RBI MPC: आरबीआई की बैंकों व एनबीएफसी को दो टूक- ग्राहकों को सबसे ऊपर रखें, शिकायतों में कमी के लिए चलेगी मुहिम
RBI MPC: एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती का फैसला किया, जिससे यह अब घटकर 5.25% पर आ गई है। एमपीसी के फैसलों के एलान के बीच आरबीआई गवर्नर ने बैंकों और एनबीएफसी को भी नसीहत दी है। केंद्रीय बैंक के मुखिया ने कहा कि बैंक ग्राहकों को अपने परिचालन में सबसे ऊपर रखें और उनकी बढ़ती शिकायतों का तत्काल निवारण करें। आरबीआई गवर्नर ने और क्या कहा, आइए जानें विस्तार से।
विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा करते हुए बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के लिए एक स्पष्ट संदेश जारी किया। गवर्नर ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से अपनी नीतियों और कामकाज में ग्राहकों को सर्वोपरि रखने की बात कही। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने उन्हें से ग्राहक सेवाओं में सुधार लाने और शिकायतों को भी कम करने को कहा।
आरबीआई एमपीसी ने गवर्नर ने ब्याज दरों में भी बड़ी राहत दी है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती का फैसला किया, जिससे यह अब घटकर 5.25% पर आ गई है। केंद्रीय बैंक ने अपना रुख 'तटस्थ' बनाए रखा है।
1 जनवरी से शुरू होगा विशेष शिकायत निवारण अभियान
ग्राहकों की ओर बैंकों-एनबीएफसी में बढ़ती शिकायतों पर आरबीआई गवर्नर ने एक अहम घोषणा की। उन्होंने बताया कि आरबीआई लोकपाल के पास एक महीने से अधिक समय से लंबित सभी शिकायतों के समाधान के लिए अगले साल 1 जनवरी से दो महीने का विशेष अभियान चलाया जाएगा।
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, "हाल के दिनों में बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त होने के कारण, आरबीआई लोकपाल के पास लंबित मामलों में इजाफा हुआ है। हम 1 जनवरी से दो महीने का अभियान चलाने का प्रस्ताव कर रहे हैं, इसका उद्देश्य उन सभी शिकायतों का समाधान करना है जो एक महीने से अधिक समय से लंबित हैं।"
ग्राहक सेवा में सुधार के लिए उठाए गए कदम
आरबीआई गवर्नर ने ग्राहक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए हालिया कदमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हमने इस दिशा में कई उपाय किए हैं। री-केवाईसी, वित्तीय समावेशन और 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' अभियान अन्य हितधारकों के सहयोग से की गई कुछ प्रमुख पहल हैं।"
उन्होंने आगे बताया कि साल की शुरुआत में आरबीआई ने अपने 'सिटिजन चार्टर' की भी समीक्षा की थी और सभी सेवाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। गवर्नर ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा, "हम हर महीने की पहली तारीख को विभिन्न आवेदनों के निपटान और लंबित मामलों का सारांश प्रकाशित कर रहे हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 99.8% से अधिक आवेदनों का निपटान निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जा रहा है।"
वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा, शिकायतों में 13.55% की बढ़ोतरी
आरबीआई द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में जारी की गई 'एकीकृत लोकपाल योजना वार्षिक रिपोर्ट' (FY 2024-25) में उपभोक्ता शिकायतों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 13.34 लाख शिकायतें दर्ज की गईं। यह पिछले वित्त वर्ष (2023-24) की तुलना में 13.55% अधिक हैं। उपभोक्ता शिकायतों का सबसे बड़ा स्रोत लोन और एडवांस रहे, जो कुल शिकायतों का 29.25% थे।
क्रेडिट कार्ड से जुड़ी शिकायतों में 20.04% की भारी वृद्धि देखी गई, जिससे यह शिकायत की दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी बन गई। मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से जुड़ी शिकायतों में 12.74% की गिरावट आई है, जो या तो बेहतर सिस्टम दक्षता या बदलते उपभोक्ता व्यवहार का संकेत है। कुल शिकायतों में बैंकों की हिस्सेदारी 81.53% रही, जबकि एनबीएफसी (NBFCs) की हिस्सेदारी 14.80% थी। रिपोर्ट में डिजिटल शिकायतों के बढ़ते दायरे, निपटान दक्षता में सुधार, और लोन, क्रेडिट कार्ड व डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर बढ़ती चिंताओं को भी रेखांकित किया गया है।