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Jhajjar-Bahadurgarh News: ढाकला माइनर से रुका पानी, चांदौल की तरफ जारी
संवाद न्यूज एजेंसी, झज्जर/बहादुरगढ़
Updated Fri, 12 Sep 2025 03:00 AM IST
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11jjrp17- साल्हावास क्षेत्र के गांवों में जलभराव के कारण डूबी फसल। स्रोत-ग्रामीण
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साल्हावास। ढाकला माइनर को कड़ी मशक्कत के बाद वीरवार शाम को बंद कर दिया गया है लेकिन चांदौल की तरफ अभी भी जलप्रवाह जारी है। लगातार बह रहे पानी से फसलें लगातार डूबती जा रही हैं जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरों का खींचना लाजमी है। किसान चाहकर भी अपनी फसलें नहीं बचा पा रहे हैं। ढाकला माइनर टूटने के कारण आसपास के गांवों के ग्रामीण दूसरे दिन भी कट्टों में सीमेंट भरकर टूटी माइनर को रोकने का प्रयास करते नजर आए। शाम होते होते ढाकला माइनर से पानी का बहाव तो बंद हो गया, लेकिन चांदौल गांव की तरफ अभी तक माइनर के पानी का बहाव जारी है। शुक्रवार को फिर से माइनर जोड़ने का काम किया जाएगा। उम्मीद है कि शुक्रवार को हालत काबू में आ जाएंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के कारण चांदौल, मुंडाहेडा, कोद्रावाली, बिठला सहित आसपास के कई गांव प्रभावित होते हैं। इतना ही नहीं बाढ़ व बारिश के कारण आसपास के गांवों में खरीफ की फसलें जैसे धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली और कपास हर बार बाढ़ के पानी की चपेट में आ जाती है, जिससे फसल खराब हो जाती है।
स्पेशल गिरादावरी करवाने की किसान कर रहे मांग
जलभराव के अलावा माइनर टूटने से साल्हावास क्षेत्र के पांच से छह गांव ज्यादा प्रभावित हैं, जिनका मुद्दा हर साल विधानसभा और लोकसभा में गुंजता रहा है लेकिन धरातल पर वही ढाक के तीन पात कहानी चरितार्थ होती है। जिला पार्षद संजय सिंह ने बताया कि इस बार भी गांव चांदौल, निलाहेडी , कोंद्रावाली ,निवादा, मुंडाहेड़ा प्रभावित हैं। किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों के आर्थिक नुकसान की भरपाई करवाई जाए।
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ढाकला की तरफ से कट को बंद कर दिया गया है। इससे अब वहां से पानी का बहाव नहीं हो रहा है। चांदौल की तरफ से काम शुक्रवार को शुरू किया जाएगा।
रामप्रसाद हुड्डा, जेई, सिंचाई विभाग

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ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के कारण चांदौल, मुंडाहेडा, कोद्रावाली, बिठला सहित आसपास के कई गांव प्रभावित होते हैं। इतना ही नहीं बाढ़ व बारिश के कारण आसपास के गांवों में खरीफ की फसलें जैसे धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली और कपास हर बार बाढ़ के पानी की चपेट में आ जाती है, जिससे फसल खराब हो जाती है।
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स्पेशल गिरादावरी करवाने की किसान कर रहे मांग
जलभराव के अलावा माइनर टूटने से साल्हावास क्षेत्र के पांच से छह गांव ज्यादा प्रभावित हैं, जिनका मुद्दा हर साल विधानसभा और लोकसभा में गुंजता रहा है लेकिन धरातल पर वही ढाक के तीन पात कहानी चरितार्थ होती है। जिला पार्षद संजय सिंह ने बताया कि इस बार भी गांव चांदौल, निलाहेडी , कोंद्रावाली ,निवादा, मुंडाहेड़ा प्रभावित हैं। किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों के आर्थिक नुकसान की भरपाई करवाई जाए।
ढाकला की तरफ से कट को बंद कर दिया गया है। इससे अब वहां से पानी का बहाव नहीं हो रहा है। चांदौल की तरफ से काम शुक्रवार को शुरू किया जाएगा।
रामप्रसाद हुड्डा, जेई, सिंचाई विभाग
11jjrp17- साल्हावास क्षेत्र के गांवों में जलभराव के कारण डूबी फसल। स्रोत-ग्रामीण