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Haryana: गुरुग्राम से अगवा हुई बच्ची 50 घंटे में मिली, रेलवे पुलिस ने पीलीभीत स्टेशन से सकुशल बरामद किया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 19 Sep 2025 01:36 PM IST
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सार
16 सितंबर को गुरुग्राम रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति को अज्ञात आरोपी ने नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया और मौके का फायदा उठाकर उसकी छोटी बच्ची को अगवा करके ले गया।

अगवा बच्ची बरामद
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हरियाणा की रेलवे पुलिस ने गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से 4 वर्षीय बच्ची के अपहरण की घटना के महज 50 घंटे के भीतर बच्ची को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया।

पुलिस महानिदेशक हरियाणा शत्रुजीत कपूर ने कहा कि रेलवे पुलिस की यह कार्यवाही केवल कर्तव्य निभाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इंसानियत और जनसेवा का सजीव उदाहरण है।
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16 सितंबर को गुरुग्राम रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति को अज्ञात आरोपी ने नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया और मौके का फायदा उठाकर उसकी छोटी बच्ची को अगवा करके ले गया।
सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस अधीक्षक नितिका गहलोत ने मामले को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए तत्काल एक्शन की कमान संभाली। उनके निर्देश पर उप पुलिस अधीक्षक, फरीदाबाद राजेश कुमार के पर्यवेक्षण में 18 रेडिंग पार्टियों का गठन किया गया। इन टीमों में 3-3 पुलिसकर्मी, साइबर विशेषज्ञ और सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण करने वाले अनुभवी कर्मी शामिल किए गए।
पुलिस ने गुरुग्राम से आनंद विहार रेलवे स्टेशन तक के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इसमें सामने आए संदिग्ध के चित्र आरपीएफ और रेलवे पुलिस द्वारा व्यापक स्तर पर प्रसारित किए गए। साथ ही, मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ टीमें राजस्थान (कोटपुतली, अलवर) और उत्तर प्रदेश (बरेली, पीलीभीत) में भेजी गईं।
पीलीभीत रेलवे स्टेशन पर जब पुलिस टीम तलाशी कर रही थी तो आरोपी को पुलिस की सक्रियता का आभास हो गया। दबाव में आकर उसने बच्ची को वहीं छोड़ दिया और मौके से भाग निकला। पुलिस ने तुरंत बच्ची को अपनी सुरक्षा में लिया और डॉक्टरों से मेडिकल जांच कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया। बच्ची बिल्कुल सुरक्षित है।
इस पूरे अभियान में तकनीकी सर्विलांस टीम की भूमिका निर्णायक रही। साथ ही, गुरुग्राम रेलवे स्टेशन के टैक्सी व ऑटो चालकों ने भी पुलिस की सक्रिय मदद की।
पिछले एक महीने में ही जीआरपी हरियाणा ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं। रेलगाड़ियों के माध्यम से अवैध रूप से ले जाए जा रहे 24 मासूम बच्चों को सुरक्षित बचाकर उनके परिजनों तक पहुंचाया गया। इसी अवधि में प्लेटफार्म और ट्रेनों पर बिछड़े 23 बच्चों को ढूंढकर उनके परिवारों से मिलवाया गया। इसके अलावा आत्महत्या की नीयत से रेलवे पटरियों पर पहुंचे 2 पुरुषों और 9 महिलाओं की जान बचाकर उन्हें सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया गया।