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दिल्ली बवाल के बाद बिखरे आंदोलन को समेटना किसान नेताओं के लिए बड़ी चुनौती

मोहित धुपड़, अमर उजाला, करनाल (हरियाणा) Published by: ajay kumar Updated Thu, 28 Jan 2021 01:12 AM IST
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Big challenge in front of farmer leaders to boost Kisan Andolan after Delhi violence
किसान आंदोलन की फाइल फोटो। - फोटो : अमर उजाला
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शांतिपूर्ण चल रहा किसानों का आंदोलन 26 जनवरी को हुए उत्पात के साये में घिर गया। घटनाक्रम के बाद आंदोलन बिखर गया है और हरियाणा में कई जगह किसानों से आपसी सहमति के बाद धरने-प्रदर्शन खत्म कर दिए हैं। पंजाब के किसान भी अपने ट्रैक्टर लेकर वापसी कर रहे हैं। इस स्थिति में अब किसान संगठनों के लिए अपने बिखरे आंदोलन को समेटना एक बड़ी चुनौती बन गया है।

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हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 27 नवंबर से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी। हरियाणा-दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का शांतिपूर्ण धरना जारी रहा। अब हिंसा के बाद जिन मुद्दों पर किसान आंदोलन खड़ा हुआ है, वे मुद्दे उत्पात और अलग विचारधारा की आंच में सुलग रहे हैं। 
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किसान नेता भी इस बात से आहत हैं और इन उत्पातियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। अब इस आंदोलन को दोबारा मजबूती से खड़ा करना इन नेताओं के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इसका कारण यह है कि हिंसक घटनाओं के बाद दिल्ली पुलिस ने कई किसान नेताओं के खिलाफ न केवल एफआईआर दर्ज की है बल्कि अधिकांश नेता दिल्ली पुलिस के रडार पर हैं। 

अब भाजपा नेताओं ने भी शुरू की घेराबंदी
बवाल के बाद हरियाणा में भाजपा नेताओं ने किसान संगठनों और नेताओं की घेराबंदी शुरू कर दी है। भाजपाइयों का कहना है कि किसान नेता यह स्पष्ट करें कि आंदोलन का मुख्य एजेंडा क्या था। इस दौरान हरियाणा के कई जिलों में भाजपाइयों ने दिल्ली में हुई घटना के विरोध में बाइक पर तिरंगा यात्रा भी निकाली। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने साफ कहा कि आंदोलन की आड़ में देशद्रोही ताकतों ने राष्ट्रध्वज का अपमान किया है, जो असहनीय है। 

केंद्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने घटना को भारत के लोकतंत्र की मान मर्यादा को तार-तार करने की साजिश बताया। उनके अनुसार यह घटना दिल्ली को बंदी बनाने की कोशिश थी। उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित करते हुए किसी भी प्रकार का उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दे चुके हैं। 

शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने घटना को किसान आंदोलन की आड़ में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अपनी साजिश को अंजाम देने की असफल कोशिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि घटना में देश से बाहर की ताकतों का भी हाथ है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की जगह कोई और ध्वज फहराने का प्रयास करना देश के गौरव व गरिमा का अपमान है।

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