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रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हरियाणा के दो युवक: मां ने रोते हुए पीएम से लगाई गुहार, बेटे से नहीं हो रहा संपर्क
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Sun, 14 Sep 2025 07:25 PM IST
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सार
गांव कुम्हारिया के अंकित जांगड़ा और विजय कुमार का तीन दिन बाद भी परिवार से संपर्क नहीं हुआ है। परिवार मोबाइल फोन पर मैसेज कर रहा है, लेकिन नेटवर्क नहीं आ रहा है।

रूस-यूक्रेन की सीमा पर फंसा युवक और उसकी मां
- फोटो : संवाद
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विस्तार
रूस-यूक्रेन की सीमा पर फंसे दो युवकों अंकित जांगड़ा उम्र 23 साल और विजय कुमार उम्र 25 साल का परिवार के लोगों से तीन दिन से पूरी तरह से संपर्क टूट गया है। बेटे अंकित से संपर्क नहीं होने के कारण उनकी मां सुशीला का रो-रोकर बुरा हाल है। सुशीला ने रुंधे गले से बताया कि "जे सरकार म्हारी सुनाई करे तो हमारा बच्चा वापस आ जै, म्हे बहुत परेशान है। मुझे विश्वास है मोदी सरकार पै, बेटे जरूर अपने वतन लौटेंगे।"
गांव कुम्हारिया के अंकित जांगड़ा और विजय कुमार का तीन दिन बाद भी परिवार से संपर्क नहीं हुआ है। परिवार मोबाइल फोन पर मैसेज कर रहा है, लेकिन नेटवर्क नहीं आ रहा है। अंकित की मां सुशीला ने बताया कि परसों बात हुई, फिर कोई बात नहीं हुई। वीरवार रात को अंकित ने अपने भाई रघुबीर के मोबाइल फोन पर वॉइस मैसेज भेजा था कि बचा लो सुबह 5 बजे युद्ध क्षेत्र में ले जाएंगे। वहीं, विजय ने अपने भाई सुनील के पास मैसेज किया था। हालांकि इससे पहले रूस में दोनों के सोशल मीडिया एप डिलीट करवा दी गई थी। दोनों वीडियो कॉल के जरिये परिवार से संपर्क कर रहे थे और मदद की गुहार लगा रहे थे। वीडियो में दोनों सेना की वर्दी में नजर आ रहे थे।

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गांव कुम्हारिया के अंकित जांगड़ा और विजय कुमार का तीन दिन बाद भी परिवार से संपर्क नहीं हुआ है। परिवार मोबाइल फोन पर मैसेज कर रहा है, लेकिन नेटवर्क नहीं आ रहा है। अंकित की मां सुशीला ने बताया कि परसों बात हुई, फिर कोई बात नहीं हुई। वीरवार रात को अंकित ने अपने भाई रघुबीर के मोबाइल फोन पर वॉइस मैसेज भेजा था कि बचा लो सुबह 5 बजे युद्ध क्षेत्र में ले जाएंगे। वहीं, विजय ने अपने भाई सुनील के पास मैसेज किया था। हालांकि इससे पहले रूस में दोनों के सोशल मीडिया एप डिलीट करवा दी गई थी। दोनों वीडियो कॉल के जरिये परिवार से संपर्क कर रहे थे और मदद की गुहार लगा रहे थे। वीडियो में दोनों सेना की वर्दी में नजर आ रहे थे।
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पांच लाख रुपये कर्ज लेकर भेजा था विदेश
अंकित के भाई रघुबीर ने बताया कि उनके पिता राजमिस्त्री हैं। पिता ने पांच लाख रुपये कर्ज लेकर भाई को विदेश भेजा था। उम्मीद थी कि बेटा आर्थिक मदद करेगा, लेकिन अब मकान का निर्माण अधूरा है। विजय के भाई सुनील का कहना है कि गांव के कुछ लड़के पहले भी रूस जा चुके हैं। विजय सीएससी चलाता था और जून में ही रूस गया था, लेकिन वहां जाकर वह फंस गया है।
अब सरकार के हाथ में है सब कुछ
रघुबीर ने कहा भाई अंकित का अंतिम मैसेज यही आया था कि ये लोग हमें आगे लेकर जा रहे हैं। सरकार से प्रार्थना है कि मदद करें। सीएम सैनी से दो बार मिल चुके हैं। सीएम को कहा है कि वह स्टडी वीजा पर गए हैं, डंकी रूट के जरिये नहीं। उनके साथ जो हालात बने हैं वह उन्हें ही पता है। केंद्र और प्रदेश सरकार के हाथ में सब कुछ है। बच्चों की गलती है कि वे लालच में आ गए। पीएम मोदी से प्रार्थना है कि वे बच्चों को वहां से निकलवाएं। मदद के लिए वे विदेश मंत्रालय, की एंबेसी भी जा चुके हैं।
ये भी पढ़ें: यूक्रेन में फंसे हरियाणा के दो युवक: नौकरी के बहाने सेना में किया भर्ती, वीडियो जारी कर लगाई मदद की गुहार
अंकित के भाई रघुबीर ने बताया कि उनके पिता राजमिस्त्री हैं। पिता ने पांच लाख रुपये कर्ज लेकर भाई को विदेश भेजा था। उम्मीद थी कि बेटा आर्थिक मदद करेगा, लेकिन अब मकान का निर्माण अधूरा है। विजय के भाई सुनील का कहना है कि गांव के कुछ लड़के पहले भी रूस जा चुके हैं। विजय सीएससी चलाता था और जून में ही रूस गया था, लेकिन वहां जाकर वह फंस गया है।
अब सरकार के हाथ में है सब कुछ
रघुबीर ने कहा भाई अंकित का अंतिम मैसेज यही आया था कि ये लोग हमें आगे लेकर जा रहे हैं। सरकार से प्रार्थना है कि मदद करें। सीएम सैनी से दो बार मिल चुके हैं। सीएम को कहा है कि वह स्टडी वीजा पर गए हैं, डंकी रूट के जरिये नहीं। उनके साथ जो हालात बने हैं वह उन्हें ही पता है। केंद्र और प्रदेश सरकार के हाथ में सब कुछ है। बच्चों की गलती है कि वे लालच में आ गए। पीएम मोदी से प्रार्थना है कि वे बच्चों को वहां से निकलवाएं। मदद के लिए वे विदेश मंत्रालय, की एंबेसी भी जा चुके हैं।
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