सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Haryana ›   Karnal News ›   Skill Gair giving training to women to make LED bulbs to make them self-reliant

Karnal News: कौशल गाैर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एलईडी बल्ब बनाने का दे रही प्रशिक्षण

संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल Updated Fri, 21 Nov 2025 03:12 AM IST
विज्ञापन
Skill Gair giving training to women to make LED bulbs to make them self-reliant
कौशल गाैर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एलईडी बल्ब बनाने का दे रही प्रशिक्षण - फोटो : कौशल गाैर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एलईडी बल्ब बनाने का दे रही प्रशिक्षण
विज्ञापन
- 14 समूहों के प्रधान के रूप में कर रहीं कार्य,
Trending Videos

-ब्यूटी पार्लर और पशुपालन का भी दे रही प्रशिक्षण और रोजगार करने के लिए उपलब्ध करवाती हैं बाजार
संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। देश में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी अपने हुनर और कलाओं से आत्मनिर्भर बन रही है। ऐसे ही रसीना गांव की काैशल गाैर कई ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही हैं। वह स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दे रही हैं, जिसमें वह कई हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी साबित हो रही हैं। एलईडी बल्ब के साथ-साथ वह महिलाओं को बैंक में लेनदेन करना और बचत करना भी सीखा रही हैं।
काैशल गाैर ने वर्ष 2014 में स्वयं सहायता समूह से जुड़कर स्वरोजगार की शुरुआत की और ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य शुरू किया। वह अब तक दो हजार से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर प्रशिक्षण दे चुकी है। कौशल ने बताया कि वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, लेकिन मन में महिलाओं के लिए कुछ करने की हमेशा से चाह रही। स्वयं सहायता समूह से जुड़कर पहले स्वयं को दो साल तक प्रशिक्षित किया। वहीं, वर्तमान में वह अलग-अलग 14 समूहों की प्रधान के रूप में कार्यरत हैं। वह तीन से चार जिलों में ग्रामीण महिलाओं को एलईडी बल्ब बनाने का, ब्यूटी पार्लर और लिखा-पढ़ी का काम सीखा रही हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

कौशल ने बताया कि कई महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर होती है लेकिन परिवार की बंदिशों के कारण आगे नहीं बढ़ पाती। ऐसे में परिवार को भी समझाया जाता है कि वह अपने परिवार की महिलाओं को सशक्त करें। वर्तमान में वह चार समूहों पर काम कर रही हैं। पहले 700 समूह बनाकर महिलाओं को डेयरी फार्मिंग, पशुपालन, बेकरी का सामान बनाना और एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं।

-दो हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ा
2020 में एनजीओ जन कल्याण समिति से जुड़कर जेएलजी प्रोजेक्ट के 700 समूहों को तैयार कर उन्हें अलग-अलग तरह के कामों का प्रशिक्षण दिलाया और दो हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा। कौशल महिलाओं को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उत्पाद बेचने के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाती हैं। इसके अलावा वह कृषि क्षेत्र में भी कार्य कर रही हैं, जिसमें समूह की महिलाओं को कृषि से जुड़े कार्यों का प्रशिक्षण दे रही हैं।

-एलईडी बनाने के लिए दिल्ली से मंगवाते कच्चा माल
कौशल ने बताया कि एलईडी बल्ब बनाने के लिए दिल्ली और स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक बाजार से कच्चा माल लाया जाता है। इनमें एलईडी चिप्स, पीसीबी सर्किट बोर्ड, ड्राइवर, एल्यूमीनियम, प्लास्टिक की बाॅडी और डिफ्यूजर कवर का उपयोग कर एलईडी बल्ब को तैयार किया जाता है। एक बल्ब को बनाने में 30 से 40 रुपये का खर्चा आता है, जिसमें उसे 80 से 100 रुपये में बेचा जाता है। कौशल ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक बाजार से ऑर्डर आने पर एक दिन में 15 से 20 पेटी बल्ब की तैयार की जाती है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed