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Panchkula News: प्रूनिंग की अनदेखी से लोग परेशान, नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल
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मोहाली। पेड़ों की प्रूनिंग नहीं होने से नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों के किनारे और रिहायशी इलाकों में फैली पेड़ों की टहनियां न केवल आवाजाही में बाधा बन रहीं हैं, बल्कि बिजली की तारों और घरों के लिए भी खतरा बनी हुई है। नगर निगम के पास पेड़ों की प्रूनिंग के लिए केवल चार मशीनें उपलब्ध हैं, जो शहर के विभिन्न सेक्टरों और कॉलोनियों के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं। इससे काम में लगातार देरी हो रही है। स्थानीय लोगों और पार्षदों का आरोप है कि कभी पेट्रोल के लिए पैसे न होने और कभी ड्राइवर की कमी का हवाला देकर काम टाल दिया जाता है। नगर निगम के पास मौजूद एक बड़ी प्रूनिंग मशीन लंबे समय से इस्तेमाल में नहीं लाई जा रही है।
इससे वह सफेद हाथी बनकर खड़ी है। मशीन होने के बावजूद प्रूनिंग का काम न होने से लोगों में नाराजगी है। फेज-7 की पार्षद अनुराधा आनंद ने बताया कि उनके वार्ड में छह माह में सिर्फ एक बार मशीन आई थी। वह भी काम पूरा सही ढंग से नहीं करके गई। ठंड का मौसम शुरू हो चुका है, सीनियर सिटीजन को धूप न मिलने से काफी परेशानी हो रही है। कई ऐसे इलाके हैं जहां पर पेड़ काफी बड़े हो चुके हैं। इनकी प्रूनिंग न होने से धूप नहीं मिल पा रही है। फेज-2 निवासी बुजुर्ग पवन शर्मा ने बताया कि उनके घर के सामने बड़े-बड़े पेड़ लगे हैं। उसकी टहनियों के कारण उनके घर के बाहर धूप न आने से काफी परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि पार्षद को कई बार कहा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनकी मांग है कि शहर की इस समस्या को देखते हुए नगर निगम को जल्द कदम उठाना चाहिए।
चहेते पार्षदों और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के वार्ड में तुरंत पहुंच जाती है मशीन
शहर में पेड़ों की प्रूनिंग को लेकर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर राजनीतिक सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि नगर निगम की मशीनें चहेते पार्षदों और सत्ताधारी पार्टी से जुड़े नेताओं के वार्डों में तो तुरंत पहुंच जाती हैं, जबकि अन्य वार्डों के लोग महीनों से प्रूनिंग का इंतजार कर रहे हैं। विपक्षी पार्षदों का कहना है कि जिन वार्डों में सत्ताधारी गुट के पार्षदों का प्रभाव है, वहां संसाधनों की कोई कमी नहीं दिखाई देती, लेकिन बाकी इलाकों में पेट्रोल, ड्राइवर और मशीनों की कमी का बहाना बनाया जाता है।
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इससे वह सफेद हाथी बनकर खड़ी है। मशीन होने के बावजूद प्रूनिंग का काम न होने से लोगों में नाराजगी है। फेज-7 की पार्षद अनुराधा आनंद ने बताया कि उनके वार्ड में छह माह में सिर्फ एक बार मशीन आई थी। वह भी काम पूरा सही ढंग से नहीं करके गई। ठंड का मौसम शुरू हो चुका है, सीनियर सिटीजन को धूप न मिलने से काफी परेशानी हो रही है। कई ऐसे इलाके हैं जहां पर पेड़ काफी बड़े हो चुके हैं। इनकी प्रूनिंग न होने से धूप नहीं मिल पा रही है। फेज-2 निवासी बुजुर्ग पवन शर्मा ने बताया कि उनके घर के सामने बड़े-बड़े पेड़ लगे हैं। उसकी टहनियों के कारण उनके घर के बाहर धूप न आने से काफी परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि पार्षद को कई बार कहा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनकी मांग है कि शहर की इस समस्या को देखते हुए नगर निगम को जल्द कदम उठाना चाहिए।
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चहेते पार्षदों और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के वार्ड में तुरंत पहुंच जाती है मशीन
शहर में पेड़ों की प्रूनिंग को लेकर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर राजनीतिक सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि नगर निगम की मशीनें चहेते पार्षदों और सत्ताधारी पार्टी से जुड़े नेताओं के वार्डों में तो तुरंत पहुंच जाती हैं, जबकि अन्य वार्डों के लोग महीनों से प्रूनिंग का इंतजार कर रहे हैं। विपक्षी पार्षदों का कहना है कि जिन वार्डों में सत्ताधारी गुट के पार्षदों का प्रभाव है, वहां संसाधनों की कोई कमी नहीं दिखाई देती, लेकिन बाकी इलाकों में पेट्रोल, ड्राइवर और मशीनों की कमी का बहाना बनाया जाता है।