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करनाल में विदेश भेजने के नाम पर लाखों की ठगी: 2 साल से आरोपी काट रहा चक्कर, तरावड़ी, UP व UK के एजेंट पर केस

माई सिटी रिपोर्टर, करनाल (हरियाणा) Published by: नवीन दलाल Updated Tue, 20 May 2025 01:21 PM IST
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सार

अमेरिका भेजने के नाम पर 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने युवक को जापानी कंपनी का कर्मचारी बनाकर विदेश भेजने का आश्वासन दिया। कंपनी कर्मचारी बनाने के लिए युवक को चेन्नई भी बुलाया।

Lakhs of rupees were swindled in the name of sending people abroad in Karnal case filed against agents
फ्रॉड। - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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कनाडा और अमेरिका भेजने के नाम पर 21.60 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने विदेश में तीन हजार डॉलर पर नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया था। पहले कनाडा के लिए फाइल लगाई, बाद में वीजा रद होने का हवाला दिया। इसके बाद दोबारा झांसे में लेते हुए और रकम लेकर अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया। बाद में कोरोना का बहाना बनाकर टालमटोल करने लगे। इसके बाद जब पीड़ित ने अपनी रकम वापस मांगी तो आरोपियों ने पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। तरावड़ी थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर तरावड़ी, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के एजेंट पर केस दर्ज कर लिया है।



एसपी को दी शिकायत में गांव गालिबखेड़ी निवासी मलकीत सिंह ने बताया कि 2019 में वे और उनके पिता जरनैल सिंह अपने जानकार तरावड़ी निवासी साहब सिंह के घर गए  थे। जहां यूपी के रामपुर निवासी गुरप्रीत, अमरजीत सिंह और उत्तराखंड के उधम सिंह नगर निवासी परविंद्र सिंह से उनकी मुलाकात हुई। आरोपियों ने बताया कि कनाडा का वीजा खुला हुआ है और उनकी अंबेसी में भी अच्छी जानपहचान है। टूरिस्ट वीजा पर कनाडा भेजकर वहां वर्क परमिट दिलवाते हुए पक्का करवा देंगे। इस पर उनकी 18 लाख रुपये में बात तय हुई। जिसमें आरोपियों ने 11 लाख रुपये और दस्तावेज अगस्त 2019 में एडवांस में ले लिए।
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इसके बाद आरोपियों ने कहा कि फाइल लग चुकी है, जल्द टूरिस्ट वीजा आ जाएगा। इसके बाद साढ़े पांच लाख रुपये उनके पिता ने उन्हें दिए। आरोपी साहब सिंह ने जनवरी 2020 को कहा कि तुम्हारा टूरिस्ट वीजा लग गया है व एक फोटो व्हाट्सअप द्वारा प्रार्थी को भेजी, जिसमें कनाडा और उनका नाम लिखा हुआ था। इसके बाद आरोपियों ने शेष बचे डेढ़ लाख रुपये भी ले लिए। बाद में जब वीजा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि कनाडा से रीजेक्शन आ गया था और अब वे दोबारा प्रयास करेंगे। काफी समय तक आरोपी टाल मटोल करते रहे। इसके बाद जब उन्होंने अपनी रकम वापस मांगी तो आरोपियों ने उन्हें धमकी दे दी। पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।

रकम पूरी करने के लिए बेचनी पड़ी जमीन
पीड़ित मलकीत सिंह बताया कि उनके पास विदेश जाने के लिए रुपये नहीं थे। अपनी जमा-पूंजी के अलावा आरोपियों की मांग को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जमीन भी बेच दी थी। आरोपियों ने बताया कि वे विदेश भेजने का काम करते हैं, कई बेरोजगार युवाओं को टूरिस्ट वीजा पर भेजा और बाद में उन्हें वर्क परमिट भी दिलवाया। आरोपियों ने कनाडा और अमेरिका अंबेसी में भी अपनी अच्छी जान पहचान होने का दावा करते हुए उन्हें झांसे में लिया।

4.40 लाख रुपये देकर दोबारा फंसाया
मलकीत सिंह ने बताया कि 18 लाख रुपये वापस दिलाने के लिए आरोपी साहब सिंह ने गारंटी ली। नवंबर 2020 में साहब सिंह ने 4.40 लाख रुपये दिलवा दिए और शेष 13.60 लाख रुपये भी जल्द दिलवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद साहब सिंह ने उन्हें अमेरिका भेजने की बात कही। बातों में फंसाकर उन्होंने फरवरी 2021 में आठ लाख रुपये और ले लिए। ऐसे में आरोपियों के पास कुल 21.60 लाख रुपये पहुंच गए। इसके बाद आरोपियों ने कहा कि अमेरिका जाने का काम जून 2022 में होगा। कोरोना के कारण अभी सभी फाइलें अटकी हुई हैं। जनवरी 2023 में जब उन्होंने पूछा तो आरोपियों ने फिर टाल दिया। जब वे उनके घर गए तो उन्होंने कहा कि दोबारा यहां आए तो उनके परिवार के सदस्यों की लाश ही उन्हें मिलेगी।

अमेरिका भेजने का झांसा देकर ठगे 25 लाख रुपये

अमेरिका भेजने के नाम पर 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने युवक को जापानी कंपनी का कर्मचारी बनाकर विदेश भेजने का आश्वासन दिया। कंपनी कर्मचारी बनाने के लिए युवक को चेन्नई भी बुलाया। पीछे से उसके पिता को दिल्ली में बुलाकर विदेश में रहने, खाने और टिकट आदि के इंतजाम के नाम पर रकम ले ली। पीड़ित ने अपने घर पर ऋण लेते हुए आरोपियों को रुपये दिए। शिकायत के आधार पर थाना शहर पुलिस ने यमुनानगर के भाई-बहन और उनके बरेली निवासी रिश्ते के दो चाचा पर केस दर्ज कर लिया है।

एसपी को दी शिकायत में ऋषि नगर निवासी श्याम सुंदर ने बताया कि उनकी मुलाकात यमुनानगर निवासी सोहार्द शिवम और उसकी बहन वईदेसी सैनी से हुई। आरोपियों ने बताया कि उनके चाचा साहीर खान ताजवर एजेंट का काम भी करते हैं, कई युवाओं को अमेरिका में कंपनी के माध्यम से भेज चुके हैं। बोब कैट व डूसन के नाम से उनकी जापान की कंपनी है। कंपनी में चाचा मालिक के सलाहार एवं ट्रांसलेटर हैं। ऐसे में वे कंपनी के कर्मचारी के तौर पर युवाओं को अमेरिका भेजते हैं।

उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनके बेटे के साथ उनका भाई भी विदेश जाएगा। उन्होंने बताया कि सोहार्द शिवम की बहन नोएडा की एक कंपनी में मैनेजर है। उन्होंने बताया कि चाचा के साथी बरेली निवासी आजीम ताजवर भी उनके चाचा के साथ कंपनी के चेन्नई कार्यालय में कैशियर हैं। इसके बाद आरोपियों ने उनकी बात अपने चाचा साहीर खान ताजवर से कराई। उन्होंने बताया कि अमेरिका की कंपनी के साथ उनकी कंपनी का टाइअप है। ऐसे में वे उनके बेटे का नाम अपनी कंपनी के चेन्नई कार्यालय में कर्मचारी दिखाते हुए अमेरिका भेजेंगे। इसके लिए 15 लाख रुपये एडवांस में लिए। उन्होंने बताया कि यह राशि मकान पर लोन लेकर दी थी।

इसके बाद आरोपियों ने कहा कि उनके बेटे को दिसंबर 2024 में विदेश भेजेंगे। लेकिन अभी तक काम नहीं हुआ। इसके बाद जब उन्होंने सोहार्द शिवम व उसकी बहन से कहा कि उनका काम नहीं हुआ और रकम वापस देने की मांग की तो आरोपियों ने कहा कि कंपनी का कोई इश्यू हो गया था, इसलिए काम नहीं हो सका। मार्च 2025 में उनके बेटे को विदेश भेजने का आश्वासन दिया।

बैंक खाता खुलवाने के नाम पर युवक को लेगए चेन्नई
आरोपी सोहार्द शिवम दो फरवरी को उनके बेटे अनमोल को फिंगरप्रिंट और बैंक खाता खुलवाने के नाम पर चेन्नई ले गया। इसके बाद आरोपियों ने कॉल करके उन्हें दिल्ली बुलाया और 10 लाख रुपये की मांग की। चार फरवरी को वे अपने दोस्त कृष्ण कुमार के साथ दिल्ली जहांगीरीपूरी मेट्रो स्टेशन पर साहीर खान ताजवर और आजमी ताजवर से मिले। दोनों ने उनकी बात सोहार्द शिवम व उसकी बहन से कराई और 10 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद आरोपियों ने बताया कि इस रकम में से पांच हजार डॉलर लेकर उनका बेटा अमेरिका जाएगा। जाने का टिकट, होटल बुकिंग और खाने का खर्च भी किया जाएगा।

इसके अलावा दो हजार डॉलर अमेरिका में उनके एजेंट को देने होंगे। इसके बाद छह मार्च को उनके बेटे अनमोल ने कॉल करके उन्हें कहा कि हमारे साथ धोखा हो रहा है, न तो उन्हें कंपनी में ले जाया गया है और न ही साहीर खान ताजवर एजेंट व उसका भाई आजीम ताजवर चेन्नई आए हैं। करीब 10 दिन चेन्नई रुकने के बाद उनका बेटा घर लौट आया। इसके बाद से आरोपियों के मोबाइल फोन भी बंद हैं। उन्होंने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।

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