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Kurukshetra News: निवेश के नाम पर किसान से करीब 20 लाख रुपये ठगे
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कुरुक्षेत्र। जिले में निवेश के नाम पर एक किसान से करीब 20 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। फिक्स डिपाॅजिट से अधिक ब्याज का लालच देकर कंपनी के डायरेक्टर और पार्टनरों ने पहले भरोसा जीता और फिर धीरे-धीरे बड़ी रकम हड़प ली। शुरुआत में हर महीने ब्याज देकर निवेश बढ़वाया गया लेकिन बाद में न ब्याज मिला और न ही मूलधन वापस हुआ।
कैथल जिले के गांव सजुमा निवासी विक्रम पाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वर्ष 2022 में मेटा-एफ नामक कंपनी के डायरेक्टर गौरव प्रताप, राम सरण, दिनेश मेहता और रणदीप ने उससे संपर्क कर निवेश का झांसा दिया। आरोपियों ने कहा कि कंपनी को 18 महीनों के लिए पूंजी की जरूरत है और इसके बदले हर महीने चार से छह प्रतिशत तक रिटर्न मिलेगा। उन्होंने निवेश की राशि को जमीन खरीद और खनन कार्य में लगाने का दावा किया।
आरोपियों की बातों में आकर विक्रम पाल ने पहले करीब 32 हजार रुपये निवेश किए। उसे कंपनी के दस्तावेज भी दिखाए गए, जो बाद में फर्जी पाए गए। इसके बाद आरोपितों ने उसका ट्रस्ट वाॅलेट खुलवाया जिसमें डाॅलर के रूप में रकम ट्रांसफर की जाती थी। शुरुआत में नियमित मुनाफा मिलने से उसका भरोसा बढ़ गया और इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने ज्यादा ब्याज का लालच देकर उससे बार-बार निवेश करवाया।
शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी अलग-अलग स्थानों पर सेमिनार आयोजित कर लोगों को निवेश के लिए फंसाते थे। इसी तरह उससे करीब 20 लाख रुपये निवेश करवा लिए गए। बाद में आरोपियों ने पूरी राशि यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी में लगाने की बात कही। कुछ समय बाद ब्याज आना बंद हो गया। जब विक्रम पाल ने अपनी राशि वापस मांगी तो आरोपी टालमटोल करने लगे और फोन बंद कर लिए। कुरुक्षेत्र, चीका और करनाल स्थित उनके दफ्तरों पर ताले मिले। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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कैथल जिले के गांव सजुमा निवासी विक्रम पाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वर्ष 2022 में मेटा-एफ नामक कंपनी के डायरेक्टर गौरव प्रताप, राम सरण, दिनेश मेहता और रणदीप ने उससे संपर्क कर निवेश का झांसा दिया। आरोपियों ने कहा कि कंपनी को 18 महीनों के लिए पूंजी की जरूरत है और इसके बदले हर महीने चार से छह प्रतिशत तक रिटर्न मिलेगा। उन्होंने निवेश की राशि को जमीन खरीद और खनन कार्य में लगाने का दावा किया।
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आरोपियों की बातों में आकर विक्रम पाल ने पहले करीब 32 हजार रुपये निवेश किए। उसे कंपनी के दस्तावेज भी दिखाए गए, जो बाद में फर्जी पाए गए। इसके बाद आरोपितों ने उसका ट्रस्ट वाॅलेट खुलवाया जिसमें डाॅलर के रूप में रकम ट्रांसफर की जाती थी। शुरुआत में नियमित मुनाफा मिलने से उसका भरोसा बढ़ गया और इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने ज्यादा ब्याज का लालच देकर उससे बार-बार निवेश करवाया।
शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी अलग-अलग स्थानों पर सेमिनार आयोजित कर लोगों को निवेश के लिए फंसाते थे। इसी तरह उससे करीब 20 लाख रुपये निवेश करवा लिए गए। बाद में आरोपियों ने पूरी राशि यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी में लगाने की बात कही। कुछ समय बाद ब्याज आना बंद हो गया। जब विक्रम पाल ने अपनी राशि वापस मांगी तो आरोपी टालमटोल करने लगे और फोन बंद कर लिए। कुरुक्षेत्र, चीका और करनाल स्थित उनके दफ्तरों पर ताले मिले। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।