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Karnal News: कैथल राजमार्ग...गड्ढों की भरमार, कमर दर्द के लिए रहें तैयार
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Tue, 16 Sep 2025 01:42 AM IST
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माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। कैथल-करनाल राजमार्ग पर जा रहे हैं तो कमर के दर्द के लिए तैयार रहिए। मार्ग पर इतने गड्ढे हैं कि आप किसी भी वाहन में जा रहे हैं आपको झटके लगना तय है। दोपहिया वाहनों से निकलना भी मुश्किल है। शुरू से अंत तक 50 किलोमीटर के इस राजमार्ग पर कई जगह गहरे गड्ढे हैं। मार्ग पर 100 मीटर का भी कोई ऐसा टुकड़ा नहीं है जो पूरी तरह से समतल हो।
पश्चिमी यमुना नहर किनारे से हाईवे पर चढ़ते ही गड्ढों राहगीरों का स्वागत करते हैं। वहीं बरसात के मौसम में स्थिति और बिगड़ जाती है। गड्ढों के कारण सड़क पर रफ्तार भी धीमी हो गई है। रेंगते हुए आगे बढ़ते ट्रैफिक के कारण पूरा दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। चिड़ाव मोड़ तक पांच मिनट का रास्ता तय करने में 15 से 20 मिनट लगते हैं।
सड़क का रिकॉर्ड पर निगाह डालें तो 2021 में करीब 50 किलोमीटर के इस राजमार्ग को फोरलेन किया गया था। 175 करोड़ रुपये से बना राजमार्ग चार साल में सड़क खराब हो गया है। इस राजमार्ग पर नगरपालिका क्षेत्र निसिंग सहित करीब 45 गांव लगते हैं। 24 घंटे में इस मार्ग से 45 हजार से ज्यादा वाहन भी गुजरते हैं। करनाल में पश्चिमी यमुना नहर से शुरू होने वाला यह राजमार्ग कैथल तक कई जगह से उखड़ा है।
यहां पानी निकासी का होना चाहिए प्रबंध
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ एडवोकेट संदीप राणा, तेजपाल और शुभम का कहना है कि इस राजमार्ग पर कई जगह डिवाइडर भी टूटे हुए हैं। शुरुआत में जिस जगह से हाईवे की सड़क उखड़ी है, यहां जलभराव भी ज्यादा होता है। ऐसे में यहां पर मजबूती व पानी निकासी के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जिस सड़क में निचली लेयर मजबूत न हो और उस पर भारी वाहन ज्यादा गुजरें, वहां ऐसे तारकोल वाहन के पहियों के दबाव में आगे खिसकता है।
डिवाइडर पर संकेतक नहीं, कुछ टूटे पड़े
सड़क पर कहीं भी डिवाइडर शुरू हो रहा है और कहीं भी खत्म हो रहा है। रात में चालक स्थिति को समझ सके, इसके लिए कोई संकेतक भी नहीं है। डिवाइडरों में भी अवैध कट बने हैं। इसके अलावा जहां संकेतक लगे हैं वे वाहनों की टक्कर के कारण क्षतिग्रस्त हैं। जब इस सड़क को फोरलेन किया गया था। तब भी करीब 90 से ज्यादा हादसे हुए थे। असंध की ओर से जाने वाले वाहनों को भी चिड़ाव मोड़ तक इस बदहाल सड़क से गुजरना पड़ता है। पुलिस लाइन और जेल भी इसी मार्ग पर है।
-- -- -- -- -- -- -- करनाल से कैथल राजमार्ग पर करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से नई सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके लेकर कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बारिश के तुरंत बाद काम शुरू हो जाएगा। फिलहाल यहां बड़े गड्ढे भरने का कार्य जारी है। - संदीप सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी

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करनाल। कैथल-करनाल राजमार्ग पर जा रहे हैं तो कमर के दर्द के लिए तैयार रहिए। मार्ग पर इतने गड्ढे हैं कि आप किसी भी वाहन में जा रहे हैं आपको झटके लगना तय है। दोपहिया वाहनों से निकलना भी मुश्किल है। शुरू से अंत तक 50 किलोमीटर के इस राजमार्ग पर कई जगह गहरे गड्ढे हैं। मार्ग पर 100 मीटर का भी कोई ऐसा टुकड़ा नहीं है जो पूरी तरह से समतल हो।
पश्चिमी यमुना नहर किनारे से हाईवे पर चढ़ते ही गड्ढों राहगीरों का स्वागत करते हैं। वहीं बरसात के मौसम में स्थिति और बिगड़ जाती है। गड्ढों के कारण सड़क पर रफ्तार भी धीमी हो गई है। रेंगते हुए आगे बढ़ते ट्रैफिक के कारण पूरा दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। चिड़ाव मोड़ तक पांच मिनट का रास्ता तय करने में 15 से 20 मिनट लगते हैं।
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सड़क का रिकॉर्ड पर निगाह डालें तो 2021 में करीब 50 किलोमीटर के इस राजमार्ग को फोरलेन किया गया था। 175 करोड़ रुपये से बना राजमार्ग चार साल में सड़क खराब हो गया है। इस राजमार्ग पर नगरपालिका क्षेत्र निसिंग सहित करीब 45 गांव लगते हैं। 24 घंटे में इस मार्ग से 45 हजार से ज्यादा वाहन भी गुजरते हैं। करनाल में पश्चिमी यमुना नहर से शुरू होने वाला यह राजमार्ग कैथल तक कई जगह से उखड़ा है।
यहां पानी निकासी का होना चाहिए प्रबंध
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ एडवोकेट संदीप राणा, तेजपाल और शुभम का कहना है कि इस राजमार्ग पर कई जगह डिवाइडर भी टूटे हुए हैं। शुरुआत में जिस जगह से हाईवे की सड़क उखड़ी है, यहां जलभराव भी ज्यादा होता है। ऐसे में यहां पर मजबूती व पानी निकासी के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जिस सड़क में निचली लेयर मजबूत न हो और उस पर भारी वाहन ज्यादा गुजरें, वहां ऐसे तारकोल वाहन के पहियों के दबाव में आगे खिसकता है।
डिवाइडर पर संकेतक नहीं, कुछ टूटे पड़े
सड़क पर कहीं भी डिवाइडर शुरू हो रहा है और कहीं भी खत्म हो रहा है। रात में चालक स्थिति को समझ सके, इसके लिए कोई संकेतक भी नहीं है। डिवाइडरों में भी अवैध कट बने हैं। इसके अलावा जहां संकेतक लगे हैं वे वाहनों की टक्कर के कारण क्षतिग्रस्त हैं। जब इस सड़क को फोरलेन किया गया था। तब भी करीब 90 से ज्यादा हादसे हुए थे। असंध की ओर से जाने वाले वाहनों को भी चिड़ाव मोड़ तक इस बदहाल सड़क से गुजरना पड़ता है। पुलिस लाइन और जेल भी इसी मार्ग पर है।