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Chandigarh-Haryana News: पांच माह में 87 निकाय वसूल सके 2.20 प्रतिशत संपत्ति कर, पांच लाख से अधिक के बकाएदारों को दिए जाएंगे नोटिस
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प्रदेश के 22 में से 18 जिलों की स्थिति बेहद खराब, 20 को मुख्यमंत्री करेंगे समीक्षा
191 अरब रुपये ब्याज व एरियर सहित था बकाया
4.20 अरब रुपये 2025-26 में अब तक मिले
अरुण शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय संस्थाएं संपत्ति कर वसूली में पूरी तरह से पिछड़ गई हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में पांच माह बीतने के बाद भी प्रदेश की सभी 87 निकाय संस्थाएं केवल 2.20 प्रतिशत ही संपत्ति कर वसूल कर पाई हैं। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पांच लाख रुपये से अधिक के बकाएदारों को तुरंत नोटिस जारी कर वसूली शुरू करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा 20 सितंबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह इसकी समीक्षा भी करेंगे।
प्रदेश में शहरी आबादी करीब 1.89 करोड़ है। 11 नगर निगमों सहित कुल 87 निकायों में करीब 49.41 लाख शहरी संपत्तियां हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में संपत्ति कर का लक्ष्य 814.81 करोड़ रुपये रखा गया था। इसमें बकाया जोड़ दें तो यह राशि करीब 10 अरब 45 करोड़ रुपये बनती है। एरियर और ब्याज सहित यह राशि करीब 191 अरब रुपये बनती है।
2025-26 में अब तक संपत्ति कर के करीब 4.20 अरब रुपये ही प्राप्त हो सके हैं। इस पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक पंकज कुमार ने कड़ी नाराजगी जताई है। निदेशक ने प्रदेश की सभी आयुक्तों, जिला नगर आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों और सचिवों को पत्र भेजकर 30 सितंबर तक स्थिति में सुधार के आदेश दिए हैं। निर्धारित अवधि में सुधार न होने पर संपत्तिकर वसूली के कार्य में पिछड़ने वाले अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) और पीएआर (वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट) में इसका ब्योरा दर्ज करने की हिदायत दी है।
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व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से बकाया वसूलने के आदेश
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक पंकज कुमार के पत्र में प्रदेश में सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, पेट्रोल पंप संचालकों व दूसरे सभी बकाएदारों को नोटिस देकर तुरंत बकाया जमा कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही बकाएदारों की सूची बनाकर उनसे राजस्व वसूलने शुरू करने को कहा गया है।
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विशेषज्ञ : बकाएदार करते हैं छूट का इंतजार, त्रुटियां भी अधिक
सेवानिवृत आईएएस अधिकारी आरएस वर्मा का कहना है कि संपत्ति कर कम आने के मुख्य रूप से दो बड़े कारण हैं। पहला यह है कि सरकार संपत्ति कर को लेकर छूट देती है। कुछ लोग समय से बकाया जमा करते हैं, लेकिन छूट का इंतजार करने वाले लोग बकाया कर जमा नहीं कराते। सरकार बाद में उन्हें ब्याज और एरियर में छूट देती है। इसलिए समय पर कर जमा करने वालों को पुरस्कृत करने की योजना सरकार बनाए। वहीं, त्रुटियां भी अधिक होने के कारण भी राजस्व मिलने की राह में बाधाएं हैं। रोहतक के अधिवक्ता वीके शर्मा का कहना है कि उनकी इंद्रप्रस्थ काॅलोनी के मकानों के संपत्ति कर में त्रुटियां हैं। उन्हें ठीक कराने के लिए लोग लंबे समय से परेशान हैं। इस प्रकरण में प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायतें की हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
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18 जिलों में संपत्ति कर सबसे कम वसूला गया
जिला : संपत्तिकर वसूली (प्रतिशत)
सिरसा : 0.07
महेंद्रगढ़ : 0.46
जींद : 0.56
रोहतक : 0.65
चरखी दादरी : 0.79
पानीपत : 0.79
झज्जर : 1.16
पलवल : 1.24
रेवाड़ी : 1.29
भिवानी : 0.78
कैथल : 1.34
हिसार : 1.55
कुरुक्षेत्र : 1.70
नूंह : 1.72
अंबाला : 1.72
फतेहाबाद : 1.87
सोनीपत : 2.0
करनाल : 2.13
नोट : आंकड़े शहरी स्थानीय निकाय विभाग से 22 अगस्त 2025 तक

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191 अरब रुपये ब्याज व एरियर सहित था बकाया
4.20 अरब रुपये 2025-26 में अब तक मिले
अरुण शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय संस्थाएं संपत्ति कर वसूली में पूरी तरह से पिछड़ गई हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में पांच माह बीतने के बाद भी प्रदेश की सभी 87 निकाय संस्थाएं केवल 2.20 प्रतिशत ही संपत्ति कर वसूल कर पाई हैं। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पांच लाख रुपये से अधिक के बकाएदारों को तुरंत नोटिस जारी कर वसूली शुरू करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा 20 सितंबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह इसकी समीक्षा भी करेंगे।
प्रदेश में शहरी आबादी करीब 1.89 करोड़ है। 11 नगर निगमों सहित कुल 87 निकायों में करीब 49.41 लाख शहरी संपत्तियां हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में संपत्ति कर का लक्ष्य 814.81 करोड़ रुपये रखा गया था। इसमें बकाया जोड़ दें तो यह राशि करीब 10 अरब 45 करोड़ रुपये बनती है। एरियर और ब्याज सहित यह राशि करीब 191 अरब रुपये बनती है।
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2025-26 में अब तक संपत्ति कर के करीब 4.20 अरब रुपये ही प्राप्त हो सके हैं। इस पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक पंकज कुमार ने कड़ी नाराजगी जताई है। निदेशक ने प्रदेश की सभी आयुक्तों, जिला नगर आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों और सचिवों को पत्र भेजकर 30 सितंबर तक स्थिति में सुधार के आदेश दिए हैं। निर्धारित अवधि में सुधार न होने पर संपत्तिकर वसूली के कार्य में पिछड़ने वाले अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) और पीएआर (वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट) में इसका ब्योरा दर्ज करने की हिदायत दी है।
व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से बकाया वसूलने के आदेश
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक पंकज कुमार के पत्र में प्रदेश में सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, पेट्रोल पंप संचालकों व दूसरे सभी बकाएदारों को नोटिस देकर तुरंत बकाया जमा कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही बकाएदारों की सूची बनाकर उनसे राजस्व वसूलने शुरू करने को कहा गया है।
विशेषज्ञ : बकाएदार करते हैं छूट का इंतजार, त्रुटियां भी अधिक
सेवानिवृत आईएएस अधिकारी आरएस वर्मा का कहना है कि संपत्ति कर कम आने के मुख्य रूप से दो बड़े कारण हैं। पहला यह है कि सरकार संपत्ति कर को लेकर छूट देती है। कुछ लोग समय से बकाया जमा करते हैं, लेकिन छूट का इंतजार करने वाले लोग बकाया कर जमा नहीं कराते। सरकार बाद में उन्हें ब्याज और एरियर में छूट देती है। इसलिए समय पर कर जमा करने वालों को पुरस्कृत करने की योजना सरकार बनाए। वहीं, त्रुटियां भी अधिक होने के कारण भी राजस्व मिलने की राह में बाधाएं हैं। रोहतक के अधिवक्ता वीके शर्मा का कहना है कि उनकी इंद्रप्रस्थ काॅलोनी के मकानों के संपत्ति कर में त्रुटियां हैं। उन्हें ठीक कराने के लिए लोग लंबे समय से परेशान हैं। इस प्रकरण में प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायतें की हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
18 जिलों में संपत्ति कर सबसे कम वसूला गया
जिला : संपत्तिकर वसूली (प्रतिशत)
सिरसा : 0.07
महेंद्रगढ़ : 0.46
जींद : 0.56
रोहतक : 0.65
चरखी दादरी : 0.79
पानीपत : 0.79
झज्जर : 1.16
पलवल : 1.24
रेवाड़ी : 1.29
भिवानी : 0.78
कैथल : 1.34
हिसार : 1.55
कुरुक्षेत्र : 1.70
नूंह : 1.72
अंबाला : 1.72
फतेहाबाद : 1.87
सोनीपत : 2.0
करनाल : 2.13
नोट : आंकड़े शहरी स्थानीय निकाय विभाग से 22 अगस्त 2025 तक