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Biz Updates: पूर्वोत्तर के लिए 5700 करोड़ के प्रोजेक्ट स्वीकृत; नेपाल में अब ₹200-500 के भारतीय नोट भी चलेंगे

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला। Published by: ज्योति भास्कर Updated Fri, 05 Dec 2025 06:13 AM IST
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Business Updates SEBI 5700 crore for Northeast Indian currency in Nepal Share Market USD vs INR Import Export
बिजनेस न्यूज एंड अपडेट्स - फोटो : amarujala.com
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पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि प्रधानमंत्री उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास पहल (पीएम-डिवाइन) के तहत लगभग 5,700 करोड़ रुपये की 44 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। सिंधिया ने बुधवार को मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह जानकारी दी। सिंधिया ने कहा कि पीएम-डिवाइन मंत्रालय की सबसे महत्वपूर्ण योजना है, जिसे केंद्रीय बजट 2022-2023 में शुरू किया गया था। इसकी कुल लागत 6,600 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि 44 परियोजनाओं में से तीन पूरी हो चुकी हैं और 41 पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि योजना की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है और मंत्रालय पूरी राशि का उपयोग करने की राह पर है। पूर्वोत्तर बन रहा एशिया का गेटवे : सोनोवाल...केन्द्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि पूर्वोत्तर एकीकृत जांच चौकियों और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के जरिये दक्षिण पूर्व एशिया के लिए लॉजिस्टिक्स और सांस्कृतिक गेटवे बन रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दशकों की उपेक्षा को बदलकर यह क्षेत्र अष्टलक्ष्मी के रूप में उभर रहा है।
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नेपाल में अब 100 से अधिक मूल्य वाले 200-500 रुपये  के भारतीय नोट भी चलेंगे
नेपाल में अब 100 रुपये से अधिक मूल्य के भारतीय नोटों के चलन के लिए रास्ता साफ हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने नेपाल में उच्च मूल्य वाले नोटों के विनिमय को मंजूरी दी है। अभी तक नेपाल में केवल 100 रुपये तक का भारतीय नोट स्वीकार्य था लेकिन अब 200 और 500 रुपये के नोट भी चलेंगे। हालांकि, यह व्यवस्था तुरंत लागू नहीं होगी। नेपाल राष्ट्र बैंक को इसके लिए अलग से सर्कुलर (परिपत्र) जारी करना होगा। इसके बाद ही आम नागरिक और पर्यटक बड़े मूल्य के नोट लेनदेन में प्रयोग कर सकेंगे। भारत में वर्तमान में 100, 200 और 500 रुपये के नोट प्रचलन में हैं। 2016 में भारत में नोटबंदी के बाद नेपाल राष्ट्र बैंक ने बड़े मूल्य के नोटों का विनिमयन रोक दिया था। अब भारत ने नेपाल और भूटान में 25,000 रुपये तक भारतीय मुद्रा ले जाने और लाने की अनुमति दी है। पहले सिर्फ भारत से 25 हजार रुपये तक लाने की अनुमति थी। नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता गुरु प्रसाद पौडेल के अनुसार, नई व्यवस्था से दोनों देशों के यात्रियों को राहत मिलेगी।
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खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में ज्यादा निवेश बढ़ाएं घरेलू कंपनियां
खाद्य प्रसंस्करण सचिव ए पी दास जोशी ने कंपनियों से इस क्षेत्र में और अधिक निवेश करने की अपील की है, ताकि प्रसंस्करण स्तर को वर्तमान 12 प्रतिशत के निम्न स्तर से बढ़ाया जा सके। इससे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ स्वाभाविक रूप से हानिकारक नहीं होते हैं। सचिव ने कहा, उच्च वसा, चीनी, नमक से संबंधित मुद्दे सरकार द्वारा बहुत सक्रिय रूप से विचाराधीन हैं। निकट भविष्य में कोई निर्णय हो सकता है। देश भर में हमारी 24 लाख इकाइयां हैं और केवल 2 प्रतिशत ही संगठित हैं। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और निजी घरेलू निवेश की अपार संभावनाएं हैं। आप जो भी प्रसंस्करण करते हैं, वह अंततः लाखों किसानों से आता है। इसलिए जब भी हम मूल्यवर्धन करते हैं, उसका एक हिस्सा किसानों को जाता है। इसलिए ग्रामीण समृद्धि के लिए यह जरूरी है कि हम प्रसंस्करण स्तर बढ़ाएं। हम अपने भोजन का मुश्किल से 12 प्रतिशत ही संसाधित करते हैं। हम इतना उत्पादन करते हैं, लेकिन जब हम प्रसंस्करण की बात करते हैं, तो हम फीलीपीन और थाईलैंड जैसे देशों के आस-पास भी नहीं हैं।

फिच ने बढ़ाया अनुमान, 7.4% रहेगी चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर
फिच रेटिंग्स ने देश की अर्थव्यवस्था के विकास दर अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। पहले 6.9 फीसदी था। इसकी वजह देश में मजबूत मांग व टैक्स सुधारों का होना है। एजेंसी ने कहा, चालू वित्त वर्ष में बढ़ता निजी उपभोग देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे रहा है। इसे हाल में हुए जीएसटी सुधारों, आय में बढ़त और सकारात्मक ग्राहक धारणा से सपोर्ट मिल रहा है। फिच रेटिंग का मानना है कि 2026-27 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर कम होकर 6.4 प्रतिशत हो जाएगी। हालांकि, इसे मजबूत घरेलू मांग का फायदा मिलेगा। सरकारी निवेश में नरमी आ सकती है। 2026-27 की दूसरी छमाही से निजी निवेश में उछाल आ सकता है। भारत ने दूसरी तिमाही में मजबूत विकास दर ऐसे समय पर हासिल की है, जब अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर भारी टैरिफ लगाया है। आरबीआई ब्याज दरों के कटौती चक्र के आखिर में है और यहां से रेपो रेट दो वर्ष तक स्थिर रह सकता है। आरबीआई मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक का फैसला 5 दिसंबर को आएगा। 

साफ फ्रेमवर्क का उपयोग न होने से भेदभाव बढ़ाने के साथ प्राइवेसी को खत्म कर देगी तकनीक
जेनरेटिव एआई व मशीन लर्निंग जैसे साधन हेल्थकेयर में डायग्नोसिस को तेज कर सकते हैं। अडैप्टिव लर्निंग के जरिये एजुकेशन तक पहुंच बढ़ा सकते हैं और सरकारों को सेवा देने में मदद कर सकते हैं। लेकिन वही टेक्नोलॉजी अगर बिना साफ फ्रेमवर्क के इस्तेमाल की जाएं तो भेदभाव बढ़ा सकती हैं। प्राइवेसी खत्म कर सकती हैं या रेगुलेशन से आगे निकल सकती हैं। सेल्सफोर्स की दक्षिण एशिया और एसबीआई की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने कार्यक्रम में कहा, यह पक्का करना हमारी जिम्मेदारी है कि टेक्नोलॉजी इंसानियत की सेवा करे। इस साल इस इलाके में सॉवरेन एआई मॉडल्स पर फोकस तेज हुआ है, जो राष्ट्रीय नीति व वैश्विक प्लेटफॉर्म के असर को लेकर चिंताओं, दोनों की वजह से हुआ है। इस इलाके में टेक्नोलॉजी की अगली तरक्की में इंसानी सोच वाले डिजाइन को प्राथमिकता देनी चाहिए। डिजिटल फाइनेंस, स्वास्थ्य और शिक्षा में तरक्की इतनी तेजी से हो रही है कि नए सुरक्षा उपायों की जरूरत है। कंपनियों को एआई सिस्टम की बुनियाद में एथिक्स, प्राइवेसी और जिम्मेदारी को शामिल करने की जरूरत है। हमने टेक्नोलॉजी को अंदर से इकोनॉमिक सिस्टम को नया आकार देते देखा है। वित्तीय समावेशन में भारत का अनुभव दिखाता है कि कैसे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरी कम्युनिटी को ऊपर उठा सकता है।

रिलायंस ने जियो के आईपीओ के लिए मसौदा पर काम शुरू किया
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने दूरसंचार कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स के आईपीओ के लिए प्रारंभिक मसौदे पर काम शुरू कर दिया है। इसके देश का सबसे बड़ा आईपीओ होने की उम्मीद है। कंपनी अनौपचारिक रूप से बैंकों के साथ एक मसौदा तैयार करने के लिए बातचीत कर रही है। इसे वे जल्द से जल्द नियामक सेबी के पास दाखिल करने की योजना बना रही है। रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस साल कंपनी की वार्षिक साधारण सभा में जियो के आईपीओ की घोषणा की थी। भारतीय इश्यू से संबंधित नए नियम लागू होने के बाद मसौदा दाखिल करने व बैंकरों की औपचारिक नियुक्ति की जाएगी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ के बाद 5 लाख करोड़ से अधिक की पूंजी वाली कंपनियों के लिए आईपीओ में न्यूनतम हिस्सा बेचने के नियम को 2.5 फीसदी तक कम करने की मंज़ूरी दे दी है। यह बदलाव अब तक लागू नहीं हुआ है। बैंकर जियो के लिए 170 अरब डॉलर (15 लाख करोड़ रुपये) तक का मूल्यांकन आंक रहे हैं। यह प्रतिद्वंद्वी कंपनी भारती एयरटेल के मूल्य से भी काफी ज्यादा है। जिसका मूल्यांकन लगभग 12 लाख करोड़ रुपये है। नए लिस्टिंग नियमों के तहत अगर जियो इस मूल्यांकन के उच्च स्तर को प्राप्त कर लेती है और न्यूनतम हिस्सा बेचती है तो वह लगभग 39,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है। जियो की लिस्टिंग सितंबर, 2026 तक होने की उम्मीद है।

दिघी पोर्ट से हर साल 2 लाख कारों का होगा निर्यात, अदाणी पोर्ट्स और मदरसन की साझेदारी
महाराष्ट्र के दिघी पोर्ट को अब ऑटोमोबाइल निर्यात का नया हब बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) और मदरसन समूह की संयुक्त उद्यम कंपनी सम्वर्धना मदरसन हमाक्योरेक्स इंजीनियर्ड लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (SAMRX) के बीच हुए समझौते के तहत पोर्ट पर एक समर्पित ऑटो एक्सपोर्ट सुविधा विकसित की जाएगी। कंपनी द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, यह नया टर्मिनल हर साल 2 लाख कारों की हैंडलिंग क्षमता रखेगा। इससे दिघी पोर्ट को मुंबई से पुणे तक फैले ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग बेल्ट के लिए एक प्रमुख निर्यात टर्मिनल के रूप में स्थापित किया जाएगा।

APSEZ के 15 रणनीतिक पोर्ट्स में शामिल दिघी पोर्ट अब 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत भारत की बढ़ती ऑटो इंडस्ट्री को मजबूत लॉजिस्टिक समर्थन देने की दिशा में अपनी क्षमताओं का विस्तार करेगा। 

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