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इंडिगो संकट: हवाई किराए ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पटना-दिल्ली का टिकट 60 हजार के पार

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Fri, 05 Dec 2025 01:24 PM IST
सार

इंडिगो संकट: हवाई किराए ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पटना-मुंबई का टिकट 60 हजार के पार

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IndiGo Crisis: Air Fares Shatter Records, Know what is the fare for major cities
हवाई किराया - फोटो : amarujala.com
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भारतीय विमानन क्षेत्र इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो  के परिचालन संकट ने हवाई यात्रा को आम आदमी की पहुंच से पूरी तरह बाहर कर दिया है। तकनीकी और क्रू की कमी के चलते सैकड़ों उड़ानें रद्द हो रही हैं, जिसका सीधा असर हवाई किरायों पर पड़ा है। स्थिति यह है कि घरेलू मार्गों का किराया अब लंदन और पेरिस के टिकटों से भी महंगा हो गया है।
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विभिन्न ट्रैवल पोर्टल्स और बुकिंग वेबसाइटों के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जिन रूट्स पर इंडिगो का दबदबा था, वहां सबसे ज्यादा मारामारी है। चूंकि इंडिगो के पास घरेलू बाजार की 60% से अधिक हिस्सेदारी है, उसके लड़खड़ाते ही पूरा सिस्टम चरमरा गया है।
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इंडिगो एयरलाइन की ओर से पिछले दो-तीन दिनों में हर दिन सैकड़ों उड़ानें रद्द की गई हैं। देश के प्रमुख शहरों के बीच हवाई किरायों में बेतहाशा वृद्धि दिखी है। सामान्य दिनों में 6 से 8 हजार रुपये में मिलने वाले टिकट अब 50 से 60 हजार रुपये तक पहुंच गए हैं। सबसे अधिक प्रभावित होने वाले रूट्स में कोलकाता, मुंबई, उदयपुर, पटना और दिल्ली हैं। 

विभिन्न ट्रैवल पोर्टल्स और बुकिंग वेबसाइटों के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जिन रूट्स पर इंडिगो का दबदबा था, वहां सबसे ज्यादा मारामारी है। चूंकि इंडिगो के पास घरेलू बाजार की 60% से अधिक हिस्सेदारी है, उसके लड़खड़ाते ही पूरा सिस्टम चरमरा गया है। कई जगहों के लिए 'स्पॉट फेयर' में 800% तक का इजाफा दिखा है। जैसे पटना से दिल्ली का किराया जो आम तौर पर 6 से 10 हजार के बीच होता है वह बढ़कर 66 तक पहुंच गया है। 

हवाई किराए में इतना बड़ा इजाफा क्यों?

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल उड़ानों के रद्द होने का मामला नहीं है, बल्कि यह 'डायनामिक प्राइसिंग एल्गोरिदम' का भी असर है। इंडिगो द्वारा एक ही दिन में सैकड़ों उड़ानें रद्द करने से हजारों सीटें सिस्टम से गायब हो गईं। दूसरी ओर, विस्तारा और एयर इंडिया जैसी अन्य एयरलाइंस की सीटें सीमित हैं। जब यात्री रद्द हुई इंडिगो फ्लाइट की जगह दूसरी फ्लाइट ढूंढते हैं, तो एल्गोरिदम मांग में भारी उछाल आ जाता है और कीमत को स्वचालित रूप से अधिकतम स्तर तक ले जाता है। दूसरी ओर, देश में शादियों और छुट्टियों का पीक सीजन है। पहले से ही मांग उच्च स्तर पर थी, और इस संकट ने आग में घी का काम किया है।

यात्री की व्यथा: पटना जाने वाले एक यात्री ने सोशल मीडिया पर साझा किया, "मुझे इमरजेंसी में घर जाना था, लेकिन दिल्ली से पटना का टिकट 66,000 रुपये का दिख रहा है। इतने में मैं दिल्ली से लंदन जा सकता था। यह अब बस की बात नहीं रही।"

क्या है इंडिगो का संकट?

इंडिगो के अनुसार, यह समस्या मुख्य रूप से नए एफडीटीएल (Flight Duty Time Limitations) नियमों के कार्यान्वयन और पायलटों की रोस्टरिंग में हुई गड़बड़ी के कारण है। एयरलाइन ने स्वीकार किया है कि उनके पास आवश्यक क्रू की कमी हो गई है। इंडिगो ने डीजीसीए को सूचित किया है कि परिचालन पूरी तरह से सामान्य होने में थोड़ा समय लग सकता है। डीसीसीए ने इस बीच क्रू के विश्राम से जुड़े नियमों को वापस ले लिया है।

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