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Hindi News ›   Haryana ›   Chandigarh-Haryana News ›   Claims of incentives from schemes but no support to players at the ground level: High Court

योजनाओं से प्रोत्साहन के दावे लेकिन खिलाड़ियों को जमीनी स्तर पर सहयोग नहीं: हाईकोर्ट

सार

चंडीगढ़ में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पावर यूटिलिटीज द्वारा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के भत्ते रोकने पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने विभाग को दो माह में खिलाड़ियों की मांग पर निर्णय देने का निर्देश दिया।

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अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को हाईकोर्ट ने दी राहत
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हरियाणा पावर यूटिलिटीज विभाग की ओर से खिलाड़ियों के प्रति रवैये पर की तल्ख टिप्पणी


चंडीगढ़। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पावर यूटिलिटीज विभाग के रवैये पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को खर्च की प्रतिपूर्ति से वंचित करना उनकी मनमानी सोच को दर्शाता है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह मामला 'दृष्टि और क्रियान्वयन के बीच की गहरी खाई' को उजागर करता है।



हाईकोर्ट ने कहा कि जहां एक ओर राज्य और केंद्र सरकार खेलो इंडिया व फिट इंडिया मूवमेंट जैसी योजनाओं से खेलों को प्रोत्साहन देने के बड़े-बड़े दावे करती हैं। वहीं, खिलाड़ियों को जमीनी स्तर पर सहयोग नहीं मिल पाता। कोर्ट ने कहा कि हम बड़े खिलाड़ियों की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं लेकिन आम खिलाड़ियों के लिए तंत्र का समर्थन अक्सर नदारद रहता है। कंवलदीप और अन्य खिलाड़ियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए की। इन खिलाड़ियों ने जर्मनी के मैनहाइम में पांच से आठ सितंबर 2024 तक आयोजित इंटरनेशनल टग ऑफ वार वर्ल्ड आउटडोर चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें प्रति खिलाड़ी 3.13 लाख रुपये यात्रा भत्ता ब्याज सहित दिया जाए। याचिका में बताया कि हरियाणा पावर स्पोर्ट्स ग्रुप ने 15 जुलाई 2024 को पत्र जारी कर प्रत्येक खिलाड़ी को 3.13 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की थी। लेकिन कमेटी में बदलाव होने के बाद 31 अगस्त 2024 को नया आदेश जारी कर खिलाड़ियों की भागीदारी तो मंजूर कर दी गई मगर यह भी स्पष्ट कर दिया कि किसी भी प्रकार का खर्च पावर यूटिलिटीज नहीं वहन करेगी।
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कोर्ट ने कहा कि खिलाड़ियों का जीवन अनुशासन, संघर्ष और अनिश्चितताओं से भरा होता है। वर्षों की मेहनत और समर्पण के बावजूद उन्हें अवसर और सुविधाएं मिलना सुनिश्चित नहीं होता। खेल क्षेत्र में हर खिलाड़ी का सफर कठिनाइयों से भरा होता है और यह व्यापक तंत्र की जिम्मेदारी है कि उन्हें सहयोग और मार्गदर्शन मिले। हाईकोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दो माह में खिलाड़ियों की मांग पर विचार कर उन्हें सूचित करें। यदि याचिकाकर्ता राहत पाने के हकदार पाए जाते हैं तो भुगतान तुरंत किया जाए। अदालत ने यह भी उम्मीद जताई कि हरियाणा पावर यूटिलिटीज भविष्य में खिलाड़ियों को मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करने की दिशा में सकारात्मक रवैया अपनाएगी।
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