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Dollar vs Rupees: रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से 26 पैसे उछला, अभी भी 100 तक जाने की आशंका

अजीत सिंह, नई दिल्ली Published by: शिवम गर्ग Updated Fri, 05 Dec 2025 07:23 AM IST
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Dollar vs Rupee: Rupee Rises 26 Paise from Record Low, But Risk of Hitting 100 Still Looms
रुपया बनाम डॉलर - फोटो : अमर उजाला
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अमेरिकी डॉलर सूचकांक में नरमी और भारतीय रिजर्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप की खबरों के चलते बृहस्पतिवार को रुपया सार्वकालिक निचले स्तर से उबरकर 26 पैसे बढ़कर 89.89 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। दिन की शुरुआत में रुपया कमजोर खुला व विदेशी निवेशकों के बिकवाली के दबाव से 90.43 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया। कुछ विश्लेषकों ने इसके 100 के स्तर तक जाने की आशंका जताई है।
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विश्लेषकों के अनुसार, कुछ खास नकारात्मक परिस्थितियों में 100 के स्तर को पार करना संभव है, हालांकि यह आधारभूत स्थिति नहीं है। अब तक गिरावट स्थिर रही है। अचानक नहीं और इसकी जड़ कमजोर निर्यात, भारी विदेशी निकासी व अमेरिकी डॉलर के पक्ष में बने वैश्विक माहौल का मिश्रण है। रुपये में 4 दिसंबर को लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही। इससे 2025 में एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है। यह गिरावट मजबूत जीडीपी आंकड़ों और जबरदस्त घरेलू मांग के बावजूद आई है। यह दर्शाता है कि हाल के महीनों में बाहरी दबाव तेजी से बढ़ा है।
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रुपये का 90 रुपये के पार जाना उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, सौंदर्य प्रसाधन और कार कंपनियों को कीमतें बढ़ाने पर विचार करने के लिए मजबूर कर रहा है। इससे जीएसटी कटौती से हाल ही में बिक्री में हुई वृद्धि पर असर पड़ सकता है। आयात पर अत्यधिक निर्भर कंपनियां कमजोर रुपये के कारण कीमतों में 3-7 फीसदी की वृद्धि की योजना बना रही हैं।

30 साल में तीन गुना टूटा : 1995 में 30 के स्तर पर था रुपया, अब 90 के स्तर से भी नीचे 
  • शिक्षा : विदेश में पढ़ने के लिए फीस के साथ रहने-खाने के लिए डॉलर में भुगतान होता है। अब डॉलर लेने के लिए ज्यादा रुपया देना होगा। (2024-25 में भारतीयों का विदेश में शिक्षा पर 2.9 अरब डॉलर खर्च)
  • विदेश यात्रा : घूमने, ठहरने व खाने के लिए डॉलर में खर्च होता है। इसलिए भी ज्यादा रुपया देना होगा। (2024-25 में विदेश में घूमने पर भारतीयों का 17 अरब डॉलर खर्च)
  • इलाज महंगा : विदेश में इलाज का खर्च भी डॉलर में करना होता है। (2024-25 में 8.1 करोड़ डॉलर खर्च)
  • सोना, इलेक्ट्रॉनिक सामान और कच्चा तेल महंगा : इन सभी का आयात होता है। इससे जुड़ी चीजों पर भी असर होगा। खासकर डीजल से माल ढुलाई होती है। डीजल महंगा हुआ तो ढुलाई महंगी होगी। (2024-25 में भारत का 720 अरब डॉलर का इन पर खर्च)
15 वर्षों में गिरावट
अवधि गिरावट का प्रतिशत
2010–2015 38.7%
2015–2020 20.4%
2020–2025 13.5%

इनको होगा फायदा
  • विदेश में कमाने वाले या विदेशों से जो भी आय भारत आएगी, उससे फायदा। बाहर देशों में काम करने वाले ने अपने परिवार को 100 डॉलर भेजा तो उसे 9,000 रुपये अब मिलेंगे। रुपया 80 पर होता तो 8,000 रुपये मिलते। (2024-25 में 135 अरब डॉलर भारत आया)
  • निर्यातकों को लाभ : रुपये की गिरावट से निर्यातकों के चेहरे खिल गए हैं। वे अब 100 डॉलर का सामान बाहर भेजेंगे तो 9,000 मिलेगा। 80 के स्तर पर 8,000 रुपये मिलता। (2024-25 में 437 अरब डॉलर का सामान और 387  अरब डॉलर का सेवा निर्यात)
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