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Haryana: बिजली विभाग के तकनीकी कर्मियों की बाबूगीरी पर अब कसेगा शिकंजा, फील्ड में भेजे जाएंगे
कुलदीप शुक्ला, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 18 Sep 2025 11:38 AM IST
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सार
पंचकूला मुख्यालय से 2023 में ही स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि कोई भी तकनीकी स्टाफ क्लेरिकल या गैर-तकनीकी कामों में नहीं बैठाया जाए। इसके लिए हर डिवीजन से प्रमाण पत्र भी मांगा गया था कि किसी तकनीकी कर्मचारी को गैर-तकनीकी कार्य में नहीं लगाया गया है।

फील्ड में काम करेंगे तकनीकी कर्मचारी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हरियाणा के बिजली विभाग में तकनीकी कर्मचारियों की बाबूगिरी पर विभाग ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। वर्षों से मीटर, तार और ट्रांसफार्मर से खेलने वाले कर्मचारी दफ्तरों में फाइलें पलटते और अधिकारियों की चाय–पानी करते नजर आ रहे थे। इसकी शिकायतें इतनी बढ़ीं कि मुख्यालय को खुद दखल देना पड़ा।
अब आदेश हुआ है कि जितने भी तकनीकी कर्मचारी दफ्तरों में बाबूगिरी कर रहे हैं उन्हें तुरंत फील्ड में भेजा जाए। अगर कोई कर्मचारी स्वास्थ्य कारणों से फील्ड में काम नहीं कर सकता तो उसका केस सक्षम प्राधिकारी को भेजा जाए। बाकी सभी को अपने मूल तकनीकी कामों पर लौटना होगा।
इस संबंध में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) कैथल और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) हिसार से पत्र जारी किए गए हैं। पंचकूला मुख्यालय से 2023 में ही स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि कोई भी तकनीकी स्टाफ क्लेरिकल या गैर-तकनीकी कामों में नहीं बैठाया जाए। इसके लिए हर डिवीजन से प्रमाण पत्र भी मांगा गया था कि किसी तकनीकी कर्मचारी को गैर-तकनीकी कार्य में नहीं लगाया गया है। चार साल बीत गए, न तो प्रमाण पत्र आया और न ही बाबूगिरी कर रहे तकनीकी कर्मचारियों की स्थिति बदली। अब उच्च अधिकारियों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए दो दिन में रिपोर्ट देने के सख्त आदेश दिए हैं।

अब आदेश हुआ है कि जितने भी तकनीकी कर्मचारी दफ्तरों में बाबूगिरी कर रहे हैं उन्हें तुरंत फील्ड में भेजा जाए। अगर कोई कर्मचारी स्वास्थ्य कारणों से फील्ड में काम नहीं कर सकता तो उसका केस सक्षम प्राधिकारी को भेजा जाए। बाकी सभी को अपने मूल तकनीकी कामों पर लौटना होगा।
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इस संबंध में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) कैथल और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) हिसार से पत्र जारी किए गए हैं। पंचकूला मुख्यालय से 2023 में ही स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि कोई भी तकनीकी स्टाफ क्लेरिकल या गैर-तकनीकी कामों में नहीं बैठाया जाए। इसके लिए हर डिवीजन से प्रमाण पत्र भी मांगा गया था कि किसी तकनीकी कर्मचारी को गैर-तकनीकी कार्य में नहीं लगाया गया है। चार साल बीत गए, न तो प्रमाण पत्र आया और न ही बाबूगिरी कर रहे तकनीकी कर्मचारियों की स्थिति बदली। अब उच्च अधिकारियों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए दो दिन में रिपोर्ट देने के सख्त आदेश दिए हैं।