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Hindi News ›   Haryana ›   Chandigarh-Haryana News ›   The city council was asked to respond to the mess caused by tying animals on the roads.

Chandigarh-Haryana News: पशुओं को बांधने से सड़कों पर हो रही गंदगी पर नगर परिषद से मांगा जवाब

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अमर उजाला ब्यूरो/ संवाद
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चंडीगढ़/भिवानी। सड़कों पर पशुओं को बांधने से फैल रही गंदगी पर मानवाधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने नगर परिषद भिवानी से आठ सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है।
रिपोर्ट में स्पष्ट करना होगा कि मार्गों में अवरोध व गंदगी हटाने के लिए क्या कदम उठाए। जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई और भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचाव के लिए प्रस्तावित निवारक उपाय क्या हैं।
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आयोग ने निकाय विभाग के आयुक्त-सचिव और निदेशक स्थानीय निकाय पंचकूला को भी निर्देशित किया है कि वे 27 जनवरी 2026 से पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में बताना होगा कि शहरी डेयरियों से पैदा होने वाली गंदगी और स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं और आगे क्या रणनीति है?
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने भिवानी की द्वारकान गली, दिनोद गेट पुलिस चौकी के निकट सार्वजनिक सड़कों पर दूध वाले पशुओं को बांधे जाने और इससे उपजी अस्वच्छ, बाधित व असुरक्षित वातावरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
आयोग ने पाया कि बार-बार आग्रह और शिकायतों के बावजूद नगर परिषद भिवानी ने कोई रोकथाम या सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की जो सार्वजनिक स्वच्छता और सुगमता बनाए रखने में प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। इससे स्थानीय निवासियों के बुनियादी मानवाधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं।
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा के अनुसार सार्वजनिक मार्गों पर पशु बांधने से गंदगी, सीवेज अवरोध और आवागमन में बाधा होती है। यह लोगों के स्वास्थ्य, गरिमा और स्वच्छ परिवेश के अधिकार का सीधा उल्लंघन है। प्रशासन की ऐसी निष्क्रियता लोगों के आवागमन, स्वास्थ्य और गरिमा के अधिकार को प्रभावित करती हैं।
नगर सीमाओं के भीतर डेयरी संचालन अब पूरे राज्य में एक व्यापक समस्या बन गया है जिससे बार-बार नागरिक व सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं। प्रदेश सरकार ने इस चुनौती को स्वीकार किया है और नगर सीमाओं के बाहर डेयरी स्थापित करने के लिए एक व्यापक ब्लूप्रिंट तैयार किया है ताकि स्वच्छता सुनिश्चित की जा सके, प्रदूषण कम हो और जन स्वास्थ्य की रक्षा हो। यह ब्लूप्रिंट तैयार किया जा चुका है परंतु अभी तक अंतिम रूप से लागू नहीं किया गया है।
आयोग के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि उपलब्ध तथ्यों और गंभीर आरोपों को देखते हुए आयोग अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने आदेश दिया है कि नगर परिषद भिवानी के जिला नगर आयुक्त आठ सप्ताह के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। नगरीय शासन और नागरिक विनियमन की देखरेख से संबंधित विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
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