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प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरों में सभी को फर्स्ट एड का ज्ञान होना आवश्यक : सुनीता रानी

संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़ Updated Sun, 14 Sep 2025 02:36 AM IST
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In the increasing danger of natural disasters, everyone must have knowledge of first aid: Sunita Rani
-फोटो 57 : छात्राओं को फर्स्ट एड की जानकारी देती सुनीता रानी। स्रोत कॉलेज
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बहादुरगढ़। वैश्य आर्य शिक्षण महिला महाविद्यालय में विश्व प्राथमिक सहायता दिवस मनाया गया। महाविद्यालय की यूथ रेडक्रॉस काउंसलर व शारीरिक शिक्षा विभाग की प्रवक्ता सुनीता रानी ने स्वयंसेविकाओं को फर्स्ट एड के महत्व व उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। विभिन्न परिस्थितियों व आपदाओं से निपटने के लिए फर्स्ट एड पोस्ट लगाए जाने और उस समय एक फर्स्ट एड की भूमिका और कार्यों के विषय में जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्व प्राथमिक सहायता दिवस 2025 की थीम प्राथमिक चिकित्सा और जलवायु परिवर्तन निर्धारित की गई है। इसका उद्देश्य यह है कि बदलते मौसम और प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़, हीट वेव, तूफान, भूकंप आदि) के बढ़ते खतरों में सभी को फर्स्ट एड का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है।
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उन्होंने बताया कि प्राथमिक सहायता घायल व्यक्ति को डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले उपलब्ध साधनों की ओर से किया गया सरल उपचार है, जो हड्डी टूटने, जलने, हार्ट अटैक, श्वसन मार्ग अवरोध, पानी में डूबने, हीट स्ट्रोक, बेहोशी, जोड़ों के विस्थापन, विष का प्रभाव, दांत दर्द और चोट-घाव जैसी आपात स्थितियों में जीवन रक्षक साबित हो सकता है। स्वयंसेविकाओं को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) की प्रक्रिया के विषय में भी बताया।
प्राचार्य डॉ. आशा शर्मा ने कहा कि प्राथमिक सहायता प्रयोगात्मक चिकित्सा के मूल सिद्धांतों पर आधारित है। इसका ज्ञान किसी भी व्यक्ति को सक्षम बनाता है कि वह आकस्मिक दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में डॉक्टर के आने तक या रोगी को अस्पताल पहुंचाने तक उसके जीवन की रक्षा कर सके, घाव को और गंभीर होने से रोक सके और रोग निवारण में सहायक हो।
उन्होंने बताया कि दैनिक जीवन में प्राथमिक उपचार रक्तस्राव को रोकने, संक्रमण के खतरे को कम करने और घायल व्यक्ति को स्थिर रखने में अत्यंत उपयोगी है। इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की वाईआरसी इकाई की ओर से सफलतापूर्वक किया गया।
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