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Palwal News: प्रधानाचार्य से रिश्वत लेने वाला एएसआई गिरफ्तार, अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा
संवाद न्यूज एजेंसी, पलवल
Updated Tue, 09 Sep 2025 11:02 PM IST
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हथीन। उटावड़ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील यादव से समझौता कराने के नाम पर रिश्वत लेने वाले संबंधित थाने के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) मामचंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जानकारी के अनुसार, प्रधानाचार्य सुनील यादव ने केस दर्ज कराया कि विद्यालय में कमरों की कमी के कारण कक्षाएं बरामदे में लगती हैं। मुख्य गेट गांव के रास्ते पर होने से अक्सर बाहरी बच्चे अंदर आकर पढ़ाई में बाधा डालते थे। इसी दौरान एक बच्चे को डराने के लिए उन्होंने हल्की सी छड़ी से मारा ताकि अनुशासन बना रहे। लेकिन अगले ही दिन थाने से फोन आया कि उनके खिलाफ बच्चे की पिटाई की शिकायत दर्ज हुई है।
जांच अधिकारी एएसआई मामचंद ने उन्हें मेडिकल लीगल रिपोर्ट और शिकायत की फोटो दिखाई, जिसमें चोट के निशान दर्ज थे। प्रधानाचार्य का कहना है कि ये निशान बाद में जानबूझकर बनाए गए। आरोप है कि एएसआई मामचंद ने शिकायतकर्ता साहून खान से समझौता कराने की बात कहते हुए पहले दो लाख रुपये की मांग बताई। जब प्रधानाचार्य ने इन्कार कर दिया तो मामचंद ने खुद समझौता कराने के नाम पर उनसे 24 हजार रुपये नकद और 10 हजार रुपये यूपीआई से ले लिए।
शिकायत के अनुसार, पैसे लेने के बाद एएसआई ने न तो समझौता कराया और न ही फोन उठाया। बाद में तत्कालीन थाना प्रभारी ने प्रधानाचार्य को भरोसा दिलाया लेकिन उनके तबादले के कारण मामला अटका रहा। नए थाना प्रभारी ने मामचंद से रुपये लौटाने को कहा तो उसने दो दिन में वापस करने की बात कही लेकिन धनराशि नहीं लौटाई।
प्रधानाचार्य ने बताया कि 17 जुलाई को उन्हें जानकारी मिली कि उनके खिलाफ केस दर्ज हो गया है। उनका कहना है कि अगर उन्होंने रिश्वत न दी होती, तो शायद मामला दर्ज नहीं होता। इसके बाद उन्होंने एएसआई के खिलाफ शिकायत दी।
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित ने एसपी वरुण सिंगला से गुहार लगाई। इसके बाद भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी एएसआई मामचंद को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

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जानकारी के अनुसार, प्रधानाचार्य सुनील यादव ने केस दर्ज कराया कि विद्यालय में कमरों की कमी के कारण कक्षाएं बरामदे में लगती हैं। मुख्य गेट गांव के रास्ते पर होने से अक्सर बाहरी बच्चे अंदर आकर पढ़ाई में बाधा डालते थे। इसी दौरान एक बच्चे को डराने के लिए उन्होंने हल्की सी छड़ी से मारा ताकि अनुशासन बना रहे। लेकिन अगले ही दिन थाने से फोन आया कि उनके खिलाफ बच्चे की पिटाई की शिकायत दर्ज हुई है।
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जांच अधिकारी एएसआई मामचंद ने उन्हें मेडिकल लीगल रिपोर्ट और शिकायत की फोटो दिखाई, जिसमें चोट के निशान दर्ज थे। प्रधानाचार्य का कहना है कि ये निशान बाद में जानबूझकर बनाए गए। आरोप है कि एएसआई मामचंद ने शिकायतकर्ता साहून खान से समझौता कराने की बात कहते हुए पहले दो लाख रुपये की मांग बताई। जब प्रधानाचार्य ने इन्कार कर दिया तो मामचंद ने खुद समझौता कराने के नाम पर उनसे 24 हजार रुपये नकद और 10 हजार रुपये यूपीआई से ले लिए।
शिकायत के अनुसार, पैसे लेने के बाद एएसआई ने न तो समझौता कराया और न ही फोन उठाया। बाद में तत्कालीन थाना प्रभारी ने प्रधानाचार्य को भरोसा दिलाया लेकिन उनके तबादले के कारण मामला अटका रहा। नए थाना प्रभारी ने मामचंद से रुपये लौटाने को कहा तो उसने दो दिन में वापस करने की बात कही लेकिन धनराशि नहीं लौटाई।
प्रधानाचार्य ने बताया कि 17 जुलाई को उन्हें जानकारी मिली कि उनके खिलाफ केस दर्ज हो गया है। उनका कहना है कि अगर उन्होंने रिश्वत न दी होती, तो शायद मामला दर्ज नहीं होता। इसके बाद उन्होंने एएसआई के खिलाफ शिकायत दी।
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित ने एसपी वरुण सिंगला से गुहार लगाई। इसके बाद भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी एएसआई मामचंद को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।