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डबल शिफ्ट स्कूलों में धुंध और कड़ाके की ठंड में 7:30 बजे स्कूल पहुंच रहे मासूम
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मोहाली। जिले में बढ़ती ठंड और घनी धुंध ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सिंगल शिफ्ट में चल रहे स्कूलों का समय बदलकर सुबह 9 बजे कर दिया गया है, वहीं डबल शिफ्ट वाले स्कूलों के नन्हे छात्र अब भी सुबह 7:30 बजे कड़ाके की ठंड और कम दृश्यता के बीच स्कूल जाने को मजबूर हैं। इनमें सरकारी हाई स्कूल फेज-5, सरकारी हाई स्कूल मौली बैदवान, स्कूल ऑफ एमिनेंस फेज-3बी1, सरकारी हाई स्कूल फेज-6, सरकारी हाई स्कूल ढकोली और खरड़ स्थित मॉडल स्कूल प्रमुख हैं। सुबह के समय घनी धुंध के कारण सड़कों पर दृश्यता बेहद कम रहती है। कई इलाकों में हाथ को हाथ नहीं सूझने जैसी स्थिति बन रही है। ऐसे में छोटे बच्चों का इतनी सुबह घर से निकलना, खासकर पैदल या साइकिल से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के लिए, जोखिम भरा साबित हो सकता है।
अभिभावकों की चिंता : हादसों का बना रहता है डर
अभिभावकों का कहना है कि सुबह 7:30 बजे स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को अंधेरे, ठंड और धुंध में निकलना पड़ता है। सड़क पर तेज रफ्तार वाहन, फिसलन और कम दृश्यता के कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। कई माता-पिता ने सवाल उठाया है कि जब सिंगल शिफ्ट स्कूलों का समय बदला जा सकता है, तो डबल शिफ्ट स्कूलों के बच्चों को राहत क्यों नहीं दी जा रही। इस मुद्दे पर डीईओ (एलिमेंट्री) डॉ. गिन्नी दुग्गल ने कहा कि डबल शिफ्ट स्कूलों में समय का संतुलन बनाना आसान नहीं है। यदि सुबह की शिफ्ट का समय आगे बढ़ाया जाता है, तो दूसरी यानी इवनिंग शिफ्ट के बच्चों की छुट्टी देर शाम होगी। इससे उन्हें ठंड और अंधेरे में घर लौटना पड़ेगा, जो अपने आप में एक अलग समस्या है। फिलहाल सर्दियों की छुट्टियां नजदीक हैं। 24 दिसंबर से स्कूलों में अवकाश शुरू हो रहा है और अभी केवल दो कार्य दिवस ही शेष हैं। ऐसे में इतने कम समय के लिए व्यवस्था में बड़ा बदलाव करना व्यावहारिक रूप से कठिन है।
डीईओ ने आश्वासन दिया कि सर्दियों की छुट्टियों के बाद जब स्कूल दोबारा खुलेंगे, उस समय मौसम की स्थिति का दोबारा आकलन किया जाएगा। यदि तब भी ठंड और धुंध का प्रकोप जारी रहता है, तो डबल शिफ्ट स्कूलों के समय में बदलाव को लेकर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से चर्चा कर विकल्प तलाशा जाएगा।
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अभिभावकों का कहना है कि सुबह 7:30 बजे स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को अंधेरे, ठंड और धुंध में निकलना पड़ता है। सड़क पर तेज रफ्तार वाहन, फिसलन और कम दृश्यता के कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। कई माता-पिता ने सवाल उठाया है कि जब सिंगल शिफ्ट स्कूलों का समय बदला जा सकता है, तो डबल शिफ्ट स्कूलों के बच्चों को राहत क्यों नहीं दी जा रही। इस मुद्दे पर डीईओ (एलिमेंट्री) डॉ. गिन्नी दुग्गल ने कहा कि डबल शिफ्ट स्कूलों में समय का संतुलन बनाना आसान नहीं है। यदि सुबह की शिफ्ट का समय आगे बढ़ाया जाता है, तो दूसरी यानी इवनिंग शिफ्ट के बच्चों की छुट्टी देर शाम होगी। इससे उन्हें ठंड और अंधेरे में घर लौटना पड़ेगा, जो अपने आप में एक अलग समस्या है। फिलहाल सर्दियों की छुट्टियां नजदीक हैं। 24 दिसंबर से स्कूलों में अवकाश शुरू हो रहा है और अभी केवल दो कार्य दिवस ही शेष हैं। ऐसे में इतने कम समय के लिए व्यवस्था में बड़ा बदलाव करना व्यावहारिक रूप से कठिन है।
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डीईओ ने आश्वासन दिया कि सर्दियों की छुट्टियों के बाद जब स्कूल दोबारा खुलेंगे, उस समय मौसम की स्थिति का दोबारा आकलन किया जाएगा। यदि तब भी ठंड और धुंध का प्रकोप जारी रहता है, तो डबल शिफ्ट स्कूलों के समय में बदलाव को लेकर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से चर्चा कर विकल्प तलाशा जाएगा।