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Panipat News: लखपति दीदी जांचेंगी पानी की गुणवत्ता
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पानीपत। लखपति व ड्रोन दीदी अब पानी की गुणवत्ता की भी जांच करेंगी। वे जन स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में काम करेंगी। प्रत्येक गांव से एक महिला को शामिल किया जाएगा। विभाग द्वारा इसके लिए उनको बाकायदा प्रशिक्षण भी देगा। इसकी पूरी कार्ययोजना एक या दो दिन में बनाने की बात कही जा रहा रही है।
शहर समेत जिले में पेयजल लगातार नीचे जा रहा है। यह करीब 120 फीट पर है। इसके साथ पानी की बर्बादी भी लगातार की जा रही है। इसके साथ कई कॉलोनियों व गांवों में पूरे कनेक्शन नहीं हैं। इनको पंजीकृत कराना जरूरी है। पानी की बर्बादी रोकने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग आगे आया है। इसके लिए लखपति व ड्रोन दीदी की मदद से सर्वे किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इससे समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का एक मौका ओर मिलेगा और इसके जरिये वे अपनी आय भी बढ़ा पाएंगी। समूह की महिलाएं अब अपने-अपने गांव में पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी। इसके लिए विभाग कार्ययोजना तैयार की जाएगी। अगले सप्ताह से प्रत्येक गांव से चयनित एक-एक समूह की महिला को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके बाद वे अपने-अपने गांव में पानी की जांच करेंगी। इसके लिए उनको किट दी जाएंगी। एक दिन में पानी के तीन सैंपल लेने होंगे। प्रत्येक सैंपल पर 10 प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा। इससे उन्हें आर्थिक रूप से भी मदद मिलेगी।
वर्जन
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी। इसके लिए समूह की महिलाओं को अगले सप्ताह से प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग द्वारा महिलाओं को जांच के लिए किट दी जाएंगी। जिसके माध्यम से वे अपने-अपने गांव में पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी और गांव में लोगों को भी जागरूक करेंगी।
डॉ. सतविंद्र सिंह, सलाहकार, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग।
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शहर समेत जिले में पेयजल लगातार नीचे जा रहा है। यह करीब 120 फीट पर है। इसके साथ पानी की बर्बादी भी लगातार की जा रही है। इसके साथ कई कॉलोनियों व गांवों में पूरे कनेक्शन नहीं हैं। इनको पंजीकृत कराना जरूरी है। पानी की बर्बादी रोकने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग आगे आया है। इसके लिए लखपति व ड्रोन दीदी की मदद से सर्वे किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इससे समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का एक मौका ओर मिलेगा और इसके जरिये वे अपनी आय भी बढ़ा पाएंगी। समूह की महिलाएं अब अपने-अपने गांव में पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी। इसके लिए विभाग कार्ययोजना तैयार की जाएगी। अगले सप्ताह से प्रत्येक गांव से चयनित एक-एक समूह की महिला को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके बाद वे अपने-अपने गांव में पानी की जांच करेंगी। इसके लिए उनको किट दी जाएंगी। एक दिन में पानी के तीन सैंपल लेने होंगे। प्रत्येक सैंपल पर 10 प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा। इससे उन्हें आर्थिक रूप से भी मदद मिलेगी।
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स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी। इसके लिए समूह की महिलाओं को अगले सप्ताह से प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग द्वारा महिलाओं को जांच के लिए किट दी जाएंगी। जिसके माध्यम से वे अपने-अपने गांव में पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी और गांव में लोगों को भी जागरूक करेंगी।
डॉ. सतविंद्र सिंह, सलाहकार, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग।