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सीमा विस्तार के बाद वार्डबंदी : नगर निगम के 50 वार्ड बरकरार, क्षेत्रफल में आया बदलाव

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:49 PM IST
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Ward delimitation after boundary expansion: The municipal corporation's 50 wards remain unchanged, but their geographical area has been altered.
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मोहाली। वार्डबंदी को लेकर चंडीगढ़ में शनिवार को परिसीमन समिति की बैठक हुई। इसमें वार्डों की संख्या 50 रखा गया है। 7 वार्ड विशेष श्रेणियों के लिए रिजर्व रखा गया है। निगम का सीमा विस्तार हाेने से वार्डों की संख्या में कोई फर्क नहीं आया है। जैसे निगम का क्षेत्र बढ़ गया है, वैसे ही वार्डों का क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। इस वार्डबंदी में नगर निगम के वार्डों की संख्या में बदलाव किया गया है। नगर निगम की नई वार्डबंदी को लेकर आम जनता और राजनीतिक दलों को एतराज दर्ज कराने के लिए नौ दिन का समय दिया गया है। नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार वार्डबंदी का प्रस्ताव और नक्शा निगम कार्यालय में सार्वजनिक किया गया है, ताकि लोग इसे देखकर अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकें।
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नगर निगम के 50 वार्डों में से पांच वार्ड अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित किए जाएंगे। इनमें 2 वार्ड एससी लेडीज के लिए जबकि 3 वार्ड एससी जनरल रहेंगे। अनुसूचित जाति वर्ग के पुरुष और महिलाएं दोनों चुनाव लड़ सकेंगे। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग (बीसी) के लिए भी वार्ड आरक्षित किए जाएंगे। इस तरह कुल 7 वार्ड विशेष श्रेणियों के लिए रिजर्व होंगे। इसके साथ ही कुल वार्डों का 50 प्रतिशत हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा, जैसा कि पिछली बार था। विषम (ऑड) नंबर वाले वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे, जबकि सम (इवन) नंबर वाले वार्ड जनरल रहेंगे। जनरल वार्डों में भी महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ सकेंगी।
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घमासान तेज, मेयर समेत दो कांग्रेसी पार्षदों ने किया विरोध
नगर निगम की नई वार्डबंदी को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। परिसीमन समिति के इस फैसले को आगामी नगर निगम चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है जो फरवरी-मार्च में होने की संभावना जताई जा रही है। वार्डबंदी को लेकर शनिवार को चंडीगढ़ में हुई कमेटी की बैठक का मेयर जीती सिद्धू सहित दो कांग्रेस पार्षदों कमलप्रीत सिंह बन्नी और जसप्रीत सिंह जो कि कमेटी के सदस्य थे ने बहिष्कार किया। मेयर ने बैठक की प्रक्रिया पर सवाल उठाकर कहा कि नगर निगम एक्ट के नियमों के अनुसार किसी भी कमेटी की बैठक की सूचना कम से कम दस दिन पहले लिखित रूप में दी जानी चाहिए थी, जबकि इस बैठक की सूचना तय समय में नहीं दी गई।
उन्होंने इसे नियमों की खुली अवहेलना करार दिया। मेयर ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और उसके विधायकों पर गंभीर आरोप लगाकर कहा कि नई वार्डबंदी के जरिए अपने चहेते नेताओं और पार्षदों को राजनीतिक लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि वार्डों की सीमाएं इस तरह बदली गई हैं, जिससे चुनावी समीकरण प्रभावित होंगे और सत्ता पक्ष को फायदा मिलेगा। दूसरी ओर पंजाब की सत्ताधारी पार्टी नेताओं का कहना है कि वार्डबंदी पूरी तरह नियमों और जनसंख्या के आधार पर की गई है और इसका मकसद प्रशासनिक संतुलन बनाना है, न कि किसी को फायदा पहुंचाना।


वार्डबंदी का प्रोसेस पूरा हो गया है। जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। - परमिंदर पाल सिंह, कमिश्नर, नगर निगम
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