बैठे बच्चे ठिठुरने को मजबूर हैं। जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत मुख्यालय से करीब 22 करोड़ रुपये के बजट की मांग की जा चुकी है, लेकिन जमीनी हालात अभी भी जस के तस हैं।
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मॉडल संस्कृति विद्यालय : खुले में बैठकर कराई जा रहीं गतिविधियां
शहर के मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में ठिठुरती ठंड के बावजूद बच्चों से खुले में गतिविधियां कराई जा रही हैं। प्रार्थना के बाद करीब आधा घंटे तक सह-शैक्षणिक गतिविधियों में बच्चों को जमीन पर बैठना पड़ता है। कक्षा पहली से 12वीं तक के विद्यार्थी ठंड में जकड़न महसूस कर रहे हैं। विद्यालय में करीब 650 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन कक्षा कक्षों की खुली व हवादार बनावट ठंड से राहत नहीं दे पा रही।
मानान पाना : राजकीय प्राथमिक पाठशाला में ठिठुर रहा बचपन
शहर के मानान पाना स्थित राजकीय प्राथमिक संस्कृति मॉडल पाठशाला में कक्षा पहली से पांचवीं तक करीब 350 विद्यार्थी पढ़ते हैं। इसी भवन में दो अन्य सरकारी प्राथमिक स्कूलों की कक्षाएं भी संचालित हो रही हैं। एक ही छत के नीचे तीन स्कूल चलने से हालात और बिगड़ गए हैं। सभी कमरों की खिड़कियों के शीशे टूटे हैं, जिससे सर्द हवाएं सीधे बच्चों तक पहुंच रही हैं। कई बच्चे बीमार भी हो चुके हैं। विद्यालय प्रबंधन द्वारा जर्जर भवन की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी है और विभागीय टीम सर्वे भी कर चुकी है।
चांग : दान में 3.25 करोड़ रुपये दिए फिर भी ठिठुर रहीं बेटियां
गांव चांग के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के दो मंजिला भवन को पीडब्ल्यूडी ने वर्ष 2018 में कंडम घोषित कर दिया था। गांव के दानवीर लार्ड स्वराजपाल ने करीब दो साल पहले सवा तीन करोड़ रुपये नए भवन निर्माण के लिए दान किए, लेकिन निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका। विद्यालय में करीब 425 छात्राएं कक्षा पहली से 12वीं तक पढ़ती हैं। भवन जर्जर होने के कारण प्राथमिक विद्यालय में दो शिफ्ट में कक्षाएं लग रही हैं और सुबह की प्रार्थना खुले में कराई जा रही है।
बहल : बदहाल शौचालय और धूल फांकती लाइब्रेरी
बहल की राजकीय मॉडल प्राइमरी पाठशाला की लाइब्रेरी में किताबें धूल फांक रही हैं। वहीं राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला का शौचालय बदहाल स्थिति में है, जहां न पानी की व्यवस्था है और न ही सफाई का कोई इंतजाम। दोनों विद्यालयों में करीब 400 से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
बवानीखेड़ा : राज्य पुरस्कार के बावजूद खुले में कक्षाएं
बवानीखेड़ा के वीर शहीद गुलाब सिंह पीएमश्री राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को स्वच्छता और मॉडल स्कूल श्रेणी में राज्य स्तर पर तीन पुरस्कार मिल चुके हैं। बावजूद इसके यहां अब भी बालिकाओं की कक्षाएं खुले में लग रही हैं। विद्यालय में 720 छात्राएं अध्ययनरत हैं। छात्राओं की संख्या के अनुपात में शौचालय कम हैं और बारिश के दौरान भवन को भी नुकसान पहुंचा है।
अधिकारी के अनुसार
गांव चांग के राजकीय कन्या स्कूल में मैंने 8 दिसंबर को पदभार संभाला है। स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हालात में होने के कारण स्कूल दो शिफ्ट में लगाया जा रहा है। इस बारे में ग्रामीणों से बात हुई है, उन्होंने बताया है कि स्कूल के लिए लाॅर्ड स्वराज फैमिली की तरफ से करीब सवा तीन करोड़ रुपये आए हुए हैं। इस बारे में विधायक कपूर वाल्मीकि से भी बात हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही विद्यार्थियों के लिए नई बिल्डिंग का निर्माण करवाया जाएगा। -मनोज कुमार यादव, प्रचार्य, राजकीय कन्या स्कूल, चांग।
जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में बच्चों को ठंड से बचाने के लिए स्पष्ट आदेश जारी किए हैं। खुले में कक्षाएं नहीं लगानी हैं। जहां बेंच उपलब्ध नहीं हैं, वहां टाट-पट्टी का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जाए। कहीं उल्लंघन हो रहा है तो निरीक्षण कर समुचित व्यवस्था कराएंगे। -डॉ. निर्मल दहिया, जिला शिक्षा अधिकारी, भिवानी।