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हरियाणा में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: फर्जी खाते से हुआ करोड़ों का लेन-दने, जानें क्या है पूरा मामला ?
अमर उजाला ब्यूरो चंडीगढ़
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Wed, 17 Sep 2025 05:43 PM IST
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सार
हरियाणा पुलिस ने बताया कि राज्य में अब तक 91 बैंक शाखाएं संदिग्ध पाई गई हैं, जहां साइबर अपराधी फर्जी खाते खोलकर ठगी का पैसा घुमाते रहे हैं। पुलिस लगातार इन खातों की पहचान कर रही है

साइबर क्राइम
- फोटो : सांकेतिक तस्वीर
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विस्तार
हरियाणा पुलिस की साइबर शाखा ने एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए करनाल में कोटक महिंद्रा बैंक की एक शाखा में खोले गए फर्जी करंट खाते का खुलासा किया है। यह खाता फल-सब्जी के व्यापार के नाम पर खोला गया था जिसका सालाना टर्न ओवर 20 लाख रुपये दर्शाया गया था, लेकिन इस बैंक खाते में महज़ छह माह में 5.70 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन सामने आया। पुलिस ने आरोपी पुलकित भारद्वाज सहित अन्य सहयोगियों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इस उपलब्धि के लिए पंचकूला की साइबर टीम को बधाई दी है।
कैसे हुआ खुलासा?
साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए पुलिस महानिरीक्षक, साइबर हरियाणा के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने 16 सितम्बर को कोटक महिंद्रा बैंक, करनाल की शाखा की जांच की। यहां खाता संख्या 034956181 पुलकित भारद्वाज निवासी संत नगर, करनाल द्वारा खोला गया था। खाता खोलते समय उसने फल-सब्ज़ी व्यापार का हवाला देते हुए वार्षिक टर्नओवर 20 लाख रुपये दिखाया। लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग निकली। जांच में सामने आया कि नवंबर 2024 से मई 2025 के बीच इस खाते से 5,70,48,200 रुपये जमा और 5,70,44,822 रुपये की निकासी हुई। खाते में वर्तमान में केवल 3,377 रुपये शेष हैं।
फर्जी पते और कारोबार की आड़
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि खाता खोलने के लिए जो पता प्रस्तुत किया गया था, वह कमर्शियल एरिया दिखाया गया, जबकि वास्तविकता में वह रिहायशी एरिया था। मौके पर जांच करने पर वहां कोई फल-सब्ज़ी की दुकान, गोदाम, होर्डिंग या नेमप्लेट नहीं मिली। इससे स्पष्ट हुआ कि यह खाता केवल साइबर ठगी के पैसों को घुमाने के लिए खोला गया था।

कैसे हुआ खुलासा?
साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए पुलिस महानिरीक्षक, साइबर हरियाणा के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने 16 सितम्बर को कोटक महिंद्रा बैंक, करनाल की शाखा की जांच की। यहां खाता संख्या 034956181 पुलकित भारद्वाज निवासी संत नगर, करनाल द्वारा खोला गया था। खाता खोलते समय उसने फल-सब्ज़ी व्यापार का हवाला देते हुए वार्षिक टर्नओवर 20 लाख रुपये दिखाया। लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग निकली। जांच में सामने आया कि नवंबर 2024 से मई 2025 के बीच इस खाते से 5,70,48,200 रुपये जमा और 5,70,44,822 रुपये की निकासी हुई। खाते में वर्तमान में केवल 3,377 रुपये शेष हैं।
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फर्जी पते और कारोबार की आड़
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि खाता खोलने के लिए जो पता प्रस्तुत किया गया था, वह कमर्शियल एरिया दिखाया गया, जबकि वास्तविकता में वह रिहायशी एरिया था। मौके पर जांच करने पर वहां कोई फल-सब्ज़ी की दुकान, गोदाम, होर्डिंग या नेमप्लेट नहीं मिली। इससे स्पष्ट हुआ कि यह खाता केवल साइबर ठगी के पैसों को घुमाने के लिए खोला गया था।
देशभर से 14 शिकायतें
इस खाते के खिलाफ अब तक 14 शिकायतें एनसीआरपी (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से एक शिकायत हरियाणा से संबंधित है। यह बताता है कि खाता राष्ट्रीय स्तर पर चल रही साइबर ठगी की चेन का हिस्सा था।
कानूनी कार्रवाई
इस मामले में पुलकित भारद्वाज और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ अभियोग संख्या 148, दिनांक 16.09.2025, धारा 318(4) बीएनएस के तहत थाना साइबर क्राइम, करनाल में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब लेन-देन की पूरी ट्रेल खंगाल रही है और यह जांच भी चल रही है कि इतने बड़े स्तर पर पैसों की हेराफेरी किन-किन खातों में पहुंचाई गई।
91 संदिग्ध बैंक शाखाएं पुलिस की राडार पर
हरियाणा पुलिस ने बताया कि राज्य में अब तक 91 बैंक शाखाएं संदिग्ध पाई गई हैं, जहां साइबर अपराधी फर्जी खाते खोलकर ठगी का पैसा घुमाते रहे हैं। पुलिस लगातार इन खातों की पहचान कर रही है और बैंकों को भी निर्देशित किया गया है कि वे खाता खोलते समय नियमों का सख्ती से पालन करें। साइबर पुलिस ने आम नागरिकों को सचेत करते हुए कहा है कि किसी भी अनजान खाते में पैसा जमा न करें, संदिग्ध कॉल, मैसेज या लिंक पर भरोसा न करें और यदि कोई व्यक्ति छोटे कारोबार का हवाला देकर बड़े लेन-देन करता दिखाई दे तो उसकी सूचना तुरंत बैंक या पुलिस को दें। किसी भी साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें। फर्जी बैंक खातों पर शिकंजा कसने के लिए विशेष टीमें सक्रिय हैं और नियमित तौर पर अपराधियों की धरपकड़ कर रही है।
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